वैश्विक भूख सूचकांक भारत की वास्तविक स्थिति नहीं दर्शाता, यह भूख मापने का ग़लत पैमाना: सरकार

खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों की राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने राज्यसभा में बताया कि सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा क़ानून 2013 लागू किया है, जो जनसंख्या के 67 प्रतिशत हिस्से की भूख का निराकरण करता है. साल 2021 के वैश्विक भुखमरी सूचकांक में भारत पिछले साल के 94वें स्थान से फिसलकर 101वें पायदान पर पहुंच गया है.

14 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों में आधी से अधिक महिलाएं और बच्चे एनीमिया के शिकार: सर्वेक्षण

चौदह राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए जनसंख्या, प्रजनन व बाल स्वास्थ्य, परिवार कल्याण, पोषण और अन्य विषयों के प्रमुख संकेतकों से जुड़े तथ्य 2019-21 एनएफएचएस -5 के चरण दो के तहत जारी किए गए हैं. सर्वे के मुताबिक़, बच्चों और महिलाओं में एनीमिया चिंता का विषय बना हुआ है.

भारत में 33 लाख से अधिक बच्चे कुपोषण का शिकार, 17.7 लाख अत्यंत कुपोषित: सरकारी आंकड़े

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक़, देश में 17.76 लाख बच्चे अत्यंत कुपोषित तथा 15.46 लाख बच्चे अल्प कुपोषित हैं. कुपोषित बच्चों वाले राज्यों में महाराष्ट्र, बिहार और गुजरात शीर्ष पर हैं.

वैश्विक खाद्य सुरक्षा सूचकांक-2021 में 113 देशों के बीच भारत 71वें स्थान पर

वैश्विक खाद्य सुरक्षा सूचकांक-2021 में 113 देशों के बीच भारत ने 71वां स्थान हासिल किया है. भारत कुल अंकों के लिहाज से दक्षिण एशिया में सबसे अच्छे स्थान पर रहा, लेकिन खाद्य पदार्थों की वहनीयता यानी अफोर्डेबिलिटी के मामले में अपने पड़ोसी देशों पाकिस्तान और श्रीलंका से पीछे है.

हंगर इंडेक्स: विपक्ष ने केंद्र पर साधा निशाना, सरकार ने कहा- इस्तेमाल किया गया तरीका अवैज्ञानिक

साल 2021 के वैश्विक भुखमरी सूचकांक में भारत के 101वें पायदान पर पहुंचने के लिए विपक्षी दलों ने केंद्र की नीतियों को ज़िम्मेदार ठहराते हुए आरोप लगाया कि यह सत्ताधीशों की कुशलता पर सीधा सवाल है. वहीं, सरकार ने इस गिरावट पर हैरानी जताते हुए रैंकिंग के लिए इस्तेमाल की गई पद्धति को ‘अवैज्ञानिक’ बताया है.

ग्लोबल हंगर इंडेक्स: भारत 116 देशों में 101वें स्थान पर, पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल से पीछे

साल 2021 के वैश्विक भुखमरी सूचकांक में भारत पिछले साल के 94वें स्थान से फिसलकर 101वें पायदान पर पहुंच गया है. आयरलैंड की एजेंसी कंसर्न वर्ल्डवाइड और जर्मनी के संगठन वेल्ट हंगर हिल्फ द्वारा संयुक्त रूप से तैयार की गई रिपोर्ट में भारत में भूख के स्तर को ‘चिंताजनक’ बताया गया है.

आदिवासी इलाकों में कुपोषण और चिकित्सा की कमी के कारण कोई मौत नहीं होनी चाहिए: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट 2007 में महाराष्ट्र के अमरावती ज़िले के मेलघाट क्षेत्र में मुख्य रूप से कुपोषण के कारण बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं की बड़ी संख्या में मौतों को लेकर दायर एक जनहित याचिका पर यह टिप्पणी की. इससे पहले अदालत ने कहा था कि आदिवासी समुदायों के लिए कल्याणकारी योजनाएं केवल काग़ज़ पर हैं. कुपोषण से बच्चों की मृत्यु रोकने के लिए महाराष्ट्र सरकार क्या कदम उठा रही है.

योजनाएं सिर्फ़ काग़ज़ पर, महाराष्ट्र सरकार ने कुपोषण से मौत रोकने के लिए क्या क़दम उठाए: कोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट 2007 में दाख़िल एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें अमरावती ज़िले के मेलघाट क्षेत्र में कुपोषण की वजह से बच्चों, गर्भवती महिलाओं तथा स्तनपान कराने वाली महिलाओं की बड़ी संख्या में मृत्यु के मामलों को रेखांकित किया गया था. याचिका के अनुसार, इलाके में इस साल अगस्त से सितंबर के बीच कुपोषण तथा डॉक्टरों की कमी की वजह से 40 बच्चों की मौत हुई और 24 बच्चे मृत जन्मे.

पिछले साल नवंबर तक नौ लाख से अधिक बच्चे थे अत्यंत कुपोषित

आम आदमी पार्टी सांसद संजय सिंह के एक सवाल के लिखित जवाब में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि आईसीडीएस-आरएसएस पोर्टल के मुताबिक, मंत्रालय ने 30 नवंबर 2020 तक देश में ऐसे नौ लाख से अधिक बच्चों की पहचान की है, जो अत्यंत कुपोषित हैं. इन बच्चों की उम्र छह महीने से छह साल के बीच है. इनमें से तकरीबन चार लाख बच्चे उत्तर प्रदेश से थे.

विश्व में हर एक मिनट में भुखमरी से 11 लोगों की मौत होती है: ऑक्सफैम

गरीबी उन्मूलन के लिए काम करने वाले संगठन ऑक्सफैम ने एक रिपोर्ट में कहा कि भुखमरी के कारण मरने वाले लोगों की संख्या कोविड-19 के कारण मरने वाले लोगों की संख्या से अधिक हो गई है. बीते एक साल में पूरी दुनिया में अकाल जैसे हालात का सामने करने वाले लोगों की संख्या छह गुना बढ़ी है.

पिछले साल नवंबर तक 9.27 लाख गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों की पहचान हुई: आरटीआई

सूचना का अधिकार के तहत महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने बताया कि पिछले साल नवंबर तक देश में छह महीने से छह साल तक के क़रीब 927,606 गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों की पहचान की गई. इनमें से सबसे ज़्यादा 398,359 बच्चों की उत्तर प्रदेश में और 279,427 की बिहार में पहचान की गई. ये आंकड़े उन चिंताओं पर ज़ोर डालते हैं कि कोविड-19 महामारी ग़रीब तबकों के बीच स्वास्थ्य एवं पोषण के संकट को और बढ़ा सकती है.

कनाडाः पुराने आवासीय स्कूल परिसर से 215 बच्चों के अवशेष मिले

बच्चों के अवशेष मिलने की जानकारी टेमलप्स टी क्वपेमसी फर्स्ट नेशन के प्रमुख ने दी है. इनमें तीन वर्ष तक के बच्चों के शव भी शामिल हैं. ये बच्चे ब्रिटिश कोलंबिया में 1978 में बंद हुए कम्लूप्स इंडियन रेजिडेंशियल स्कूल के छात्र थे. प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने इस घटना को दिल दहला देने वाला बताया है.

खाद्य पदार्थों की क़ीमत में बढ़ोतरी और महामारी से एशिया में कई लोग भुखमरी के शिकार: संयुक्त राष्ट्र

संयुक्त राष्ट्र की चार एजेंसियों द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि महामारी से करीब विश्व में 1.9 अरब लोगों के लिए पौष्टिक भोजन जुटा पाना मुश्किल हो रहा है. नवीनतम अनुमानों के मुताबिक, दुनिया में 68.8 करोड़ लोग कुपोषण के शिकार हैं और इनमें से आधे से ज़्यादा एशिया में हैं.

2015-2019 में देश के प्रमुख राज्यों में बच्चों में कुपोषण की स्थिति बिगड़ीः रिपोर्ट

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा 12 दिसंबर को जारी किए गए राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 2019-2020 के पहले चरण के आंकड़े बताते हैं कि कई राज्यों में स्वच्छता में सुधार और ईंधन एवं पीने योग्य साफ पानी तक बेहतर पहुंच के बावजूद बच्चों में कुपोषण का स्तर तेजी से बढ़ा है.

कोविड-19: विश्व खाद्य कार्यक्रम प्रमुख ने कहा, 2020 की तुलना में 2021 के और ख़राब रहने की आशंका

विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) प्रमुख का कहना है कोविड-19 वायरस दोबारा फैल रहा है. ग़रीब और मध्य आय वाले देशों की अर्थव्यवस्थाएं लगातार बिगड़ रही हैं. अगर हमें अरबों डॉलर की सहायता नहीं मिली तो 2021 में हमारा सामना व्यापक स्तर पर अकाल से होगा.