प्रधानमंत्री मोदी का हवाई चप्पल पहनकर हवाई यात्रा करने का दावा क्रूर मज़ाक है: कांग्रेस

कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कुछ मार्गों पर हवाई किराये में अत्यधिक वृद्धि पर चिंता जताते हुए पूछा है कि आसमान छूते हवाई किराये मध्यम वर्ग के लिए कहर बरपा रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि जब बालासोर ट्रेन त्रासदी हुई तो सरकार ने भुवनेश्वर और कोलकाता के बीच उड़ान की कीमतों को नियंत्रण से बाहर जाने दिया.

आरएसएस से संबद्ध संस्थाओं ने बजट पर चिंता जताई

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध संस्था स्वदेशी जागरण मंच ने कहा है कि नई कर व्यवस्था का करदाताओं की बचत पर बुरा असर पड़ेगा. संस्था ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि नई कर व्यवस्था में कुछ इस तरह का बदलाव किया जाए, जिससे मध्य वर्ग बचत करने को प्रेरित हो. आरएसएस से ही जुड़े भारतीय मज़दूर संघ ने भी बजट पर निराशा जताई है.

लॉकडाउन धीरे-धीरे ही सही, मध्य वर्ग के सरोकारों को बदल रहा है…

कोरोना वायरस के चलते लगे लॉकडाउन का असर समाज के सभी वर्गों और सभी उम्र के लोगों पर पड़ रहा है. ऐसे ही एक मध्यमवर्गीय युवक की कहानी...

कोविड-19 के संकट काल में भारत का मध्यम वर्ग कहां है?

मध्यम वर्ग को पता है कि छह साल में उसकी कमाई घटी ही है, बिजनेस में गच्चा ही खाया है. उसके मकानों की कीमत गिर गई है, हर राज्य में सरकार नौकरी की प्रक्रिया की दुर्गति है, वह सब जानता है, लेकिन ये समस्याएं न तो नौजवानों की प्राथमिकता हैं और न ही उनके मध्यमवर्गीय माता-पिता की.

शिक्षा का अधिकार कानून: दस सालों के सफर में हमने क्या हासिल किया?

साल 2010 में शिक्षा का अधिकार कानून के लागू होने के बाद पहली बार सरकारों की कानूनी जवाबदेही बनी कि वे 6 से 14 साल सभी बच्चों के लिए निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा की व्यवस्था करें. लेकिन इसी के साथ ही इस कानून की सबसे बड़ी सीमा यह रही है कि इसने सावर्जनिक और निजी स्कूलों के अन्तर्विरोध से कोई छेड़-छाड़ नहीं की.

सरकारी स्कूल फेल नहीं हुए, इन्हें चलाने वाली सरकारें फेल हुई हैं

सरकारी स्कूलों को बहुत ही प्रायोजित तरीके से निशाना बनाया गया है. प्राइवेट स्कूलों की समर्थक लॉबी की तरफ से बहुत ही आक्रामक ढंग से इस बात का दुष्प्रचार किया गया है कि सरकारी स्कूलों से बेहतर निजी स्कूल होते हैं और सरकारी स्कूलों में सुधार की कोई गुंजाइश नहीं बची है.