मिज़ोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने कहा है कि उनकी सरकार संसाधनों की उपलब्धता के आधार पर शरणार्थियों और आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों की देखभाल करना जारी रखेगी. यह राजनीतिक नहीं, बल्कि मानवीय मुद्दा है. राज्य गृह विभाग के अनुसार, म्यांमार के 31,300 से अधिक नागरिकों और 1,100 से अधिक बांग्लादेशियों ने राज्य में शरण ले रखी है.
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह की यह प्रतिक्रिया मिज़ोरम के नए मुख्यमंत्री लालदुहोमा की उस टिप्पणी के बाद आई है, जिसमें उन्होंने मणिपुर पुलिस से सीमावर्ती शहर मोरेह में रहने वाले कुकी-ज़ो लोगों को परेशान न करने के लिए कहा था. उन्होंने जोड़ा था कि मणिपुर में कुकी समुदाय से अच्छा बर्ताव नहीं किया जा रहा.
असम समझौते पर हस्ताक्षर के बाद नागरिकता अधिनियम, 1955 में जोड़ी गई धारा 6ए की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर शीर्ष अदालत में चली सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने यह जवाब दाख़िल किया था. केंद्र सरकार ने अपने हलफ़नामे में कहा है कि 2017 और 2022 के बीच कुल 14,346 विदेशियों को निर्वासित किया गया है.
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चुनाव में मिज़ो नेशनल फ्रंट को अपदस्थ करके सत्ता हासिल करने वाले क्षेत्रीय दल ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट के संस्थापक लालडुहोमा इस उत्तर-पूर्वी राज्य के छठे मुख्यमंत्री बने हैं. पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष के. सपडांगा ने उपमुख्यमंत्री का पदभार संभाला है.
पूर्वोत्तर में एक नए क्षेत्रीय दल के तौर पर उभरे ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट ने 40 सदस्यीय मिज़ोरम विधानसभा की 27 सीटें जीती हैं. वहीं, सत्तारूढ़ मिज़ो नेशनल फ्रंट 10 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही. भाजपा को दो और कांग्रेस को एक सीट मिली हैं.
मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी ने बड़ी जीत दर्ज की है, वहीं तेलंगाना विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सत्तारूढ़ बीआरएस को हराया है.
चुनाव आयोग ने कहा कि यह बदलाव विभिन्न क्षेत्रों से मतगणना की तारीख़ बदलने के लिए कई अनुरोध आने के बाद किया गया है. इससे पहले यहां अन्य चार चुनावी राज्यों की तरह 3 दिसंबर (रविवार) को मतगणना तय की गई थी. हालांकि ईसाई बहुल राज्य होने के कारण मिज़ोरम रविवार को पवित्र दिन मानता है, इसलिए तारीख़ में बदलाव की मांग कर रहा था.
सेना के पूर्वी कमान प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल राणा प्रताप कलीता ने मीडिया से बातचीत में कहा है कि जब तक विभिन्न पुलिस थानों और अन्य स्थानों से लूटे गए 4,000 से अधिक हथियार लोगों के हाथों में हैं, मणिपुर में हिंसा ख़त्म नहीं होगी.
बीते छह महीने से मणिपुर में जारी जातीय हिंसा के बाद वर्तमान में लगभग 12,000 मणिपुरी मिज़ोरम में शरण लिए हुए हैं. राज्य सरकार के अधिकारियों ने कहा है कि पिछले कई महीनों में ‘बार-बार अनुरोध’ के बावजूद केंद्र सरकार ने आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों को राहत देने के लिए नकद या अन्य कोई सहायता नहीं दी है.
पिछले महीने से म्यांमार सेना को तीन जातीय सशस्त्र बलों के गठबंधन से एक बड़े समन्वित हमले का सामना करना पड़ा है. भारतीय सीमा के पास भी तीव्र संघर्ष देखा गया. कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि 5,000 से अधिक शरणार्थी सीमा पार कर गए हैं.
मिजोरम के शीर्ष छात्र संगठन मिज़ो ज़िरलाई पावल (एमजेडपी) के नेतृत्व में प्रदर्शनकारी राज्य की राजधानी आइजोल के पश्चिमी भाग में डावरपुई वेंगथर में मिजोरम छात्रवृत्ति बोर्ड कार्यालय के सामने दो दिन से धरना दे रहे हैं. वे राज्य के भीतर और बाहर पढ़ रहे 19,495 छात्रों को छात्रवृत्ति राशि के तत्काल वितरण की मांग कर रहे हैं.
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जिला मजिस्ट्रेट को लिखे एक पत्र में त्रिपुरा के ब्रुहापारा बस्ती क्षेत्र के सहायक प्रभारी करणजॉय रियांग ने कहा कि आंतरिक रूप से विस्थापित ब्रू आदिवासी लोग, जिन्हें जातीय संघर्षों के कारण अपने गृह राज्य मिज़ोरम से भागना पड़ा था, उन्हें अक्टूबर 2022 से भत्ता नहीं मिला है, जिससे वे संकट में हैं.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि एक सरकार और एक पार्टी जिसने अनुच्छेद 370 को हटाया, वह 371 'जी' को भी हटा सकती है. यह अधिनियम मिज़ो समुदाय की धार्मिक या सामाजिक प्रथाओं, मिज़ो प्रथागत क़ानून, नागरिक और आपराधिक न्याय प्रशासन, भूमि स्वामित्व आदि की रक्षा करता है.