अमेरिकी सरकार द्वारा गठित एक आयोग ने अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अपनी नवीनतम रिपोर्ट में कहा है कि देश में जारी भगवाकरण अभियान के शिकार मुसलमान, ईसाई, सिख, बौद्ध, जैन और दलित हिंदू हैं.
संप्रग सरकार ने 2005 में राजिंदर सच्चर के नेतृत्व में मुस्लिमों की आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक दशा का पता लगाने के लिए सच्चर कमेटी बनाई थी.
जहां भाजपा सफल हो जाती है, वहां ये कथित ‘चाणक्य नीति’ का ढोल पीटते हैं, जहां विफल हो जाते हैं तो कहते हैं कि अति-आत्मविश्वास हमें ले डूबा.
वीडियो: देश में बढ़ती सांप्रदायिक घटनाओं और बयानबाज़ी पर दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद से द वायर के कार्यकारी संपादक बृजेश सिंह की बातचीत.
गृह मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने विपक्ष द्वारा तुष्टिकरण के आरोप पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि सर्कुलर सच्चर कमेटी की सिफ़ारिशों पर आधारित था.
आरएसएस प्रशिक्षण शिविर में पूर्व जज केटी थॉमस ने कहा, 'अगर किसी संगठन को आपातकाल से देश को मुक्त कराने के लिए क्रेडिट दिया जाना चाहिए, तो मैं आरएसएस को दूंगा.'
केंद्र सरकार में मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, भारत में जम्हूरियत भी तभी तक है और लोकतंत्र तभी तक सुरक्षित है जब तक बहुसंख्यकों की आबादी है.
अल्पसंख्यक मामलों पर संसदीय समिति के छह सदस्य चाहते थे कि भीड़ द्वारा पीट-पीट कर मारे गए लोगों के लिए दो मिनट का मौन रखा जाए और केंद्रीय मंत्री इन घटनाओं की निंदा करें.
जमात-ए-इस्लामी हिंद ने राजस्थान के अलवर में गोरक्षा के नाम पर एक व्यक्ति को पीट-पीट कर मार डालने की घटना की निंदा की.
एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और जम्मू कश्मीर सरकार को राज्य में मुस्लिमों के अल्पसंख्यक दर्जे पर आपसी सहमति से बैठक करने और चार हफ्तों में इसकी रिपोर्ट जमा करने को कहा है.
अमीर मुसलमानों से हज सब्सिडी छोड़ने की अपील करते हुए उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री मोहसिन रज़ा ने कहा कि इससे गरीब और ज़रूरतमंदों को हज करने का मौका मिल सकेगा.
भारत की सियासत में जब तक अलग से मुसलमानों की बात होती रहेगी तब तक हिंदुत्व ज़िंदा रहेगा.
चुनावी सरगर्मी के दौरान लगातार मुज़फ़्फ़रनगर दंगों की बात होती रही पर क्यों किसी भी राजनीतिक दल ने दंगों में बलात्कार की शिकार इन महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए आवाज़ नहीं उठाई?
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सभी दल मुस्लिम वोटबैंक को साधने में लगे हैं, हालांकि वे किसे वोट करेंगे इसे लेकर भ्रम की स्थिति है.
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव पर द वायर हिंदी और चलचित्र अभियान पेश कर रहे हैं ‘चुनावी चर्चा’. इसकी तीसरी किस्त में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुसलमानों से बातचीत.