क्या हम पहले के मुकाबले भावनात्मक रूप से अधिक असुरक्षित हो गए हैं? क्या हमारा भाव जगत पहले की तुलना में कहीं संकुचित हो गया है? किसी भी अन्य समुदाय के त्योहार में साझेदारी करने में अक्षम या उस दिन को हथिया लेने की जुगत लगाते हुए क्या हम हीन भावना के शिकार होते जा रहे हैं?
राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने इससे पहले भी सावरकर की जीवनी में बदलाव किया था और उन्हें वीर की जगह अंग्रेजों से माफी मांगने वाला बताया गया था.
2006 मालेगांव धमाका मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा चार आरोपियों को ज़मानत दिए जाने समेत दिनभर की महत्वपूर्ण ख़बरें.
पूर्वी दिल्ली के शाहदरा पुल के नीचे बसे राजस्थान के गाड़िया लोहार समुदाय की लगभग 100 झुग्गियों को एमसीडी ने बिना सूचना दिए तोड़ डाला.
केंद्र सरकार ने योगी सरकार की मदद के लिए रैपिड एक्शन फोर्स की चार कंपनियां सहारनपुर भेजी.
गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से पिछले महीने शुरू हुई इन घटनाओं और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के इस ज़िले में शांति बहाल करने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी उपलब्ध कराने को कहा है.
पर्दे और पन्नों पर बार-बार उभरता रहा है- जंगलराज! लेकिन उत्तर प्रदेश में सरकार क्या बदली, मीडिया का वह ‘जंगलराज’ ग़ायब हो गया!
सहारनपुर में जातीय संघर्ष थमने का नाम नहीं ले रहा है. बुधवार को भी एक व्यक्ति को गोली मार दी गई. प्रमोद पांडे सहारनपुर के नए डीएम और बबलू कुमार को जिले का नया एसएसपी बनाया गया है.
दलितों के ख़िलाफ़ हुई हिंसा पर उचित कार्रवाई के लिए हो रहा प्रदर्शन हुआ हिंसक. तोड़फोड़, पथराव और गोलीबारी के अलावा भीड़ ने फूंक दिया थाना.
ठाकुर बनाम दलित के झगड़े में जमकर उपद्रव हुआ. 15 दिन के भीतर जुलूस को लेकर उपद्रव की यह दूसरी घटना है.