कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: यह बहुत असाधारण समय है तो ऐसे में नागरिकता के कर्तव्य भी असाधारण होते हैं. ऐसे में हमारी सभ्यता का तकाज़ा है कि हम तरह-तरह से आवाज़ उठाएं, चुप न रहें. व्यापक जीवन, स्वतंत्रता-समता-न्याय के संवैधानिक मूल्यों, समरसता के पक्ष में और घृणा-हिंसा-हत्या-झूठ-अन्याय के विरुद्ध.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने बीते दिनों संघ के दो मुखपत्रों को साक्षात्कार देते हुए एलजीबीटीक्यू+ समुदाय के समर्थन में महाभारत के एक घटनाक्रम का उल्लेख करते हुए टिप्पणी की थी. इसे हिंदू विरोधी मानते हुए भागवत के ख़िलाफ़ मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में शिकायत दर्ज कराई गई है.
कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: पीटर ब्रुक ने पिछली शताब्दी के उत्तरार्द्ध में विश्व रंगमंच पर महाकाव्यात्मक दृष्टि का एक तरह से पुनर्वास किया. शेक्सपियर, अत्तार, महाभारत आदि सभी नाटक उनके लिए मनुष्य के संघर्ष, व्यथा-यंत्रणा, हर्ष-विषाद, उल्लास और उदासी, सार्थकता और व्यर्थता, उत्कर्ष और पराजय आदि की कथा कहने जैसे थे.
ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर के जिस ट्ववीट को 'धार्मिक भावनाओं को भड़काने' वाला बताने का दावा करते हुए दिल्ली पुलिस ने गिरफ़्तार किया है, वह साल 1983 में आई मशहूर निर्देशक हृषिकेश मुखर्जी की कॉमेडी फिल्म 'किसी से न कहना' का एक दृश्य है, जिसमें 'हनीमून होटल' की मात्राओं में फेरबदल करते हुए इसे 'हनुमान होटल' लिखा गया था.
एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल अप्रैल माह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, गुजरात के शिक्षा मंत्री जीतू वघानी, शिक्षा अधिकारियों और भाजपा पदाधिकारियों के बीच राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को लागू करने के संबंध में एक बैठक हुई थी. बैठक में मौजूद संघ के सहयोगी संगठनों ने कथित तौर पर यह भी मांग रखी कि रामायण, महाभारत और भगवद् गीता भी स्कूलों में पढ़ाए जाएं.
वरिष्ठ भाजपा नेता और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी के धार्मिक संदर्भों पर लिखे गए एक लेख को संघ और भाजपा खेमे द्वारा मोदी सरकार के काम-काज के तरीके पर उनकी टिप्पणी के बतौर पढ़ा जा रहा है.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष केके अग्रवाल के मुताबिक भगवान शिव ने क्रोध को काबू में रखने का बेहद वैदिक तरीका सुझाया है.