बिहार में आठ साल पहले अप्रैल 2016 में शराबबंदी क़ानून लागू हुआ था. एक मामले की सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट ने कहा कि पुलिसवालों समेत कई विभाग के अधिकारियों को यह क़ानून पसंद है क्योंकि इससे मोटी कमाई होती है
मौत के ये मामले भागलपुर और मधेपुरा ज़िलों में सामने आए हैं. कुछ मीडिया रिपोर्ट में मरने वालों की संख्या 20 से 30 बताई जा रही है. बिहार में अप्रैल 2016 से शराब की बिक्री और खपत पर प्रतिबंध लगा हुआ है. हालांकि इस पर अमल को लेकर हमेशा से सवाल उठते रहे हैं. राज्य में कथित तौर पर ज़हरीली शराब से लोगों की मौत की घटनाएं अक्सर होती रहती हैं.
बिहार में अप्रैल 2016 से शराब की बिक्री और खपत पर प्रतिबंध लगा हुआ है. हालांकि कथित तौर ज़हरीली शराब से लोगों की मौत की घटनाएं अक्सर होती रहती हैं. पिछले साल दिवाली के समय ऐसी ही एक अन्य घटना में चार ज़िलों में 40 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी.
सीआईएबीसी परिसंघ ने ज्ञापन देकर कहा है कि शराबबंदी के कारण ही बिहार में अवैध शराब की तस्करी बढ़ी है तथा सरकारी ख़ज़ाने को बड़ा नुक़सान हुआ है. हाल ही में आए एनएफएचएस-5 के मुताबिक़ बिना शराबबंदी वाले महाराष्ट्र की तुलना में बिहार में शराब का उपभोग अधिक है.
साल 2016 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में शराबबंदी लागू की थी. अब राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे में सामने आया है कि बिना शराबबंदी वाले महाराष्ट्र की तुलना में बिहार में शराब का उपभोग अधिक है.
पटना हाईकोर्ट ने शराबबंदी से संबंधित कई जमानत याचिकाओं की सुनवाई करते हुए बरामद की गई शराब की राशि के बराबर पैसा पीएम केयर्स फंड में जमा कराने के बाद जमानत दिए जाने का आदेश दिया.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दावे के उलट कैग की रिपोर्ट बताती है कि शराबबंदी के कारण वित्त वर्ष 2016-2017 में कर राजस्व में गिरावट आई है.
कैमूर जिले के भभुआ में एक गोदाम से ज़ब्त की गई बीयर गायब होने पर अधिकारियों का कहना है कि देखकर ऐसा लगता है कि बीयर के कैन चूहों ने कुतर दिए हैं, जिससे वे ख़ाली हो गए.
बिहार में दो साल से लागू बिहार मद्य निषेध व उत्पाद अधिनियम, 2016 में करीब आधा दर्जन संशोधन के प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है. 20 जुलाई से शुरू हो रहे विधानसभा के मॉनसून सत्र में संशोधन प्रस्ताव को पेश किया जाएगा. इसे लेकर काफी हंगामा होने की उम्मीद है.
पुलिस के मुताबिक, मृतक सुरेंद्र साह पूर्वी चंपारण ज़िले का रहने वाला था. उसे 17 जून को शराब पीने के चलते उसके गांव से गिरफ़्तार करके जेल में डाला गया था. वह गिरफ़्तारी के बाद से ही बीमार रह रहा था.
बिहार के स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में केंद्र सरकार को पत्र लिखा है.
अधिकारियों ने बताया कि शराब तस्करी में शामिल ज़्यादातर बच्चे अनुसूचित जाति और आर्थिक रूप से पिछड़े समुदाय से हैं.
बिहार में शराबबंदी लागू होने के बाद पिछले दो साल में 1,22,392 लोग जेल में बंद हैं.
बिहार की गया लोकसभा सीट से भाजपा सांसद हरि मांझी के बेटे राहुल मांझी और उनके दोस्तों को शराब पीने की वजह से बीते 23 अप्रैल को गिरफ़्तार किया गया था.
शराबबंदी क़ानून के तहत अब तक कुल 1 लाख 21 हज़ार 586 लोगों की ग़िरफ्तारी हुई है, जिनमें से अधिकांश बेहद ग़रीब तबके से आते हैं.