नेपाली प्रधानमंत्री पुष्प कुमार दहल, जो इस महीने के अंत में चीन के दौरे पर जाने वाले हैं, ने अब तक चीन द्वारा जारी नए मानचित्र पर कोई टिप्पणी नहीं की है. नेपाल से पहले भारत ने भी चीन के नए नक़्शे पर विरोध दर्ज करवाया था.
बीते दिसंबर महीने में उत्तराखंड में एक चुनावी रैली के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई उस घोषणा के बाद भारत और नेपाल के बीच सीमा का मुद्दा गर्मा गया है, जिसमें उन्होंने लिपुलेख क्षेत्र में सड़क विस्तार करने की बात कही थी. नेपाल लिपुलेख को अपना हिस्सा बताता रहा है.