छत्तीसगढ़: ‘आदिवासियों को भी विकास चाहिए, लेकिन वैसे नहीं जैसे सरकार चाहती है’

बस्तर संभाग के सुकमा ज़िले के सिलगेर गांव में 20 दिनों से हज़ारों ग्रामीण आंदोलनरत हैं. उनका कहना है कि उन्हें जानकारी दिए बिना उनकी ज़मीन पर राज्य सरकार ने सुरक्षाबल के कैंप लगा दिए हैं. ग्रामीणों को हटाने के लिए हुई पुलिस की गोलीबारी में तीन ग्रामीणों की मौत हुई है, जिसके बाद से आदिवासियों में काफ़ी आक्रोश है.

तीन सालों में 131 आत्महत्याओं के बाद सीआरपीएफ ने मानसिक स्वास्थ्य संबंधी वर्कशॉप शुरू की

सीआरपीएफ ने पहली बार मानसिक स्वास्थ्य की समस्याओं से जूझ रहे जवानों की मदद के लिए कदम उठाया है. बताया गया है कि यहां जवानों को ट्रेनिंग दी जाएगी, ताकि वे अपनी भावनाओं और प्रतिक्रियाओं को अच्छी तरह समझ पाएं और परिवार एवं फोर्स के साथ बेहतर संबंध स्थापित कर पाएं.

उम्रक़ैद की सज़ा काट रहे जीएन साईबाबा को डीयू के कॉलेज से बर्ख़ास्त किया गया

2017 में 'माओवादी संबंधों' को लेकर दोषी ठहराए गए दिल्ली यूनिवर्सिटी के रामलाल आनंद कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर जीएन साईबाबा नागपुर जेल में आजीवन कारावास की सज़ा काट रहे हैं. उनकी पत्नी वसंता का कहना है कि वे उनकी बर्ख़ास्तगी को अदालत में चुनौती देंगी.

महाराष्ट्रः जेल में बंद डीयू के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा कोरोना संक्रमित

महाराष्ट्र के गढ़चिरौली की एक अदालत ने 2017 में जीएन साईबाबा और चार अन्य को माओवादियों से संपर्क रखने और देश के ख़िलाफ़ युद्ध छेड़ने जैसी गतिविधियों में संलिप्तता के लिए सज़ा सुनाई थी. तब से वह नागपुर जेल में बंद हैं.

एबीवीपी की आपत्ति के बाद तमिलनाडु की यूनिवर्सिटी ने पाठ्यक्रम से अरुंधति रॉय की किताब हटाई

तिरुनेल्वेली की एम. सुंदरनर यूनिवर्सिटी के वीसी ने बताया कि उन्हें एबीवीपी से शिकायत मिली थी कि बीए के पाठ्यक्रम में शामिल बुकर पुरस्कार विजेता अरुंधति रॉय की किताब 'वॉकिंग विद द कॉमरेड्स' में लेखक के माओवादी इलाकों में जाने को लेकर विवादित कंटेट है, जिसके बाद इसे सिलेबस से हटा दिया गया.

छत्तीसगढ़: सरकेगुडा फ़र्ज़ी एनकाउंटर मामले में कार्रवाई की मांग

छत्तीसगढ़ नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले के सरकेगुडा में साल 2012 में सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ में 17 लोगों को मार गिराने का दावा किया था. इसमें छह नाबालिग भी थे. मामले की न्यायिक जांच रिपोर्ट में पता चला है कि मारे गए लोग नक्सली नहीं, ग्रामीण थे.

ग्रामीणों ने गोली नहीं चलाई, उनके माओवादी होने का सबूत नहीं: छत्तीसगढ़ ‘मुठभेड़’ जांच रिपोर्ट

छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के सरकेगुडा गांव में जून 2012 को हुई कथित मुठभेड़ में छह नाबालिग समेत 17 लोगों की मौत हो गई थी. जांच रिपोर्ट में सुरक्षाबलों पर गंभीर सवाल उठाए गए हैं.

माओवादी होने के संदेह के आधार पर व्यक्ति को प्रताड़ित नहीं किया जा सकता: केरल हाईकोर्ट

हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने एकल पीठ के फैसले को बरकार रखते हुए केरल सरकार की अपील खारिज कर दी, जिसमें एक व्यक्ति को माओवादी होने के संदेह में अवैध रूप से हिरासत में रखने के कारण एक लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया गया था.

ओडिशा: कंधमाल ज़िले में नक्सलियों ने महिला चुनाव अधिकारी की गोली मारकर हत्या की

पुलिस के अनुसार, माओवादियों ने ओडिशा के कंधमाल ज़िले के लोगों से मतदान का बहिष्कार करने को कहा था. ज़िले के फिरिंगिया पुलिस थाना इलाके के एक अन्य गांव में माओवादियों ने चुनाव अधिकारियों को मतदान केंद्र ले जा रहे वाहन में आग लगा दी.

छत्तीसगढ़: अवैध गिरफ़्तारी, मीडिया मामलों की जांच के लिए बनेगी समिति

राज्य की कांग्रेस सरकार इन मामलों को लेकर एक आयोग का गठन करने जा रही है. सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज एके पटनायक और आफताब आलम की अगुवाई में जांच होगी.

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के लिए यह प्रायश्चित करने का मौका है

जहां एक ओर कांग्रेस के लिए यह नक्सल समस्या को सुलझाने का एक नया मौका है, वहीं राहुल गांधी के लिए यह साबित करने का अवसर है कि वे और उनकी पार्टी वास्तव में देश के आदिवासियों की चिंता करते हैं.

जागरण समूह के अख़बार ने सामाजिक कार्यकर्ता को बताया ‘माओवादी’

जागरण समूह के अख़बार नई दुनिया ने दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रोफेसर और सामाजिक कार्यकर्ता नंदिनी सुंदर की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा छत्तीसगढ़ सरकार को भेजे गए नोटिस की ख़बर में सुंदर को माओवादी कार्यकर्ता बताया है.

छत्तीसगढ़ में ग्रामीणों का आरोप, सरकारी योजनाओं का लाभ लेने पर नक्सलियों ने किया हमला

दंतेवाड़ा के ग्रामीणों ने एक फैक्ट फाइंडिंग टीम को बताया कि बीते दिनों माओवादियों द्वारा उन्हें बुरी तरह पीटा गया और गांव छोड़कर जाने को कहा गया, क्योंकि वे सरकारी योजनाओं का लाभ ले रहे थे.

छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बल के जवान क्यों ले रहे हैं अपनी जान?

आंकड़ों के मुताबिक छत्तीसगढ़ में 2017 में सबसे अधिक 36 जवानों ने आत्महत्या की. वहीं, 2009 में 13 जवानों ने, 2016 में 12 जवानों ने तथा 2011 में 11 जवानों ने आत्महत्या की है.