राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम का पालन नहीं करने वाले सरकारी सहायता प्राप्त मदरसों को बंद करने की सिफारिश की थी, जिसके ख़िलाफ़ जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने शीर्ष अदालत का रुख़ किया था.
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने करीब एक साल पहले राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से इस संबंध में कार्रवाई की मांग की थी. आयोग की ओर से कहा गया है कि मदरसों में हिंदू और अन्य गैर-मुस्लिम बच्चों का नामांकन स्पष्ट रूप से संविधान के अनुच्छेद 28(3) का उल्लंघन है.
उत्तर प्रदेश सरकार ने महिलाओं, बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लागू की ‘सेफ सिटी परियोजना’ के तहत एक विज्ञप्ति जारी करके कहा है कि कोचिंग संस्थानों को शाम को एक निश्चित समय के बाद लड़कियों के लिए कक्षाएं आयोजित नहीं करनी चाहिए, जिससे कि वे समय पर घर पहुंच सकें.
जम्मू क्षेत्र के किश्तवाड़ ज़िले में दो मदरसों को एफसीआरए मानदंडों का उल्लंघन करने वाले एक ट्रस्ट से जुड़ाव रखने के चलते स्थानीय प्रशासन ने बंद करने का आदेश जारी किया था, हालांकि इस आदेश को जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट ने स्थगित कर दिया था. इसके बावजूद भी मदरसों को सील कर दिया गया.
असम के डीजीपी भास्कर ज्योति महंत कहा है कि राज्य में मुसलमानों की अच्छी-ख़ासी आबादी है और यह ‘कट्टरपंथ को बढ़ावा देने’ के लिए ‘स्वाभाविक लक्ष्य’ है. उन्होंने कहा कि कट्टरपंथ को बढ़ावा देने वाली गतिविधियां आमतौर पर छोटे मदरसों में की जाती हैं.
एक मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि गृह मंत्री अमित शाह ने सभी राज्यों के सहायक ख़ुफ़िया ब्यूरो के साथ बैठक की थी, जिसमें अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि वे प्रत्येक राज्य में अवैध प्रवासियों की पहचान करें और उन्हें गिरफ़्तार करके उनके देश निर्वासित करें.
उत्तराखंड सरकार का अनुमान है कि राज्य में क़रीब 400 ऐसे मदरसे हैं, जो रजिस्टर नहीं हैं. समाज कल्याण और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री चंदन राम दास ने कहा कि अगर मदरसे तय समय सीमा तक अपना रजिस्ट्रेशन नहीं कराते हैं तो उन्हें बंद करने के लिए क़दम उठाए जाएंगे.
कट्टरपंथी हिंदुत्ववादी नेता यति नरसिंहानंद ने अलीगढ़ में आयोजित एक कार्यक्रम में एक धर्म विशेष के ख़िलाफ़ भड़काऊ टिप्पणी कीं, जिसके बाद उनके साथ-साथ अखिल भारतीय हिंदू महासभा की राष्ट्रीय महासचिव पूजा शकुन पांडे और उनके पति के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया है.
उत्तर प्रदेश सरकार के राज्य के ग़ैर-मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वेक्षण कराने के निर्णय पर भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नक़वी ने कहा कि सभी मदरसों पर शक़ नहीं करना चाहिए, लेकिन सर्वेक्षण को लेकर बवाल करना खुद सवाल बन जाता है.
उत्तराखंड वक़्फ़ बोर्ड के नवनिर्वाचित अध्यक्ष द्वारा प्रदेश में मदरसों के सर्वेक्षण की ज़रूरत पर ज़ोर दिए जाने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बहुत जगहों पर मदरसों को लेकर तमाम तरह की बातें सामने आ रही हैं इसलिए उनका एक बार सर्वे होना नितांत ज़रूरी है.
बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि यूपी में मदरसों पर भाजपा सरकार की टेढ़ी नज़र है. मदरसा सर्वेक्षण के नाम पर क़ौम के चंदे पर चलने वाले निजी मदरसों में हस्तक्षेप का अनुचित प्रयास हो रहा है, जबकि सरकार को सरकारी अनुदान से चलने वाले मदरसों व सरकारी स्कूलों के बदतर हाल को सुधारने पर ध्यान देना चाहिए.
उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के ग़ैर-मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वेक्षण कराने का फैसला किया है, जिसे लेकर जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने कहा कि मदरसे साप्रंदायिक लोगों की आंखों में खटकते हैं और इन्हें बदनाम नहीं किया जाना चाहिए.
उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री दानिश आज़ाद अंसारी ने बताया कि सर्वेक्षण में मदरसे का नाम, संचालन करने वाली संस्था का नाम, मदरसा निजी या किराये के भवन में चल रहा है इसकी जानकारी, छात्र-छात्राओं और शिक्षकों की संख्या, पाठ्यक्रम, आय का स्रोत आदि से संबंधित सूचनाएं इकट्ठा की जाएंगी.
उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री दानिश आज़ाद अंसारी ने बताया कि अब प्रदेश के किसी भी अन्य मदरसे को अनुदान सूची में शामिल नहीं किया जाएगा, लेकिन जिन मदरसों को वर्तमान में सरकारी अनुदान प्राप्त हो रहा है उन्हें यह मिलता रहेगा. उन्होंने कहा कि हम मौजूदा मदरसों की गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करने की योजना बना रहे हैं.
उत्तर प्रदेश में मदरसों में राष्ट्रगान गायन अनिवार्य कर दिए जाने के बाद मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि उनके राज्य में भी इसी तरह के क़दम पर विचार किया जा सकता है. उनके अलावा मध्य प्रदेश भाजपा प्रमुख विष्णु दत्त शर्मा ने कहा कि देशभर के सभी शैक्षणिक संस्थानों में ‘जन गण मन’ का पाठ किया जाना चाहिए.