28 जनवरी को केंद्रीय राज्यमंत्री शांतनु ठाकुर ने बंगाल में कहा था कि एक सप्ताह में पूरे देश में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) लागू किया जाएगा. अब इस पर सफाई देते हुए उन्होंने कहा कि वे कहना चाहते थे कि सीएए के नियम बनाने की प्रक्रिया सप्ताह भर में पूरी हो जाएगी, पर उनकी ज़बान फिसल गई.
गृह मामलों के केंद्रीय राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा ने पश्चिम बंगाल में मतुआ समुदाय के एक कार्यक्रम में कहा कि सीएए के नियम 30 मार्च तक तैयार कर लिए जाएंगे. बंगाल का मतुआ समुदाय इस क़ानून की मांग करता रहा है. 2021 में विधानसभा चुनाव अभियान के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कोविड टीकाकरण समाप्त होने के बाद सीएए लागू होने की घोषणा भी की थी.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक कार्यक्रम में कहा कि संशोधित नागरिकता क़ानून के नाम पर वे (केंद्र) लोगों को भ्रमित कर रहे हैं. हम लंबे समय से मतुआ समुदाय का ध्यान रख रहे हैं, लेकिन जब चुनाव नज़दीक आता है, तब भाजपा सीएए का उल्लेख कर उनका मित्र होने का दावा करती है.
पश्चिम बंगाल के भाजपा विधायक और राज्य के नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने कहा है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद भवन में एक बैठक के दौरान उन्हें आश्वासन दिया कि नागरिकता संशोधन अधिनियम के संबंध में नियम कोविड-19 रोधी टीके की एहतियाती खुराक़ देने की क़वायद पूरी होने के बाद तैयार किए जाएंगे.
बीते कुछ हफ़्तों में भाजपा के नौ विधायकों ने पार्टी के वॉट्सऐप ग्रुप छोड़े थे, जिनमें से पांच- मुकुटमोनी अधिकारी, सुब्रत ठाकुर, अंबिका रॉय, अशोक कीर्तनिया और असीम सरकार उन्हें राज्य समिति से बाहर निकालने जाने से असंतुष्ट हैं. इनमें से अधिकतर मतुआ समुदाय से हैं.
मूल रूप से पूर्वी पाकिस्तान के मतुआ समुदाय के लोग हिंदू हैं. पश्चिम बंगाल में इस समुदाय की अनुमानित आबादी 30 लाख है. नादिया, उत्तर एवं दक्षिण 24 परगना ज़िलों की कम से कम चार लोकसभा सीटों और 30 से अधिक विधानसभा सीटों पर इस समुदाय का प्रभाव है.