कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को 7,897 मत प्राप्त हुए, जबकि शशि थरूर को महज 1,072 मतों से संतोष करना पड़ा. इस बीच, नतीजे आने से पहले थरूर की टीम ने चुनाव में अनियमितता का आरोप लगाते हुए उत्तर प्रदेश में डाले गए मतों को अवैध घोषित करने की मांग की थी.
कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए दो उम्मीदवार शशि थरूर और मल्लिकार्जुन खड़गे मैदान में हैं. पार्टी के 137 साल के इतिहास में छठी बार अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हुआ है. वर्तमान में पूरे 22 वर्षों के बाद अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हो रहा है.
कांग्रेस अध्यक्ष पद के उम्मीदवार शशि थरूर के दावे के मुताबिक, स्वयं राहुल गांधी ने उन्हें बताया था कि कुछ लोगों ने उनसे आग्रह किया था कि वे मुझसे नामांकन वापस लेने के लिए कहें, लेकिन उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया.
कांग्रेस के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के प्रमुख मधुसूदन मिस्त्री ने बताया कि नामांकन प्रक्रिया के दौरान कुल 20 फॉर्म मिले थे, उनमें से चार को ख़ारिज कर दिया गया है क्योंकि हस्ताक्षर में दोहराव था या इनका मिलान नहीं हो रहा था.
शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल करने का अंतिम दिन था. शशि थरूर के साथ ही इस पद की दौड़ में पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और झारखंड के पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी आगे आए हैं. नामांकन भरने के बाद थरूर ने कहा कि हम कोई दुश्मन या प्रतिद्वंद्वी नहीं हैं. यह एक दोस्ताना मुक़ाबला है.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 'भारत छोड़ो आंदोलन' के वर्षगांठ पर कहा कि अब समय आ गया है जब अन्याय के ख़िलाफ़ बोलना ही होगा. वहीं, कांग्रेस ने ईडी द्वारा राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को पिछले दिनों समन किए जाने को संसद तथा सांसदों का ‘घोर अपमान’ बताया और कहा कि दोनों सदनों के पीठासीन अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसा फिर न हो.
राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर विरोधी दल के नेताओं को निशाना बनाए जाने के विपक्ष के आरोपों के मद्देनज़र यह स्पष्ट किया. विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने बीते चार जुलाई को सदन में आरोप लगाया था कि संसद सत्र जारी रहने के बावजूद उन्हें ईडी द्वारा समन भेजा गया है.
केंद्र सरकार ने संसद में बताया कि पिछले पांच सालों में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के 7.67 करोड़ लाभाथिर्यों ने एक ही बार सिलेंडर भरवाया. वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान कुल 30.53 करोड घरेलू ग्राहकों में से 2.11 करोड़ ने कोई सिलेंडर रिफिल नहीं कराया जबकि 2.91 करोड़ ने केवल एक बार सिलेंडर रिफिल कराया.
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने तृणमूल कांग्रेस की सुष्मिता देव, लुइजिन्हो जोआकिम फ्लेरियो और मोहम्मद नदीमुल हक़ के साथ बढ़ती कीमतों और मुस्लिमों के ख़िलाफ़ नफ़रती भाषणों के साथ पत्रकारों के उत्पीड़न का मसला उठाया था.
राम मंदिर क्षेत्र के पास रसूख़दारों द्वारा ज़मीनों की ख़रीद-फ़रोख़्त के गोरखधंधे में घिरी अयोध्या की एक चिंता यह भी है कि सत्ता समर्थित मूल्यहीन भव्यता के हवाले होती-होती वह राम के लायक भी रह पाएगी या नहीं?
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर के आसपास कुछ नेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा ज़मीन की कथित तौर पर ख़रीद करने के मामले में जांच का आदेश दिया है. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा के कई नेताओं तथा उत्तर प्रदेश शासन के कुछ अधिकारियों ने ज़मीनों को औने-पौने दाम पर ख़रीदा है.
संसद के मानसून सत्र के आख़िरी दिन 11 अगस्त को सदन के भीतर सचिवालय के कर्मचारियों से दुर्व्यवहार करने के आरोप में राज्यसभा के 12 सांसदों को संसद के शीतकालीन सत्र से निलंबित कर दिया गया था. इन 12 सांसदों में कांग्रेस के छह, तृणमूल कांग्रेस और शिवसेना के दो-दो तथा सीपीआई और सीपीआईएम के एक-एक सदस्य शामिल हैं.
कांग्रेस अब भी राष्ट्रीय राजनीति में मायने रखती है, लेकिन उसे वक़्त के हिसाब से ख़ुद को नया रूप देते हुए धर्मनिरपेक्षता पर ध्यान केंद्रित करना होगा.
एक इंटरव्यू में राज्यसभा में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था कि कोविड महामारी के दौरान जी-23 के नेता गायब थे और कहा कि जिस पार्टी ने उन्हें इतना कुछ दिया उसे उन्हें बर्बाद नहीं करना चाहिए. पिछले साल अगस्त में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पूर्णकालिक अध्यक्ष बनाने और संगठन में ऊपर से लेकर नीचे तक बदलाव की मांग करने वाले पार्टी के असंतुष्ट धड़े को जी-23 कहा जाता है.
माकपा के राज्यसभा सदस्य जॉन ब्रिटास ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एक जनहित याचिका में अनुरोध किया है कि वह 19 जुलाई को समाचार वेबसाइट द वायर द्वारा किए गए खुलासे पर केंद्र को एक विशेष जांच दल के माध्यम से आरोपों की तत्काल जांच करने का निर्देश दे. उन्होंने कहा है कि बहुत गंभीर प्रकृति के बावजूद केंद्र सरकार ने इस मुद्दे को लेकर आरोपों की जांच कराने की परवाह नहीं की है.