लालू प्रसाद यादव की वे बेटियां, जो राजनीति में नहीं हैं, भी ज़मीन के बदले नौकरी के कथित घोटाले को लेकर केंद्रीय एजेंसियों की जांच के दायरे में आ गई हैं, लेकिन उनके बड़े बेटे तेज प्रताप यादव अब तक इनके निशाने पर नहीं हैं. बिहार के राजनीतिक विश्लेषक इसे महज़ संयोग मानने को तैयार नहीं हैं.
बिहार में बुधवार को नवगठित महागठबंधन सरकार को बहुमत साबित करना था और इसी दिन सुबह सीबीआई ने राष्ट्रीय जनता दल के कई नेताओं के घर पर छापे मारे. बताया गया है कि कार्रवाई केंद्रीय रेल मंत्री के रूप में लालू प्रसाद यादव के कार्यकाल में हुए ज़मीन के बदले नौकरी संबंधी कथित घोटाले को लेकर हुई है.
भोला यादव बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान उनके ओएसडी थे. आरोप है कि भोला ने नौकरियां दिलाने और बाद में लालू के परिवार को ज़मीन हस्तांतरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. एजेंसी ने एक रेलवे कर्मचारी हृदयानंद चौधरी को भी गिरफ़्तार किया है, जो घोटाले के कथित लाभार्थी हैं.