झारखंड की तीन युवतियों को बेचने और बलात्कार की घटना का एनसीडब्ल्यू ने संज्ञान लिया

एक नाबालिग समेत झारखंड की तीन युवतियों को कथित तौर पर राजस्थान में बेचे जाने और उनके साथ बलात्कार का मामला सामने आया है. लॉकडाउन में घर लौट रहे प्रवासी मज़दूरों के समूह के बीच अपने अपहर्ताओं से छिपते-छिपाते कई दिनों तक पैदल चलने के बाद हाल ही में इन्हें उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में पुलिस ने बचाया.

क्या नरेंद्र मोदी सरकार ने कोरोना से जंग का मोर्चा छोड़ दिया है?

प्रधानमंत्री कह रहे हैं कि इस कठिन समय में उनकी सरकार के फ़ैसलों से गांवों में रोजगार, स्वरोजगार और लघु उद्योग से जुड़ी विशाल संभावनाएं खुली हैं, लेकिन वे यह नहीं बता रहे कि जिसे ज़िंदा रहने के लिए तत्काल मदद की ज़रूरत हो, उसे मुंगेरीलाल जैसे भविष्य के हसीन सपने कैसे दिख सकते हैं?

राष्ट्र मानवता की गरिमा बनाए रखें, कोविड-19 से सबसे अधिक शरणार्थी प्रभावित: संयुक्त राष्ट्र

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि दुनियाभर में कोविड-19 ज़िंदगियों और आजीविकाओं को तबाह कर रहा है और सबसे कमज़ोर, सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं.

प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना के इलाज में खर्च की सीमा तय करने की याचिका पर केंद्र को नोटिस

सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में संक्रमित लोगों के लिए निजी क्वारंटीन सेंटर की सुविधा एवं अस्पतालों की संख्या बढ़ाने की भी मांग की गई है.

कोरोना वायरस संकट के कारण प्रवासी श्रमिकों की वापसी ग़रीबी और भेदभाव को बढ़ाएगी: जस्टिस रमण

जस्टिस एनवी रमण ने राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा आयोजित एक ऑनलाइन सेमिनार में कहा कि इस वैश्विक महामारी ने हमारे सामने कई समस्याएं पैदा कर दी हैं. लॉकडाउन के कारण पारिवारिक हिंसा एवं बाल उत्पीड़न की घटनाएं भी बढ़ी हैं.

गिद्ध कहकर केंचुआ बनाए रखने की मेहता-मंशा

वीडियो: सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने लॉकडाउन के दौरान मज़दूरों की मुसीबतों को कवर करने वाले पत्रकारों की तुलना गिद्धों से की. इस मुद्दे पर वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश का नज़रिया.

‘मुंबई से गांव आने के लिए निकले, लेकिन उनका सफ़र रास्ते में ही ख़त्म हो गया’

बीते 26 मई को झांसी से गोरखपुर जा रही एक श्रमिक स्पेशल ट्रेन में सवार आज़मगढ़ के 45 वर्षीय प्रवासी श्रमिक रामभवन मुंबई से अपने परिवार सहित घर लौट रहे थे, जब रास्ते में अचानक उनकी तबियत ख़राब होने लगी. परिजनों का कहना है कि समय पर उचित मेडिकल सहायता न मिलने के कारण उन्होंने कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर दम तोड़ दिया.

क्या बिहार में कोरोना से ज़्यादा मौतें क्वारंटीन सेंटर्स में हुई हैं?

बिहार सरकार के आंकड़ों के मुताबिक बुधवार शाम तक राज्य में कोरोना संक्रमण से 25 मौतें हुई हैं. सरकार द्वारा क्वारंटीन सेंटर्स में हुई मौतों के बारे में कोई आंकड़ा जारी नहीं किया गया है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अब तक 10 ज़िलों के क्वारंटीन सेंटर्स में 20 से अधिक जानें जा चुकी हैं.

तुषार मेहता के ‘गिद्ध’ पत्रकार और ग़ैरक़ानूनी होता असहमति का अधिकार

वीडियो: प्रवासी श्रमिकों के संकट के कवरेज के लिए 27 मई को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष फोटो और वीडियो पत्रकारों के खिलाफ भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की टिप्पणी की ऑल इंडिया वर्किंग न्यूज़ कैमरामैन एसोसिएशन ने आलोचना की है. इस पर चर्चा कर रही हैं आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.

बिहार लौटने वाले लोगों को अब क्वारंटीन नहीं करेगी सरकार, विपक्ष ने की आलोचना

15 जून के बाद बिहार में क्वारंटीन सेंटर्स को बंद किया जाएगा. साथ ही रेलवे स्टेशनों पर थर्मल स्क्रीनिंग भी बंद की जाएगी. राज्य सरकार का फ़ैसला ऐसे समय में आया है जब राज्य में कोरोना संक्रमण के 3,872 पॉजिटिव मामलों में से 2,743 लोग वे हैं जो तीन मई के बाद दूसरे राज्यों से लौटे हैं.

मनरेगा के तहत सरकार को अतिरिक्त तीन लाख करोड़ रुपये खर्च करना चाहिए: अर्थशास्त्री अरुण कुमार

जेएनयू के पूर्व प्रोफेसर और वर्तमान में इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइसेंस के चेयरमैन प्रोफेसर अरुण कुमार का कहना है कि कोरोना वायरस के मद्देनजर लॉकडाउन से उत्पन्न प्रवासी मजदूरों की समस्या सरकार की गलत नीतियों और असंतुलित विकास का नतीजा है.

कोरोना काल में अनेकों मनुष्य मानवता से ही ‘मुक्त’ हुए जा रहे हैं…

अतीत में हमने कोरोना से ज़्यादा संहारक महामारियां झेली हैं, वो भी तब, जब हमारे पास आज जैसा ज्ञान-विज्ञान नहीं था लेकिन कभी इतने भयाक्रांत नहीं हुए कि अपने मनुष्य होने पर ही संदेह होने लगे और संक्रमण से बचाव का डर उस हद तक पहुंच जाए, जहां से घर लौटते प्रवासी मज़दूर अवांछनीय नज़र आने लग जाएं!

लॉकडाउन: बेरोजगारी से तंग आकर यूपी के 50 वर्षीय शख्स ने ट्रेन से कटकर जान दी

मामला उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले का है. लॉकडाउन से पहले एक रेस्टोरेंट में काम करने वाले 50 वर्षीय भानु प्रकाश गुप्ता की जेब से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है जिसमें उन्होंने अपनी गरीबी और बेरोजगारी का जिक्र किया है. उनके परिवार में बूढ़ी मां, पत्नी, तीन बेटियां और एक बेटा हैं.

श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में अब तक कम से कम 80 लोगों की मौत: आरपीएफ

रेलवे सुरक्षा बल के आंकड़ों के मुताबिक श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में करीब 80 लोगों की मौत 9 मई से 27 मई के बीच हुई है. इनमें चार वर्ष से लेकर 85 वर्ष तक के यात्री शामिल थे.

सॉलिसिटर जनरल द्वारा कोर्ट में सुनाई गई ‘गिद्ध वाली कहानी’ फ़र्ज़ी वॉट्सऐप मैसेज पर आधारित थी

फैक्ट चेक: सुप्रीम कोर्ट में 28 मई को प्रवासी मज़दूरों के लिए केंद्र सरकार द्वारा उठाए क़दमों का ब्योरा देते समय सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने एक पुरानी घटना का ज़िक्र करते हुए ऐसा इशारा किया था कि मज़दूरों की परेशानियों को दिखाते लोग गिद्धों की तरह हैं. पड़ताल बताती है कि यह घटना असल में हुई ही नहीं, यह एक झूठा वॉट्सऐप मैसेज है.

1 5 6 7 8 9 15