उत्तर प्रदेश: लखनऊ के बाद मेरठ के एक कॉम्प्लेक्स में नमाज़ पढ़ने पर विवाद, पुलिस ने जांच शुरू की

इससे संबधित कथित वीडियो सामने आने के बाद नमाज़ के विरोध में हिंदू जागरण मंच के तीन लोग शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में हनुमान चालीसा का पाठ करने पहुंच गए थे. पुलिस ने इन तीनों को हिरासत में ले लिया है. मेरठ पुलिस ने बताया कि वीडियो की सत्यता का पता लगाया जा रहा है. वीडियो कब का है और नमाज़ पढ़ने वाला कौन था, इसकी जानकारी की जा रही है.

लुलु मॉल में अनधिकृत रूप से नमाज़ पढ़ने के सभी सात आरोपी गिरफ़्तार: लखनऊ पुलिस

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के नवनिर्मित लुलु मॉल में कथित तौर पर नमाज़ अदा करते लोगों का एक वीडियो बीते 13 जुलाई को सोशल मीडिया पर सामने आया था. पुलिस ने बताया कि वीडियो में सात आरोपी नज़र आए थे, जिन्हें अब गिरफ़्तार कर लिया गया है. एक हिंदुत्ववादी संगठन द्वारा मॉल में नमाज़ पर आपत्ति जताने और वहां हनुमान चालीसा पढ़ने की अनुमति मांगने के बाद विवाद खड़ा हो गया था.

यूपी: लखनऊ के लुलु मॉल में अनधिकृत रूप से नमाज़ पढ़ने के चार आरोपी गिरफ़्तार किए गए

बीते 13 जुलाई को लखनऊ स्थित लुलु मॉल में नमाज़ पढ़ने का वीडियो वायरल हुआ था, जिसके बाद ये गिरफ़्तारियां हुई हैं. गिरफ़्तार चारों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. बीते 15 जुलाई को यहां हनुमान चालीसा पढ़ने की कोशिश करने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ़्तार किया गया था. दो और लोगों को पूजा करने और एक व्यक्ति को नमाज़ पढ़ने के लिए गिरफ़्तार किया गया था.

उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े मॉल के उद्घाटन के बाद दो समुदाय आमने सामने क्यों आए

वीडियो: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा राजधानी लखनऊ में लुलु मॉल का उद्घाटन करने के कुछ दिनों बाद से यहां कुल लोगों के नमाज़ पढ़ने के बाद विवाद खड़ा हो गया. इसके विरोध में कुछ अन्य के हनुमान चालीसा पढ़ने का मामला सामने आया. इस संबंध में अब तक कई लोगों को गिरफ़्तार किया जा चुका है.

उत्तर प्रदेश: लखनऊ के लुलु मॉल में कथित तौर पर नमाज़ पढ़ने से विवाद, हिंदू महासभा ने दिया धरना

अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने राजधानी लखनऊ में पिछले हफ्ते खुले लुलु मॉल में नमाज़ पढ़ने की कथित घटना को लेकर शिकायत दर्ज कराई है. मॉल के अधिकारियों ने भी नमाज़ पढ़ने वाले अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर करा दिया है. महासभा का आरोप है कि मॉल में पुरुष कर्मचारियों में 70 प्रतिशत मुस्लिम हैं और 30 प्रतिशत महिला कर्मचारी हिंदू समुदाय से है. ऐसा करके प्रबंधन लव जिहाद को बढ़ावा दे रहा है.