द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में आयोजित एक रैली में कहा कि हमारा देश धर्मनिरपेक्ष है, लेकिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने कभी भी धर्मनिरपेक्षता को स्वीकार नहीं किया. उनकी विचारधारा एडॉल्फ हिटलर और बेनिटो मुसोलिनी के फासीवाद से प्रेरित है.
भाजपा सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल द्वारा प्रस्तुत किए गए ‘अनिवार्य मतदान विधेयक’ पर चर्चा के जवाब में क़ानून और न्याय राज्यमंत्री एसपी सिंह बघेल ने कहा कि अगर कुछ लोग वोट डालना नहीं चाहते हैं तो उन्हें इसके लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है. यह व्यावहारिक नहीं है कि अपने मताधिकार का प्रयोग न करने पर लोगों को दंडित किया जाए.
बीते 13 अगस्त को प्रधानमंत्री के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में एक मतदाता सूची तैयार करने को लेकर दो विकल्पों पर चर्चा हुई. मुख्य सचिव ने कैबिनेट सचिव को राज्यों से परामर्श करने और एक महीने में अगले क़दम का सुझाव देने के लिए कहा है.
चुनाव राउंडअप: शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि शिवसेना और भाजपा के बीच मतभेद थे लेकिन अब वे हल हो गए हैं. गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के बेटों ने राजनीति में आने के संकेत दिए. हरियाणा में भाजपा सांसद की ज़ुबान फिसली. कहा- कांग्रेस की जीत होगी. केरल में सबरीमला विवाद को लेकर भाजपा प्रत्याशी को 14 दिनों की जेल की सज़ा.
आज की मास्टरक्लास में अपूर्वानंद देश की मौजूदा राजनीति पर स्वराज अभियान के नेता योगेंद्र यादव के साथ चर्चा कर रहे हैं.
हम भी भारत की इस कड़ी में आरफ़ा ख़ानम शेरवानी गुजरात के वडगाम से विधायक जिग्नेश मेवाणी से आगामी लोकसभा चुनाव में प्रभावी समीकरणों पर चर्चा कर रही हैं.
कांग्रेस-एनसीपी से गठबंधन के लिए प्रकाश आंबेडकर की पार्टी और अन्य दलों के गठबंधन वंचित बहुजन अघाड़ी ने राज्य की 48 लोकसभा सीटों में से 12 सीटों की मांग की थी, जिस पर कांग्रेस की ओर से चार सीटें देने की पेशकश की गई थी.
साक्षात्कार: आगामी लोकसभा चुनाव, महाराष्ट्र कांग्रेस के भीतर मची अंदरूनी कलह और राज्य में विभिन्न दलों के साथ गठबंधन की संभावना पर मुंबई कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष संजय निरुपम से प्रशांत कनौजिया की बातचीत.
राकांपा प्रमुख शरद पवार ने कहा कि उनके परिवार से दो लोग चुनाव लड़ रहे हैं. वह 14 बार चुनाव जीत चुके हैं, इसलिए चुनाव नहीं लड़ने का फैसला लिया है.
चुनाव आयोग की ओर से जारी निर्देशों के अनुसार, उम्मीदवारों और दलों को व्यापक रूप से प्रसारित समाचार पत्रों तथा लोकप्रिय टीवी चैनलों में कम से कम तीन अलग-अलग तारीख़ों पर अपने आपराधिक रिकॉर्ड को सार्वजनिक करना होगा.
ठाणे पुलिस का कहना है कि ये आधार कार्ड 2015 से पहले के बने हुए हैं और इन पर 2013 से 2015 की डाक टिकटें लगी हैं. इनका अब पाया जाना सवाल खड़े करता है.
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टीएस कृष्णमूर्ति ने कहा कि जिस तरह से राजनीतिक दल आपस में लड़ रहे हैं, ऐसी स्थिति में निर्वाचन आयोग के लिए सबसे बड़ी चुनौती चुनाव आचार संहिता लागू करने की होगी.
एक नागरिक और कार्यकर्ता के रूप में सतर्क रहना चाहिए कि राजनीति चंद परिवारों के हाथ में न रह जाए. लेकिन इस सवाल पर बहस करने योग्य न तो अमित शाह हैं, न नरेंद्र मोदी और न राहुल गांधी. सिर्फ जनता इसकी योग्यता रखती है. जब तक ये नेता कोई साफ़ लाइन नहीं लेते हैं, परिवारवाद के नाम पर इनकी बकवास न सुनें.
पिछले कुछ दिनों से बिहार में सीट बंटवारे को लेकर लोजपा और भाजपा के बीच अनबन की खबरें आ रही थीं. रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान ने ट्वीट कर इसके संकेत दिए थे.