बिहार के शिक्षा मंत्री ने रामचरितमानस पर फिर साधा निशाना, ज़हरीले रसायन से तुलना की

एक कार्यक्रम के दौरान बिहार के शिक्षा मंत्री और राजद नेता चंद्रशेखर ने कहा कि वह रामचरितमानस में शामिल ‘जातिवादी संदर्भों’ का विरोध करना जारी रखेंगे. बीते साल भी उन्होंने कहा था कि मनुस्मृति, रामचरितमानस और एमएस गोलवलकर द्वारा लिखित ‘अ बंच ऑफ थॉट्स’ ‘विभाजनकारी ग्रंथ’ हैं.

नाबालिग रेप पीड़िता की गर्भपात याचिका पर कोर्ट ने कहा- पहले महिलाएं कम उम्र में मां बन जाती थीं

गुजरात हाईकोर्ट की जस्टिस समीर दवे की एकल पीठ एक नाबालिग रेप सर्वाइवर के पिता की याचिका सुन रही थी, जिसमें उनकी बेटी के गर्भपात के लिए अनुमति मांगी गई थी. इस दौरान जस्टिस दवे ने कहा कि पहले 14 से 16 लड़कियों की शादी की सामान्य उम्र थी और 17 साल तक वे कम से कम एक बच्चे को जन्म दे देती थीं.

देश में मनुस्मृति के प्रति मोह छूटता क्यों नहीं दिख रहा है?

बीएचयू के धर्मशास्त्र मीमांसा विभाग ने ‘भारतीय समाज में मनुस्मृति की प्रयोज्यता’ पर शोध का प्रस्ताव दिया है. 21वीं सदी की तीसरी दहाई में जब दुनियाभर में शोषित उत्पीड़ितों में एक नई रैडिकल चेतना का संचार हुआ है, 'ब्लैक लाइव्ज़ मैटर' जैसे आंदोलनों ने विकसित मुल्कों के सामाजिक ताने-बाने में नई सरगर्मी पैदा की है, तब अतीत के स्याह दौर की याद दिलाती इस किताब की प्रयोज्यता की बात करना दुनिया में भारत की क्या छवि बनाएगा?

बिहार: शिक्षा मंत्री ने ‘रामचरितमानस’ और ‘मनुस्मृति’ को समाज को बांटने वाला बताया

बृहस्पतिवार को अपने बयान को दोहराते हुए बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने दावा किया है कि ‘रामायण’ पर आधारित रामचरितमानस समाज में नफ़रत फैलाती है. भाजपा द्वारा माफ़ी की मांग पर उन्होंने कहा कि यह भगवा पार्टी है, जिसे तथ्यों की जानकारी नहीं होने के लिए माफ़ी मांगनी चाहिए.

क्यों फिर से उभर रही है राजस्थान हाईकोर्ट से मनु की मूर्ति हटाने की मांग

मूर्ति या चित्र किसी का भी हो, यह सिर्फ प्रतिमा या तस्वीर मात्र न होकर किसी ख़ास विचारधारा का प्रतिनिधित्व भी होता है. मनु की मूर्ति भी एक विचार का प्रतिनिधित्व करती है, जो दलितों, महिलाओं और संविधान के ख़िलाफ़ है.

दिल्ली हाईकोर्ट की जज ने की मनुस्मृति की तारीफ़, सामाजिक कार्यकर्ताओं ने आपत्ति जताई

दिल्ली उच्च न्यायालय की न्यायाधीश प्रतिभा एम. सिंह ने एक कार्यक्रम में महिलाओं को सम्मान देने की बात कहते हुए मनुस्मृति की प्रशंसा की थी. सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इसकी आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने जिन ग्रंथों का हवाला दिया है वे सीधे तौर पर संविधान और भारत की महिलाओं, विशेष रूप से दलित और आदिवासी महिलाओं को मिले अधिकारों के घोर विरोधी हैं.

योगी सरकार के अंतरधार्मिक विवाहों को निशाना बनाने के पीछे मनु के आदर्श फैलाने की मंशा है

योगी आदित्यनाथ सरकार के नए क़ानून का उद्देश्य केवल ध्रुवीकरण नहीं बल्कि स्त्रियों को उनके अधिकारों और अपने लिए निर्णय लेने की उनकी क्षमता से उन्हें वंचित करना भी है.

‘लव जिहाद’ को लेकर हो रही राजनीति संघी मनुवाद का नया संस्करण है

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लाया गया ‘लव जिहाद' कानून और कुछ नहीं मनुस्मृति का ही नया रूप है, जो महिलाओं को समुदाय की संपत्ति मानकर ग़ुलाम बनाता है और संघर्षों से हासिल किए हुए अधिकारों को फिर छीन लेना चाहता है. यह जितना मुस्लिम विरोधी है, उतना ही हिंदू महिलाओं और दलितों का विरोधी भी है.

मनु का क़ानून और हिंदू राष्ट्र के नागरिकों के लिए उसके मायने

हिंदू राष्ट्र का ढांचा और उसकी दिशा मनुस्मृति में बताए क़ानूनी ढांचे के अंतर्गत ही तैयार होंगे और ये क़ानून जन्म-आधारित असमानता के हर पहलू- सामाजिक, आर्थिक और लैंगिक, सभी को मज़बूत करने वाले हैं.

केबीसी: मनुस्मृति से जुड़े सवाल पर विवाद, भाजपा विधायक द्वारा शिकायत दर्ज कराई गई

कौन बनेगा करोड़पति में डॉ. बीआर आंबेडकर द्वारा एक धर्मग्रंथ की प्रतियां जलाए जाने के संबंध में सवाल पूछा गया था, जिसके सभी विकल्प हिंदू धर्मग्रंथों से संबंधित थे. महाराष्ट्र में भाजपा विधायक अभिमन्यु पवार ने पुलिस से की गई शिकायत में कहा है कि सभी विकल्प हिंदू धर्म से संबंधित होने का उद्देश्य हिंदुओं की भावनाएं आहत करना था.

मोदी ख़ुद को आंबेडकर का ‘शिष्य’ बताते हैं, लेकिन मनु पर दोनों के नज़रिये में फ़र्क़ दिखता है

पुस्तक अंश: मोदीनामा किताब का पांचवां अध्याय ‘मनु का सम्मोहन’ बताता है कि भारत के संविधान के ऐलान को डाॅ. आंबेडकर ने मनु के शासन की समाप्ति कहा था, बावजूद इसके मनु की वापसी हो रही है.

राजस्थान हाईकोर्ट में लगी मनु की प्रतिमा एक बार फिर विवादों में क्यों है

मनु की प्रतिमा को हाईकोर्ट परिसर से हटाने की याचिकाएं वर्ष 1989 से लंबित हैं, जिन पर 2015 के बाद से सुनवाई नहीं हुई है. सोमवार को औरंगाबाद की दो महिलाओं के प्रतिमा पर कालिख पोतने के बाद मामला फिर गर्मा गया है.

हिंदुत्ववादियों का मनुस्मृति से ‘मोह’ छूट नहीं रहा है

भारत द्वारा संविधान अपनाए हुए सत्तर साल बीत चुके हैं. डॉ. आंबेडकर के मुताबिक इसने ‘मनु के शासन की समाप्ति की थी.’ लेकिन हिंदुत्ववादियों के बीच आज भी उसका सम्मोहन बरक़रार है.

मोदी सरकार लोकतंत्र और संविधान के लिए ख़तरा: मेवाणी

दिल्ली के संसद मार्ग पर मंगलवार को हुई युवा हुंकार रैली में वडगाम से विधायक जिग्नेश मेवाणी ने प्रधानमंत्री मोदी से पूछा कि वे संविधान और मनुस्मृति में से किसे चुनेंगे.