बैंक खाताधारकों को ‘नो योर कस्टमर’ (केवाईसी) की औपचारिकताओं का पालन कराने के लिए बड़े पैमाने पर बैंक खाते फ्रीज किए जा रहे हैं. दूरदराज़ के इलाकों में रहने वाले ग़रीब लोगों के लिए यह एक आपदा के समान है.
नए बैंक नियमों के अनुसार, सभी खाताधारकों को हर दो साल में अपने केवाईसी विवरण को अपडेट करना होगा, लेकिन इससे दूरदराज के इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए परेशानी बढ़ गई है.
लगभग 20,000 की आबादी और 60 किलोमीटर के दायरे में फैले झारखंड के बूढ़ा पहाड़ क्षेत्र को पिछले साल ही माओवादियों के चंगुल से मुक्त कराया गया था. गांव, परिवार और व्यक्तिगत स्तर पर किए गए सर्वेक्षणों के आधार पर तैयार की गई एक सरकारी रिपोर्ट में क्षेत्र के निवासियों की दुर्दशा सामने आई है.
पिछले साल जून में झारखंड के लातेहार ज़िले में सुरक्षाबलों की गोली से एक आदिवासी व्यक्ति की मौत हो गई थी. सुरक्षाबलों ने दावा किया था कि मृतक और उनके साथियों की ओर से हमला करने पर जवाबी कार्रवाई में व्यक्ति की मौत हुई, जबकि ग्रामीणों का दावा था कि सुरक्षाकर्मियों ने शिकार करने गए लोगोंं पर देखते ही फायरिंग शुरू कर दी थी.
झारखंड के लातेहार ज़िले के मनिका क्षेत्र का मामला. बीते दो सालों से बंद पड़े स्कूलों के विरोध में निकली रैली में शामिल अभिभावकों ने कहा कि अगर भीड़ को बाज़ारों, शादी और क्रिकेट स्टेडियम में जाने की अनुमति है तो स्कूलों को क्यों बंद रखा गया है. उन्होंने कहा कि सरकार ऑनलाइन शिक्षा पर ज़ोर दे रही है, लेकिन मनिका जैसे इलाकों में कुछ ही बच्चे ऑनलाइन पढ़ पाते हैं.
झारखंड के लातेहार ज़िले के एक गांव में बीते 12 जून को एक नक्सल अभियान पर निकली सुरक्षा बलों की टीम का सामना स्थानीय परपंरा के तहत शिकार पर निकले आदिवासियों के समूह से हो गया था. इस दौरान सुरक्षाबलों की गोलीबारी में एक आदिवासी की मौत हो गई. पुलिस का कहना है कि ग्रामीणों ने पहले गोली चलाई, जबकि ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस ने एकतरफ़ा कार्रवाई की.
झारखंड के लातेहार जिला प्रशासन ने यह कहते हुए मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि भूख से मौत को साबित करने के लिए पर्याप्त जानकारी नहीं है.
ग्राउंड रिपोर्ट: झारखंड के लातेहार ज़िले में बीते जनवरी में दो बच्चों की मां के साथ सामूहिक बलात्कार और मारपीट की गई, जिसके बाद वह कोमा में चली गईं. तकरीबन चार महीने कोमा की हालत में एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल भटकने के बाद इस आदिवासी महिला की मौत हो गई.
झारखंड के लातेहार ज़िले के बालूमाथ में साल 2016 में दो पशु व्यापारियों की भीड़ ने पीट-पीट कर हत्या कर दी थी. मृतकों के परिवारों ने झारखंड सरकार से उचित सुरक्षा मुहैया कराने के साथ ही मुआवज़े की मांग की है.
बीते 17 मार्च 2016 को 32 वर्षीय मजलूम अंसारी और 13 वर्षीय इम्तियाज़ को गोहत्या के शक में भीड़ द्वारा हत्या कर शवों को पेड़ पर लटका दिया गया था.
मज़दूर दिवस के मौके पर झारखंड के मनरेगा मज़दूर और पेंशनधारियों ने बैंक भुगतान में आ रही समस्याओं के बारे में रिज़र्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल को अपनी मांगें लिखकर भेजी हैं.