सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करके राजनीतिक समर्थन हासिल करने में मिली भाजपा की कामयाबी को अगर शासन के आदर्श के तौर पर स्वीकार कर लिया जाता है, तो आनेवाला समय देश के लिए अंधकारमय हो सकता है.
लोकतंत्र में हर पल अपने समाज और वोटरों के बारे में सोचते रहना पड़ता है, लेकिन दुखद यह है कि उत्तर भारत के सामाजिक न्याय के सभी बड़े नेता सिर्फ अपने परिवार और रिश्तेदार के बारे में सोचते हैं, उन जनता के बारे में नहीं जिनके वोट से ये मसीहा बने थे.
मायावती ने आरोप लगाया, 'वोटिंग मशीन ने बीजेपी के सिवाय किसी दूसरी पार्टी के वोट को स्वीकार नहीं किया है. या फिर अन्य पार्टियों के वोट भी बीजेपी के खाते में चले गए हैं.'
देश की सबसे ज्यादा जनसंख्या वाले राज्य उत्तर प्रदेश के चुनावी नतीजे की गिनती शुरू हो गई है. उत्तर प्रदेश के साथ मणिपुर, उत्तराखंड, पंजाब और गोवा में भी वोटों की गिनती का काम चल रहा है. देश के राजनीतिक समीकरणों के लिहाज से ये राज्य बेहद महत्वपूर्ण हैं. ऐसे में इन पर सबकी निगाहें हैं. इन पांच राज्यों के चुनाव परिणाम को आगामी आम चुनाव के लिहाज से सेमीफाइनल माना जा रहा है. एक्ज़िट पोल्स में पंजाब को छोड़कर
'मिले मुलायम काशीराम, हवा में उड़ गए जय श्रीराम', क़रीब ढाई दशक पहले भाजपा का रथ रोकने वाले इस नारे के फिर से वजूद में आने के संकेत मिले हैं.
ग्राउंड रिपोर्ट: मीडिया द्वारा बनारस की मूल समस्याओं से ध्यान हटाकर उसे लंका से काशी विश्वनाथ और बीएचयू पर केंद्रित कर दिया गया. इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पक्ष या विपक्ष में कर दिया गया. यह न तो जनतंत्र के लिए ठीक बात है और न ही पत्रकारिता के लिए.
उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव पर बसपा नेता सुधींद्र भदौरिया के साथ द वायर के अमित सिंह की बातचीत.
एक याचिका में आरोप लगाया गया है कि मायावती के मुख्यमंत्री रहने के दौरान गौतमबुद्ध नगर जिले के एक गांव के 47,433 वर्गमीटर इलाके को आबादी घोषित कर दिया गया.
बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती हमेशा से अपने समर्थकों से 'मनुवादी मीडिया' से सावधान रहने की अपील करती रही हैं. वे अपनी रैलियों में लगातार मीडिया पर सवाल उठा रही हैं. क्या मीडिया उनकी पार्टी के प्रति भेदपूर्ण बर्ताव करता है?
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सभी दल मुस्लिम वोटबैंक को साधने में लगे हैं, हालांकि वे किसे वोट करेंगे इसे लेकर भ्रम की स्थिति है.
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव पर द वायर हिंदी और चलचित्र अभियान पेश कर रहे हैं ‘चुनावी चर्चा’. इसकी दूसरी किस्त में पश्चिमी उत्तर प्रदेश की महिलाओं से बातचीत.
द वायर हिंदी और चलचित्र अभियान पेश कर रहे हैं ‘चुनावी चर्चा’. पहली किस्त में शामली स्थित अंबेडकर छात्रावास के छात्रों से बातचीत.