मुख्यधारा की पत्रकारिता तो शुरुआती दिनों से ही राम जन्मभूमि आंदोलन का अपने व्यावसायिक हितों के लिए इस्तेमाल करती और ख़ुद भी इस्तेमाल होती रही. 1990-92 में इनकी परस्पर निर्भरता इतनी बढ़ गई कि लोग हिन्दी पत्रकारिता को हिंदू पत्रकारिता कहने लगे.
नोटबंदी के समय कहा गया था कि इसके दूरगामी परिणाम होंगे. तीन साल हो गए, आगामी कितने साल में आएगी दूरगामी?
हाल ही में सोशल मीडिया के बड़े प्लेटफॉर्म ट्विटर पर जातिवादी होने के आरोप लगे हैं. हम भी भारत की इस कड़ी में द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी इस विषय पर दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रतनताल, सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े और द वायर की सोशल मीडिया एडिटर नाओमी बारटन से बात कर रही हैं.
अनुच्छेद 370 हटने के बाद पहली बार 27 यूरोपीय सांसदों का दल जम्मू कश्मीर के दौरे पर है, जबकि अब तक किसी भी विदेशी पत्रकार, अधिकारी या नेता को वहां जाने की अनुमति नहीं दी गई है. मीडिया बोल की इस कड़ी में उर्मिलेश इस मुद्दे पर वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष और द हिंदू की पॉलिटिकल एडिटर पूर्णिमा जोशी से चर्चा कर रहे हैं.
सुप्रीम कोर्ट जम्मू कश्मीर में नाबालिगों को हिरासत में लेने, संचार माध्यमों पाबंदी लगाने जैसे कई मामलों पर दायर याचिकाओं की सुनवाई कर रहा है.
जम्मू कश्मीर प्रशासन की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि राष्ट्रहित में लिए गए प्रशासनिक फैसलों की अपील पर कोई नहीं बैठ सकता. केवल न्यायालय ही इसे देख सकती है और याचिकाकर्ता इसे नहीं देख सकते.
जम्मू कश्मीर सरकार ने पर्यटकों को राज्य में आने की अनुमति देने के बाद प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया से कहा है कि उनकी फैक्ट-फाइंडिंग टीम 4 नवंबर के बाद ही राज्य में आ सकती है.
साल 2005 में शुरू हुए ज़ी समूह के इस अख़बार ने कहा कि वह अब डिजिटल संस्करण में ही उपलब्ध रहेगा. बताया जा रहा है कि इस बदलाव के चलते सौ से अधिक कर्मचारियों की नौकरी जा सकती है.
समाचार चैनल टीवी9 के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी वी. रवि प्रकाश पर टीवी9 की मूल कंपनी एबीसीएल से कथित तौर पर 18 करोड़ रुपये निकालने का आरोप है.
जम्मू कश्मीर में चार अगस्त की शाम से पाबंदियां लागू हैं. परेशान पत्रकारों ने अब मांग की है कि सरकार को कम से कम मीडिया संस्थानों के ब्रॉडबैंड कनेक्शन बहाल करने चाहिए.
चांद पर उतरते समय चंद्रयान-2 के लैंडर ‘विक्रम’ से इसरो का संपर्क टूट गया था. मीडिया बोल के इस अंक में इससे जुड़े मीडिया कवरेज पर वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश दिल्ली साइंस फोरम के वैज्ञानिक डी. रघुनंदन और खगोल वैज्ञानिक अमिताभ पांडेय से चर्चा कर रहे हैं.
वीडियो: जम्मू कश्मीर पर देश के बड़े मीडिया संस्थानों की एकतरफ़ा रिपोर्टिंग पर वहां के लोगों से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
सरकार के हस्तक्षेप या प्रबंधन के दबाव का आरोप लगाना एक कमज़ोर बहाना है- मीडिया पेशेवरों ने स्वयं ही ख़ुद को अपने आदर्शों से दूर कर लिया है. वे बेआवाज़ को आवाज़ देने या सत्ताधारी वर्ग से जवाबदेही की मांग करने वाले के तौर पर अपनी भूमिका नहीं देखते हैं. अगर वे खुद व्यवस्था का हिस्सा बन जाएंगे, तो वे व्यवस्था से सवाल कैसे पूछेंगे?
हॉन्ग कॉन्ग और कश्मीर दोनों ही इस समय इतिहास के एक जैसे दौर से गुजर रहे हैं; दोनों की स्वायत्तता के नाम पर की गई संधि खतरे में है और उनसे संधि करने वाले देशों की सरकार इन संधियों से मुकर रही हैं.
मीडिया बोल के इस अंक में कश्मीर में मीडिया प्रतिबंध पर प्रेस काउंसिल के कदम पर वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश वरिष्ठ पत्रकार प्रेम शंकर झा, जयशंकर गुप्त और कश्मीर टाइम्स की एक्जीक्यूटिव एडिटर अनुराधा भसीन से चर्चा कर रहे हैं.