वीडियो: अगस्त, 2021 में मथुरा ज़िले के बाइस वॉर्डों, में अंडे, मांसाहारी उत्पाद और शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. इस कारोबार से जुड़े मुस्लिम समुदाय के लोगों का दावा है कि यहां मांस बेचने की परंपरा ब्रिटिश शासन काल से रही है. हालांकि पिछले दो वर्षों के प्रतिबंधों के कारण व्यवसाय पूरी तरह से ठप हो गया है और इस पर निर्भर लोग बेरोज़गार हो गए हैं.
स्कूली बच्चों के लिए मिड-डे मील के मेन्यू से चिकन सहित मांस उत्पादों को हटाने और डेयरी फार्म बंद करने संबंधी लक्षद्वीप प्रशासन के फैसले को बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने निरस्त कर दिया था, जिसके परिणामस्वरूप शिक्षा निदेशालय ने एक आदेश जारी करके स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को शीर्ष अदालत के आदेश का पालन करने के लिए कहा है.
कनाडा में दक्षिण एशियाई प्रवासियों के एक समूह ने बयान जारी कर भारत में हाल के महीनों में बढ़ी मुस्लिम विरोधी हिंसा, हिजाब विवाद और रामनवमी के आसपास हुई सांप्रदायिक हिंसा की निंदा की है. उन्होंने मांग की है कि भारत सरकार देश में मुस्लिम और अल्पसंख्यक समुदायों का उत्पीड़न रोके और संविधान में निहित धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखे.
यह पहली बार है जब 2-11 अप्रैल तक मनाए जा रहे नवरात्रि पर्व के दौरान दक्षिण दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) ने अपने अधिकार क्षेत्र में मांस की दुकानों को बंद करने के लिए कहा है. इधर, उत्तर प्रदेश के कुछ ज़िलों में मांस की दुकानें बंद किए जाने की ख़बरों के बीच राज्य सरकार के अपर मुख्य सचिव ने स्पष्ट किया कि ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया गया है.
ग़ाज़ियाबाद जिला प्रशासन का कहना है कि नवरात्रि में सफाई सुनिश्चित करने के लिए हर साल यह नियम लागू किया जाता है. जिलाधिकारी आरके सिंह ने बताया कि सिर्फ लाइसेंसधारक मांस विक्रेता ही साफ-सफाई के सभी नियमों का अनुपालन करते हुए अपनी ढकी हुई दुकानों में मांस बेच सकेंगे.
योगी सरकार के मथुरा में मीट बैन के आदेश की वैधता पर कोई विवाद नहीं है क्योंकि इस पर सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला पहले से ही मौजूद है, लेकिन इसके असली इरादे और संभावित परिणामों पर निश्चित ही बहस होनी चाहिए क्योंकि ये बड़े पैमाने पर लोगों के हक़ों, उनकी आजीविका और सुरक्षा से जुड़ा है.
तामसिक भोजन पर रोक, अंडा-मांसाहार पर पाबंदी जैसी बातें भारत की जनता के वास्तविक हालात से कतई मेल नहीं खातीं, क्योंकि भारत की आबादी का बहुलांश मांसाहारी है. साथ ही, किसी इलाक़े विशेष की नीतियां बनाने के लिए लोगों के एक हिस्से की आस्था को वरीयता देना एक तरह से धर्म, जाति, नस्लीयता आदि आधार पर किसी के साथ भेदभाव न करने की संवैधानिक गारंटी का उल्लंघन भी है.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मथुरा में भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव पर आयोजित कार्यक्रमों में कहा कि वृन्दावन, गोवर्धन, नन्दगांव, बरसाना, गोकुल, महावन एवं बलदेव में जल्द ही मांस और शराब की बिक्री बंद कर इन कार्यों में लगे लोगों का अन्य व्यवसायों में पुनर्वास किया जाएगा.
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को हाईकोर्ट की फटकार, कहा- आधुनिक बूचड़खाने चलाना राज्य सरकार की ज़िम्मेदारी है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने खानपान को जीने के अधिकार से जोड़ते हुए मीट की दुकानों पर लगी रोक को ग़लत बताया, व्यापारियों को लाइसेंस जारी करने का निर्देश.