क्या किसान आंदोलन को ‘आहत भावनाओं’ की सियासत कर कमज़ोर करने की कोशिश चल रही है

क्या सिंघू बॉर्डर पर हुई हत्या का समूचा प्रसंग निहित स्वार्थी तबकों की बड़ी साज़िश का हिस्सा था ताकि काले कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ खड़े हुए ऐतिहासिक किसान आंदोलन को बदनाम किया जा सके या तोड़ा जा सके? क्या निहंग नेता का केंद्रीय मंत्री से पूर्व पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में मिलना इस उद्देश्य के लिए चल रही क़वायद का इशारा तो नहीं है?

सिंघू बॉर्डर लिंचिंग: किसान मोर्चा ने मामले की सुप्रीम कोर्ट के जज से जांच कराने की मांग की

पंजाब के तरन तारन ज़िले के दलित मज़दूर लखबीर सिंह का शव बीते 15 अक्टूबर को दिल्ली-हरियाणा के सिंघू बॉर्डर पर एक बैरिकेड से बंधा हुआ पाया गया था. एक वीडियो में सिखों के धर्मग्रंथ की बेअदबी के आरोप में निहंग सिखों के एक समूह ने उनकी हत्या किए जाने की बात स्वीकार की थी.

निहंग समूहों ने कृषि मंत्री से ‘गोपनीय’ मुलाक़ात करने वाले अमन सिंह का बहिष्कार किया

निहंगों ने मांग की है कि पुलिस इस मामले की जांच कर पता लगाए कि वे भाजपा नेताओं के साथ क्या कर रहे थे. हाल ही में एक निहंग धड़े के प्रमुख बाबा अमन सिंह की केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर के साथ तस्वीर वायरल हुई थी, जिसके बाद से किसान आंदोलन को ख़त्म करने की साज़िश के कयास लगाए जा रहे हैं.

हरियाणा पुलिस ने सिंघू बॉर्डर पर मारे गए व्यक्ति के ख़िलाफ़ ही केस दर्ज किया

हरियाणा के कुंडली थाने में सिखों के पवित्र पुस्तक का कथित तौर पर अपमान करने के आरोप में दलित श्रमिक लखबीर सिंह के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया है. बीते दिनों सिंघू बॉर्डर पर सिंह की हत्या कर दी गई थी, जिसकी ज़िम्मेदारी निहंगों ने ली है.

निहंग नेता के साथ कृषि मंत्री की तस्वीर पर विवाद, पैसे के बदले किसान धरना स्थल से हटने का आरोप

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर के साथ तस्वीर में नज़र आए निहंग धड़े के एक प्रमुख बाबा अमन सिंह ने आरोप लगाया है कि केंद्र ने निहंग सिखों को किसान प्रदर्शन स्थल से हटने के लिए पैसे की पेशकश की थी, लेकिन उन्हें ख़रीदा नहीं जा सकता है. अमन सिंह धड़े के लोग ही सिंघू बॉर्डर पर पिछले हफ़्ते एक दलित मज़दूर की बर्बर तरीके से हत्या करने के मामले में आरोपी हैं.