मीडिया संगठनों ने ‘द कश्मीर वाला’ की वेबसाइट, सोशल मीडिया हैंडल ब्लॉक किए जाने की निंदा की

प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, भारतीय विमेन प्रेस कोर, प्रेस एसोसिएशन, दिल्ली यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स और वर्किंग न्यूज़ कैमरामैन एसोसिएशन ने कहा कि 'द कश्मीर वाला' के ख़िलाफ़ सरकार की कार्रवाई 'प्रेस की आज़ादी की स्थिति पर गंभीर सवाल उठाती है.'

‘द कश्मीर वाला’ को ब्लॉक करना कश्मीरी मीडिया को मोदी सरकार द्वारा ग़ुलाम बना लेने का नमूना है

वीडियो: श्रीनगर से संचालित होने वाली 'द कश्मीरवाला' न्यूज़ वेबसाइट को ब्लॉक कर दिया गया है और इसके ट्विटर और फेसबुक पेज भी ब्लॉक हो चुके हैं. अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के बाद से सूबे में मीडिया के क्या हालात हैं, बता रहे हैं अजय कुमार.

डिजिटल तानाशाही पर आई अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट में भारत का ज़िक्र आया

'तानाशाही प्रथाओं को बढ़ाने के लिए डिजिटल कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल' को दर्ज करने वाले 'अनफ्रीडम मॉनिटर' प्रोजेक्ट में 20 देश शामिल थे. रिपोर्ट में भारत के प्रधानमंत्री, सत्तारूढ़ पार्टी और उनके 'फॉलोवर्स' का ज़िक्र 'सूचना को नियंत्रित करने की मांग करने वाली सरकारों' पर हुई चर्चा में किया गया है.

‘नेगेटिव’ ख़बरों की जांच करें अधिकारी, ग़लत पाए जाने पर मीडिया से जवाब मांगे: यूपी सीएमओ

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रमुख सचिव द्वारा जारी निर्देश में मंडलायुक्तों और ज़िलाधिकारियों से कहा गया है कि वे उनके क्षेत्रों में अख़बारों में छपने वाली 'नकारात्मक ख़बरों' की जांच करें. अगर पता चले कि यह ग़लत तथ्यों पर आधारित है या तोड़-मरोड़कर पेश की गई है तो मीडिया समूह/अख़बार से स्पष्टीकरण मांगें.

विवादित ख़बर के लिए न्यूज़ चैनलों पर लगा जुर्माना उनके मुनाफ़े के अनुपात में होना चाहिए: कोर्ट

एक याचिका सुनते हुए मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि समाचार चैनलों के लिए न्यूज़ ब्रॉडकास्टर्स और डिजिटल एसोसिएशन का स्व-नियामक तंत्र अप्रभावी है और वे टीवी चैनलों के विनियमन के लिए दिशानिर्देश जारी करेंगे.

‘हमें आज़ादी तो मिल गई है पर पता नहीं कि उसका करना क्या है’

हमारी हालत अब भी उस पक्षी जैसी है, जो लंबी क़ैद के बाद पिंजरे में से आज़ाद तो हो गया हो, पर उसे नहीं पता कि इस आज़ादी का करना क्या है. उसके पास पंख हैं पर ये सिर्फ उस सीमा में ही रहना चाहता है जो उसके लिए निर्धारित की गई है.

मीडिया ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे से संबंधित अनाधिकारिक सूचनाएं न दे: वाराणसी कोर्ट

ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन समिति के एएसआई सर्वे के मीडिया कवरेज पर रोक की मांग की याचिका पर वाराणसी की अदालत ने एएसआई के साथ-साथ मंदिर और मस्जिद पक्षों से कहा कि वे सर्वे के बारे में मीडिया से बात न करें.

आईआईएम बेंगलुरु के फैकल्टी सदस्यों ने कॉरपोरेट्स को लिखा- ग़लत सूचनाएं और हेट स्पीच रोकें

भारतीय प्रबंधन संस्थान, बेंगलुरु के लगभग 20 वर्तमान और पूर्व फैकल्टी सदस्यों ने भारतीय कॉरपोरेट्स को संबोधित करते हुए एक पत्र में कहा है कि वे कॉरपोरेट जगत का ध्यान 'देश में हिंसक संघर्षों के बढ़ते ख़तरे के साथ आंतरिक सुरक्षा की नाज़ुक स्थिति' की ओर आकर्षित करना चाहते हैं. 

नूंह हिंसा से जुड़ी घटनाएं बताती हैं कि दंगा हुआ नहीं बल्कि करवाया गया

वीडियो: नूंह में हुई सांप्रदायिक झड़पें और उसके बाद राज्य के कुछ अन्य हिस्सों में हुई हिंसा से पहले इसके लिए हिंदुत्ववादी संगठनों द्वारा माहौल तैयार किया गया था, जिसकी पुष्टि कई मीडिया रिपोर्ट्स करती हैं. तमाम वीडियोज़ सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध हैं, जिनसे सवाल उठता है कि अगर सरकार चाहती, तो ऐसा नहीं होता.

चलती रेल में हत्या, बारूद के ढेर पर हरियाणा: क्या हिंदुत्ववाद है एक सियासी बीमारी?

वीडियो: महाराष्ट्र में एक चलती ट्रेन में आरपीएफ कॉन्स्टेबल द्वारा अपने वरिष्ठ अधिकारी और तीन मुस्लिमों की हत्या करने और बीते दिनों हरियाणा के नूंह में हुई सांप्रदायिक झड़पों की वजह एक ही है? इस बारे में चर्चा कर रहे हैं द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन और डीयू के प्रोफेसर अपूर्वानंद.

जम्मू कश्मीर: भारत की ‘सुरक्षा के लिए ख़तरा’ बताकर दो पत्रकारों के पासपोर्ट निलंबित किए गए

जिन पत्रकारों के पासपोर्ट निलंबित किए गए हैं, उनमें श्रीनगर के एक वरिष्ठ पत्रकार भी शामिल हैं जिन्होंने नई दिल्ली में हिंदुस्तान टाइम्स के साथ संपादक स्तर पर भी काम किया है, जबकि दूसरे दिल्ली की एक पत्रिका में काम करते हैं. उन्होंने बताया कि उनमें से कोई भी किसी आपराधिक मामले में आरोपी नहीं हैं.

82% भारतीय पत्रकार मानते हैं कि उनके संस्थान भाजपा का समर्थन करते हैं: रिपोर्ट

देश के पत्रकारों पर किया गया लोकनीति-सीएसडीएस सर्वे बताता है कि सर्वेक्षण में शामिल आधे से अधिक पत्रकार अपनी मीडिया की नौकरियों को पूरी तरह छोड़कर कुछ और करने के बारे में सोच रहे हैं.

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