महाराष्ट्र में सेंट्रल महाराष्ट्र एसोसिएशन ऑफ रेज़िडेंट डॉक्टर्स ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने 10 दिन की अवधि देने के बावजूद उनके द्वारा उठाई गईं मांगों को पूरा नहीं किया है. उनकी मांगों में छात्रावास की मरम्मत एवं निर्माण हेतु धनराशि जारी करना, लंबित वेतन और बकाया जारी करना आदि है.
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि 14 और 16 फरवरी को दो बच्चों, जिनमें से एक सात साल का था, की संदिग्ध खसरे से मौत हो गई. इसके बाद तीन दिन के लिए सभी सरकारी और निजी स्कूल बंद कर दिए गए हैं. ज़िला कलेक्टर ने प्रभावित इलाकों में किसी भी समारोह में बच्चों के इकट्ठा होने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है.
वीडियो: देश में स्वास्थ्य तक पहुंच एक बड़ा मुद्दा है, लेकिन जो चीज़ इसे सुनिश्चित करती हैं, वह स्वास्थ्य देखभाल को विनियमित करने वाले विभिन्न अधिकार और कानून हैं. ‘सवाल सेहत का’ की इस कड़ी में ऐसे ही क़ानूनों के बारे में जानकारी दी गई है, जो या तो अस्तित्व में नहीं हैं या अगर मौजूद हैं, तो उन्हें ठीक से लागू नहीं किया जाता है.
राजस्थान के जोधपुर शहर स्थित एमडीएम अस्पताल का मामला. कैंसर से पीड़ित मरीज़ अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में वेंटिलेटर पर थे, जब बिजली कटौती से कथित तौर पर ऑक्सीजन आपूर्ति बाधित होने के बाद उनकी मौत हो गई. मरीज़ के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही से मौत का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया.
आईपीसी की धारा 304ए के तहत लापरवाही से मौत की सज़ा दो साल क़ैद और जुर्माना या दोनों है. भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता विधेयक इस सज़ा को बढ़ाकर पांच साल कर देता है, हालांकि अन्य अपराधियों की तुलना में डॉक्टरों को अधिकतम दो साल की क़ैद का प्रावधान किया गया है.
एक अधिकारी ने बताया कि महाराष्ट्र के औरंगाबाद स्थित सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में मंगलवार सुबह आठ बजे तक 24 घंटे के भीतर कम से कम 18 मौत दर्ज की गईं. इससे पहले नांदेड़ के सरकारी अस्पताल में 30 सितंबर से दो अक्टूबर तक 48 घंटे में 31 मौतें दर्ज की गई थीं.
महाराष्ट्र के नांदेड़ के एक सरकारी अस्पताल में चौबीस घंटों में 24 लोगों की मौत को लेकर विपक्षी नेताओं ने एकनाथ शिंदे सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि यह घटना सरकारी प्रणालियों की विफलता को उजागर करती है. इन नेताओं ने भविष्य में मरीज़ों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सख़्त कार्रवाई करने की मांग की है.
महाराष्ट्र के नांदेड़ स्थित डॉ. शंकरराव चव्हाण सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 30 सितंबर से 1 अक्टूबर के बीच 24 घंटों में 12 नवजात शिशुओं सहित 24 लोगों की मौत हुई है. पूर्व सीएम और वरिष्ठ कांग्रेस विधायक अशोक चव्हाण के पिता के नाम पर यह अस्पताल है. उन्होंने अस्पताल का दौरा करने के बाद कहा स्थिति चिंताजनक है. अस्पताल वित्तीय संकट में है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने एक गर्भवती महिला को भ्रूण में अधिक विकृति रहने के चलते मेडिकल गर्भपात कराने की अनुमति दी है. याचिकाकर्ता ने गर्भपात की अनुमति के लिए याचिका दायर कर दावा किया था कि भ्रूण दिल की असामान्यताओं से पीड़ित है और उसके जीवित रहने की संभावना सीमित है.
महाराष्ट्र के ठाणे ज़िले के भिवंडी में एक सरकारी अस्पताल पर 28 वर्षीय आदिवासी महिला को करीब 11 घंटे अस्पताल की सीढ़ियों पर बिठाए रखने का आरोप लगा है. अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक ने कहा कि जब उन्हें इस बारे में सूचित किया गया, तो उन्होंने तुरंत उन्हें भर्ती करने की व्यवस्था की.
राजस्थान की कोटा पुलिस ने सूचना के अधिकार के तहत बताया है कि अलग-अलग कोचिंग संस्थानों में पढ़ने वाले इन विद्यार्थियों की उम्र 15 से 30 वर्ष के बीच थी.
उड़ीसा हाईकोर्ट ने कहा है कि चिकित्सा पेशवर, चिकित्सा-क़ानूनी मामलों में शामिल डॉक्टर अपनी जांच और टिप्पणी पढ़ने लायक लिखें, इसके लिए उनमें जागरूकता लाने के लिए उचित क़दम उठाए जाएं.
बीते 15 अप्रैल को जारी नोटिफिकेशन में गृह मंत्रालय ने ई-कॉमर्स कंपनियों को मोबाइल फोन, रेफ्रिजरेटर और सिलेसिलाए परिधानों आदि की बिक्री की अनुमति दी थी, लेकिन अब इस ‘छूट’ को वापस ले लिया गया है.
देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बुधवार को 392 हो गई जबकि इससे संक्रमित लोगों की कुल संख्या 11,933 है. पिछले 24 घंटों में 1118 नए संक्रमितों की पहचान हुई है, जिसमें 39 लोगों की जान जा चुकी है.
गृह मंत्रालय द्वारा जारी किए गए ये दिशानिर्देश देशभर में जिलाधिकारियों द्वारा लागू किए जाएंगे, जिसमें आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत जुर्माना लगाने के साथ दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है.