उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आंकड़े बताते हैं कि दिसंबर 2022 में शहरी क्षेत्रों की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक खुदरा महंगाई दर्ज की गई. देश में मिज़ोरम में खुदरा महंगाई की उच्चतम दर 13.94 फीसदी दर्ज की गई, जबकि त्रिपुरा में अधिकतम शहरी महंगाई की दर (10.43 फीसदी) देखी गई.
कुकी-चिन-मिज़ो समुदाय के लोग बांग्लादेशी सेना और एक जातीय विद्रोही समूह कुकी-चिन नेशनल आर्मी के बीच सशस्त्र संघर्ष के बाद अपने घर छोड़कर मिज़ोरम आ रहे हैं. मिज़ोरम पहले से ही म्यांमार के 30,000 से अधिक शरणार्थियों को शरण दे रहा है.
बीते 14 नवंबर को दक्षिण मिजोरम के हनहथियाल जिले में स्थित पत्थर की एक खदान धंसने से वहां काम कर रहे 12 लोग लापता हो गए थे. अब तक 11 शव बरामद किए जा चुके हैं और एक व्यक्ति अभी भी लापता है.
दक्षिण मिज़ोरम के हनहथियाल ज़िले में यह हादसा सोमवार दोपहर बाद तीन बजे हुआ, जब श्रमिक मौदढ़ गांव स्थित पत्थर की एक खदान में काम कर रहे थे. खदान धंसने से 12 लोग लापता हो गए थे, जिनमें से आठ लोगों के शव मंगलवार सुबह बरामद किए जा चुके हैं.
दोनों राज्यों के बीच चल रहे सीमा विवाद के समाधान की बातचीत के बीच मिज़ोरम के अधिकारी ने बताया कि असम पुलिस ने दो अक्टूबर को झोफई इलाके में दो झोंपड़ियां बनाईं. यह वही जगह है, जहां 2018 में हुई एक झड़प में 60 लोग घायल हो गए थे.
मिज़ोरम के सत्तारूढ़ दल मिज़ो नेशनल फ्रंट से राज्यसभा सांसद के. वनलालवेना ने बताया कि फरवरी 2021 में म्यांमार में तख़्तापलट होने के बाद से राज्य सरकार ने लगभग तीस हज़ार शरणार्थियों को पंजीकृत किया है. हालांकि कई शरणार्थी अपने रिश्तेदारों और दोस्तों के साथ रह रहे हैं, इसलिए उनका पंजीकरण नहीं हुआ है.
बांग्लादेश के विदेश राज्य मंत्री शहरयार आलम ने बताया कि भारत के पूर्वोत्तर राज्यों से संबंधित कई परियोजनाएं हैं जिन पर चर्चा की जानी है.
उत्तरी त्रिपुरा ज़िले के कंचनपुर और पानीसागर उपसंभागों में मिज़ोरम से आए ब्रू शरणार्थी सात राहत शिविरों में रह रहे हैं. एक अधिकारी ने बताया कि उन्हें आदेश मिला है कि शिविरों में ठहरे शरणार्थी यदि कहीं और पुनर्वास के लिए राजी नहीं होते हैं तो एक सितंबर से उन्हें दी जाने वाली मुफ़्त राशन आदि जैसी मदद रोक दी जाएगी.
मिज़ोरम के गृह विभाग द्वारा इस महीने की शुरुआत में संकलित आंकड़ों का हवाला देते हुए एक अधिकारी ने बताया कि पिछले साल फरवरी में पड़ोसी देश म्यांमार में सेना द्वारा सत्ता हथियाए जाने के बाद से अब तक 11,798 बच्चों और 10,047 महिलाओं सहित म्यांमार के 30,316 नागरिकों ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में शरण ली है. मिज़ोरम आने वालों में वहां के 14 विधायक भी शामिल हैं.
भारत के महापंजीयक द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 10 वर्षों में नवजात शिशु मृत्यु दर में क़रीब 36 प्रतिशत की कमी देखी गई है और राष्ट्रीय स्तर पर नवजात मृत्यु दर का स्तर पिछले दशक में 44 से गिरकर 28 हो गया. पिछले पांच दशकों में राष्ट्रीय स्तर पर जन्म दर में काफी कमी आई है, जो 1971 के 36.9 से घटकर 2020 में 19.5 हो गई.
असम में बाढ़ की स्थिति शुक्रवार को भी गंभीर बनी रही, क्योंकि बाढ़ का पानी नए इलाकों में घुस गया है, जिससे कुल 29 ज़िले प्रभावित हुए हैं. बाढ़ के कारण चार और लोगों की मौत होने से मृतकों की संख्या बढ़कर 14 हो गई, जिसमें से पांच लोगों की मौत भूस्खलन के कारण हुई है. उधर, अरुणाचल प्रदेश में भूस्खलन से मरने वालों की संख्या बढ़कर आठ हो गई है.
भारी बारिश और भूस्खलन के कारण असम की बराक घाटी और दीमा हसाओ ज़िले समेत पड़ोसी राज्यों त्रिपुरा, मिजोरम और मणिपुर के कुछ हिस्सों से सड़क और रेल संपर्क टूट गया है. असम और मेघालय में कई जगह सड़क और रेल पटरी बह गई है. असम में वर्षाजनित हादसों में तीन और लोगों की मौत हो जाने के बाद कुल मृतक संख्या बढ़कर आठ हो गई है.
केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री प्रतिमा भौमिक ने कहा कि ब्रू लोगों के पुनर्वास की प्रगति की समीक्षा की गई और ऐसा प्रतीत होता है कि पुनर्वास के संबंध में एक महत्वपूर्ण प्रगति हुई है. केवल 500 परिवारों को अभी तक ज़मीन नहीं मिली है और उन सभी को 20 मई तक प्लॉट दिए जाएंगे.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भेजे पत्र में ब्रू विस्थापित युवा संघ ने पुनर्वास प्रक्रिया को पूरा करने में देरी के लिए त्रिपुरा की बिप्लब देव सरकार के लापरवाही भरे रवैये को ज़िम्मेदार ठहराया है.
इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में मिज़ोरम, मणिपुर, मेघालय, असम और अरुणाचल प्रदेश के प्रमुख समाचार.