सोमवार को अहमदाबाद में घर लौटने की मांग को लेकर लगभग सौ मज़दूर सड़कों पर उतर आए और पथराव व तोड़-फोड़ की. इससे पहले रविवार को राजकोट में कामगारों ने गृह राज्य भेजने की मांग को लेकर हिंसक प्रदर्शन किया था, जिसमें एसपी समेत तीन पुलिसकर्मी और एक पत्रकार घायल हुए हैं.
देशव्यापी लॉकडाउन के चलते बड़े शहरों में काम करने वाले मज़दूरों के पास काम बंद हो जाने की स्थिति में दो विकल्प थे- या तो घर लौट जाएं, या फिर यहीं रहकर काम दोबारा शुरू होने का इंतज़ार करें. घरों तक के सफ़र में मज़दूरों के सामने तमाम चुनौतियां आई हैं, लेकिन जो नहीं गए उनका भी हाल कुछ बेहतर नहीं है.
आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने पैदल अपने घरों को लौट रहे प्रवासी मजदूरों को सुविधा उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार को निर्देश जारी करते हुए कहा कि अगर वह मजदूरों की मौजूदा स्थितियों के मद्देनजर आदेश जारी नहीं करती है, तो उसकी भूमिका के साथ न्याय नहीं होगा.
दिल्ली में रह रहे बिहार के प्रवासी श्रमिक रामपुकार पंडित की मोबाइल फोन पर बात करते रोते हुए तस्वीर बीते दिनों सुर्ख़ियों में रही थी. उनके बेटे की मौत हो गई है और वे अब तक परिवार से नहीं मिल सके हैं.
गैर-लाभकारी संगठन सेव लाइफ फाउंडेशन के अध्ययन के अनुसार, 25 मार्च को लॉकडाउन शुरू होने के बाद से 18 मई सुबह 11 बजे तक अपने घरों को लौट रहे 158 प्रवासी, आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति करने वाले 29 लोग और 236 अन्य लोगों की मौत हुई है.
उत्तर प्रदेश के कुशीनगर ज़िले के बहुआस के रहने वाले राजू गुजरात के अंकलेश्वर में काम करते थे. चार मई को वे साइकिल से अपने गांव जाने के लिए निकले थे, इसी शाम उनका शव बड़ौदा के करजन में नेशनल हाईवे पर मिला.
लॉकडाउन के कारण सऊदी अरब में फंसे भारतीय मजदूर भारत सरकार से लगातार गुहार लगा रहे हैं कि उनकी स्वदेश वापसी के लिए विशेष उड़ान सेवाओं का बंदोबस्त किया जाए.
हाईकोर्ट ने कहा कि कोविड-19 संकट काल में प्रवासी मज़दूर और कृषि कामगार काफी उपेक्षित हैं. अदालत ने ऐसे मज़दूरों के बारे में केंद्र और राज्य सरकारों से 22 मई तक रिपोर्ट पेश करने को कहा है.
उत्तर प्रदेश के औरैया में शनिवार को मरने वाले 24 मजदूर राजस्थान के आरएसजी स्टोंस नाम की कंपनी में काम करते थे. कंपनी में काम करने वाले कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि उनसे देर तक काम करवाया जाता है और वेतन देने में देरी की जाती है.
ऑटोरिक्शा में हरियाणा से बिहार जा रहे दंपति की लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर पर मौत हो गई. मध्य प्रदेश के गुना में टेम्पो पलट जाने से एक व्यक्ति की मौत हो गई और 11 अन्य घायल हो गए. मध्य प्रदेश के बड़वानी में दो हादसों में पांच प्रवासियों की मौत हो गई.
दूसरे राज्यों में फंसे कामगारों को उनके गृह राज्य पहुंचाने के लिए चलाई गई श्रमिक स्पेशल ट्रेन के रजिस्ट्रेशन की जद्दोजहद के बाद यात्रा की तारीख तय न होने से मज़दूर हताश हैं. कर्नाटक, कश्मीर और गुजरात के कई कामगार इस स्थिति से निराश होकर साइकिल या पैदल निकल चुके हैं या ऐसा करने के बारे में सोच रहे हैं.
यह हादसा मध्य प्रदेश के सागर ज़िले में हुआ. शनिवार सुबह ही उत्तर प्रदेश के औरैया ज़िले में ट्रक और डीसीएम की टक्कर में 24 लोगों की मौत हो गई थी.
प्रवासी मज़दूरों की घर वापसी के लिए पश्चिम बंगाल, झारखंड, छत्तीसगढ़ और राजस्थान जैसे गैर भाजपा शासित राज्यों से सहयोग नहीं मिलने के रेल मंत्री पीयूष गोयल के आरोपों के बाद इन राज्यों ने कहा है कि रेल मंत्रालय के पास सही जानकारी नहीं हैं और आरोप तथ्यों से परे हैं.
केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों से कहा है कि वे यह सुनिश्चित करें कि अब कोई प्रवासी मज़दूर सड़कों और रेलवे ट्रैक पर न पाया जाए और उन्हें विशेष बसों या विशेष श्रमिक ट्रेनों में बिठाकर उनके गंतव्य रवाना जाए.
यह घटना औरैया के मिहौली इलाके में शनिवार तड़के तक़रीबन 3:30 बजे के बीच हुई. राजस्थान की ओर से आ रहे ट्रक की दिल्ली की ओर से आ रही डीसीएम वैन से टक्कर हो गई. ट्रक में लगभग 50 मज़दूर सवार थे.