उत्तर प्रदेशः धर्मांतरण कानून के तहत जेल भेजे गए लड़के की पहले की गई थी पिटाई, दो गिरफ़्तार

यूपी के बिजनौर ज़िले की घटना. 14 दिसंबर को नाबालिग दलित लड़की एक दोस्त के साथ रात में अपने एक अन्य दोस्त की जन्मदिन पार्टी से पैदल घर लौट रही थी कि कुछ लोगों ने कथित तौर पर इन दोनों का पीछा किया और इनकी डंडों से पिटाई की.

यूपी और हिमाचल के बाद मध्य प्रदेश में भी धर्मांतरण विरोधी विधेयक को मंज़ूरी, अधिकतम 10 साल की सज़ा

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई विशेष बैठक में इसे हरी झंडी दी गई. विधेयक में सामूहिक धर्म परिवर्तन कराए जाने पर कम से कम पांच साल और अधिकतम दस साल के कारावास और एक लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान है. इस अधिनियम के तहत दर्ज मामले ग़ैर-ज़मानती होंगे.

हिमाचल प्रदेशः नए धर्मांतरण क़ानून में वहीं प्रावधान, जिन्हें 2012 में हाईकोर्ट ने ख़ारिज किया था

साल 2012 में हिमाचल प्रदेश की तत्कालीन कांग्रेस सरकार बीते दिनों लागू हुए नए धर्मांतरण विरोधी क़ानून जैसा एक क़ानून लाई थी, जिसे हाईकोर्ट द्वारा असंवैधानिक और मौलिक अधिकारों का हनन बताते हुए उस पर रोक लगा दी गई थी.

योगी सरकार के अंतरधार्मिक विवाहों को निशाना बनाने के पीछे मनु के आदर्श फैलाने की मंशा है

योगी आदित्यनाथ सरकार के नए क़ानून का उद्देश्य केवल ध्रुवीकरण नहीं बल्कि स्त्रियों को उनके अधिकारों और अपने लिए निर्णय लेने की उनकी क्षमता से उन्हें वंचित करना भी है.

उत्तर प्रदेश: बिजनौर में अपनी दोस्त के साथ जा रहे लड़के को लव जिहाद के आरोप में जेल भेजा

पुलिस का कहना है कि दलित नाबालिग लड़की के पिता के कहने पर एफ़आईआर दर्ज की गई है, जबकि पिता ने इस बात से इनकार किया है. उन्होंने मामले को राजनीतिक रूप देने के लिए गांव के प्रधान पर आरोप लगाया है. हालांकि प्रधान ने उनके आरोपों को ख़ारिज करते हुए कहा है कि उन्होंने केस दर्ज कराने में उनकी मदद की थी.

सीएए, एनआरसी से लेकर लव जिहाद तक मुसलमान विरोध का सिलसिला

वीडियो: सीएए, एनआरसी और लव जिहाद को लेकर मुस्लिम विरोध की राजनीति पर दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो. अपूर्वानंद से द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन की बातचीत.

बालिग महिला मर्ज़ी से शादी और धर्म परिवर्तन करे, तो दख़ल की ज़रूरत नहींः कलकत्ता हाईकोर्ट

कलकत्ता हाईकोर्ट ने 19 साल की एक युवती के पिता की याचिका पर सुनवाई करते यह टिप्पणी की. पुलिस के अनुसार, युवती ने अपनी इच्छा से धर्म परिवर्तन कर विवाह किया था और अपने पिता के घर नहीं लौटना चाहतीं.

उत्तर प्रदेश: अंतर धार्मिक विवाह कराने वाले वकील ने पुलिस पर प्रताड़ना के आरोप लगाए

दिल्ली के एक वकील ने बताया कि उत्तर प्रदेश के एटा ज़िले स्थित जलेसर की महिला की उनकी इच्छा से धर्म परिवर्तन कराकर शादी करवाने में मदद की थी. डर की वजह से दंपति लापता हो गए हैं. आरोप है कि उनकी तलाश में उत्तर प्रदेश पुलिस ने वकील के परिवार के लगभग दस सदस्यों को गिरफ़्तार किया है.

‘लव जिहाद’ के नाम पर प्रताड़ना के डर से युवक-युवती ने कहा- लौटकर यूपी नहीं जाएंगे

उत्तर प्रदेश के एक मुस्लिम युवक और हिंदू युवती ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर न सिर्फ उनके परिवार बल्कि यूपी पुलिस से भी सुरक्षा देने की मांग की है. दिल्ली सरकार द्वारा सुरक्षा का भरोसा दिलाए जाने के बाद दोनों ने स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत शादी के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है.

यूपी के बाद हिमाचल प्रदेश में जबरन धर्मांतरण के ख़िलाफ़ क़ानून लागू

इस विधेयक को पिछले साल 30 अगस्त को हिमाचल प्रदेश विधानसभा में पारित किया गया था और राज्यपाल की मंज़ूरी मिली थी. इस धर्मांतरण विरोधी क़ानून में सात साल तक की कड़ी सज़ा का प्रावधान है जबकि पुराने हिमाचल प्रदेश धर्म की स्वतंत्रता क़ानून, 2006 के तहत तीन साल की सज़ा का प्रावधान था.

यूपी: मुरादाबाद मामले में प्रशासन के इनकार के बाद निजी लैब ने की महिला के गर्भपात की पुष्टि

पांच दिसंबर को मुरादाबाद में पुलिस ने नए धर्मांतरण क़ानून के तहत 25 वर्षीय राशिद और उनके भाई सलीम को गिरफ़्तार कर राशिद की गर्भवती पत्नी पिंकी को नारी निकेतन भेज दिया था. पिंकी ने वहां इंजेक्शन देकर गर्भपात किए जाने का आरोप लगाया था, जिससे प्रशासन और सरकारी डॉक्टरों ने इनकार किया था.

उत्तर प्रदेशः महिला का जबरन धर्म परिवर्तन कराने के आरोप में युवक गिरफ़्तार

उत्तर प्रदेश के नए धर्मांतरण विरोधी क़ानून के तहत शाहजहांपुर ज़िले का यह पहला मामला है. महिला का आरोप है कि युवक ने हिंदू के तौर पर ख़ुद की उनसे पहचान कराई. बाद में धर्म परिवर्तन कराकर निकाह करने का दबाव बनाया.

उत्तर प्रदेश: नए धर्मांतरण क़ानून के तहत गिरफ़्तार दो भाई जेल से रिहा

मामला उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद ज़िले के कांठ कस्बे का है. बीते पांच दिसंबर को यहां पुलिस ने नए धर्मांतरण क़ानून के तहत 25 वर्षीय राशिद और उनके भाई को गिरफ़्तार कर लिया था. राशिद को जब पुलिस ने गिरफ़्तार किया उस वक़्त वह अपनी शादी का रजिस्ट्रेशन करवाने जा रहे थे.

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने धर्मांतरण विरोधी क़ानून के तहत आरोपी की गिरफ़्तारी पर रोक लगाई

उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर का मामला. मुस्लिम युवक के ख़िलाफ़ पहले से शादीशुदा महिला से शादी करने को लेकर धर्मांतरण विरोधी क़ानून के तहत मामला दर्ज किया गया था. इलाहाबाद हाईकोर्ट का कहा कि महिला वयस्क हैं और वह अपना भला-बुरा अच्छी तरह समझती हैं.

‘लव जिहाद’ को लेकर हो रही राजनीति संघी मनुवाद का नया संस्करण है

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लाया गया ‘लव जिहाद' कानून और कुछ नहीं मनुस्मृति का ही नया रूप है, जो महिलाओं को समुदाय की संपत्ति मानकर ग़ुलाम बनाता है और संघर्षों से हासिल किए हुए अधिकारों को फिर छीन लेना चाहता है. यह जितना मुस्लिम विरोधी है, उतना ही हिंदू महिलाओं और दलितों का विरोधी भी है.

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