केंद्र सरकार ने अयोध्या मामलों के लिए एक अलग विशेष डेस्क बनाई

केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश के मुताबिक, अतिरिक्त सचिव ज्ञानेश कुमार के नेतृत्व में अयोध्या और इससे जुड़े अदालती फैसलों से संबंधित मामलों पर गौर करने के लिए विशेष डेस्क बनाई गई है. ज्ञानेश कुमार गृह मंत्रालय में जम्मू कश्मीर और लद्दाख मामलों के विभाग के भी प्रमुख हैं.

एनआरसी के लिए एनपीआर आंकड़ों का इस्तेमाल कर सकते हैं या नहीं भी कर सकते हैं: रविशंकर प्रसाद

एक साक्षात्कार में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि एनपीआर आंकड़ों का इस्तेमाल कभी भी एनआरसी के लिए नहीं किया जा सकता है. यहां तक कि कानून भी अलग-अलग हैं…मैं सभी लोगों, खासकर अल्पसंख्यकों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि एनपीआर का इस्तेमाल एनआरसी के लिए नहीं किया जाएगा. यह एक अफवाह है.

क्या है एनपीआर का सच और क्यों झूठा है एनआरसी लागू न करने का सरकार का दावा

वीडियो: केंद्र सरकार ने बीते दिनों नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर यानी एनपीआर अपडेट करने और जनगणना 2021 की शुरुआत करने को मंज़ूरी दे दी है. इसके बाद ही बहस शुरू हो गया कि यह देशभर में एनआरसी लाने का पहला क़दम है, जिसका विरोध हो रहा है. इस बारे में विस्तृत जानकारी दे रहे हैं सुप्रीम कोर्ट के वकील शादान फरासत.

फैक्ट चेक: मोदी सरकार ने संसद में खुद माना है कि एनपीआर, एनआरसी से जुड़ा हुआ है

एक तरफ सरकार जहां इस बात से इनकार कर रही है कि एनपीआर और एनआरसी में कोई संबंध है, वहीं अपने पहले कार्यकाल में नरेंद्र मोदी सरकार ने संसद में कम से कम नौ बार बताया था कि एनआरसी को एनपीआर आंकड़ों के आधार पर पूरा किया जाएगा.

एनआरसी पर मचे हंगामे के बीच राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर अपडेट को मिली कैबिनेट की मंज़ूरी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली केंद्रीय कैबिनेट ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को अपडेट करने की मंज़ूरी दे दी है. विपक्ष ने इसे देशव्यापी एनआरसी की तरफ सरकार का पहला कदम बताया है.

राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के लिए बताना होगा माता-पिता का जन्मस्थान और जन्मतिथि

राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को लेकर राज्यों के विरोध के बीच गृह मंत्रालय ने इसे अपडेट करने के लिए कैबिनेट से करीब चार करोड़ करोड़ रुपये मांगे हैं. साथ ही अब से इस प्रक्रिया में माता-पिता का जन्मस्थान और जन्मतिथि भी बतानी होगी, जो पिछले एनपीआर में नहीं पूछा जाता था.

मुफ्त राशन की व्यवस्था बहाल करने की मांग पर ब्रू शरणार्थियों ने सड़क जाम रखा

केंद्र सरकार ने बीते एक अक्टूबर को त्रिपुरा के उत्तरी ज़िलों में स्थित छह ब्रू राहत शिविरों में मुफ्त राशन और नकद सहायता रोक दी, क्योंकि शरणार्थियों ने मिज़ोरम वापस लौटने से इनकार कर दिया था. इसके बाद से शरणार्थी उत्तर त्रिपुरा ज़िले में आनंद बाजार से कंचनपुर के बीच सड़क जाम कर प्रदर्शन कर रहे हैं.

त्रिपुरा: ब्रू राहत शिविरों में कथित तौर पर भूख से मरने वालों की संख्या बढ़कर छह हुई

मिजोरम ब्रू डिस्प्लेस्ड पीपुल्स फोरम ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार द्वारा पिछले महीने से राहत शिविरों के लोगों के लिए मुफ्त राशन और नकद सहायता बंद किए जाने के बाद भुखमरी से लोगों की मौत हुई है.

एनसीआरबी रिपोर्ट: गृह मंत्रालय ने कहा, अविश्वसनीय होने से 25 श्रेणियों में आंकड़े जारी नहीं किए

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट में मॉब लिंचिंग के आंकड़ों को शामिल नहीं किए जाने पर सफाई देते हुए गृह मंत्रालय ने कहा कि उन आंकड़ों को इसलिए नहीं शामिल किया गया, क्योंकि वे अविश्वसनीय थे और उनमें ग़लत सूचनाओं के शामिल होने का ख़तरा था.

लिंचिंग के आंकड़े जुटाने के बावजूद एनसीआरबी ने इसे जारी नहीं किया

साल 2017 की एनसीआरबी रिपोर्ट पूरे एक साल की देरी से जारी की गई है. इस रिपोर्ट में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के सबसे अधिक मामले उत्तर प्रदेश में दर्ज किए गए हैं.

यूएपीए संशोधन संबंधी दस्तावेज़ राष्ट्रीय सुरक्षा के कारण नहीं दिए जा सकते हैं: गृह मंत्रालय

विशेष रिपोर्ट: अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाकर जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा ख़त्म करने के संबंध में आरटीआई के तहत द वायर की ओर से मांगी गई जानकारी देने से भी गृह मंत्रालय ने मना कर दिया है.

पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के दोषी की मौत की सज़ा उम्रक़ैद में बदली गई: गृह मंत्रालय

चंडीगढ़ में 31 अगस्त 1995 को सिविल सचिवालय के बाहर एक विस्फोट में तत्कालीन मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की मौत हो गई थी. बलवंत सिंह राजोआना ने इस हमले की साज़िश रची थी. बेअंत​ सिंह के पोते और कांग्रेस सांसद ने रवनीत सिंह बिट्टू ने केंद्र के फैसले पर उठाया सवाल.

असम के 33 ज़िलों में 200 अतिरिक्त विदेशी नागरिक न्यायाधिकरण बनाएगी सरकार

असम में अंतिम एनआरसी 31 अगस्त को जारी की गई थी, जिसमें 19 लाख से ज़्यादा आवेदकों के नाम शामिल नहीं थे. एनआरसी में जिन लोगों के नाम शामिल नहीं हैं उन्हें अंतिम एनआरसी के प्रकाशन के 120 दिन के भीतर विदेशी नागरिक न्यायाधिकरण में अपील दायर करनी होगी.

एनआरसी से बाहर हुए लोगों से नहीं छिनेगा मताधिकार, नहीं माने जाएंगे डी-वोटर: चुनाव आयोग

चुनाव आयोग के एक अधिकारी के अनुसार जिन रजिस्टर्ड वोटर का नाम एनआरसी की अंतिम सूची में नहीं आया है, वे डी-वोटर नहीं कहलाएंगे. असम में डाउटफुल या संदिग्ध वोटर उन मतदाताओं की श्रेणी है, जिनकी नागरिकता संदेह के घेरे में होती है.

केंद्र सरकार ने सरदार पटेल के नाम से राष्ट्रीय एकता पुरस्कार की शुरुआत की

देश की एकता-अखंडता में महत्वपूर्ण योगदान देने वालों को मिलेगा सरदार पटेल राष्ट्रीय एकता पुरस्कार. सम्मान की घोषणा सरदार पटेल की जयंती 31 अक्टूबर को की जाएगी.

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