घटना भारत बांग्लादेश सीमा के पास त्रिपुरा के सिपाहीजाला ज़िले के गोरुबंद इलाके की है. युवक को कथित तौर पर दो गायों के साथ भीड़ ने पकड़ा था.
झारखंड के सरायकेला खरसावां ज़िले में बीते 18 जून को चोरी के आरोप में तबरेज़ अंसारी नाम के युवक को भीड़ ने एक खंभे से बांधकर बेरहमी से कई घंटों तक पीटा था, जिससे उनकी मौत हो गई थी.
राजस्थान के अलवर ज़िले के मुंडावर थाना क्षेत्र की घटना. परिजनों ने हत्या के पीछे राजनीतिक रंज़िश होने की आशंका जताई है. पुलिस हत्या का केस दर्ज किया.
घटना कटिहार ज़िले की है, जहां एक मवेशी व्यवसायी के कर्मचारी द्वारा कथित तौर पर रंगदारी देने से मना करने पर मारपीट की गई, जिसके बाद उसकी मौत हो गई.
मामला बोकारो थर्मल थाना क्षेत्र की गोविंदपुर कॉलोनी का है, जहां बैटरी चुराने के आरोप में भीड़ ने दो लोगों को बांधकर पीटा. पुलिस ने मामले में पांच लोगों को गिरफ़्तार किया है.
गुजरात में अहमदाबाद के साबरमती टोल नाका इलाके का मामला. किसी बात को लेकर दलित समुदाय के युवकों की एक ढाबा मालिक से लड़ाई हो गई थी.
राजस्थान के अलवर में अप्रैल 2017 में कथित गोरक्षकों की भीड़ ने मवेशी ले जा रहे पहलू ख़ान, उनके दो बेटों और ट्रक चालक पर हमला कर दिया था. इस हमले के दो दिन बाद पहलू ख़ान की अस्पताल में मौत हो गई थी.
राज्य में बीते तीन साल में गोकशी, चोरी, बच्चा चोरी और अफ़वाहों के चलते 21 लोगों की मौत हुई है. जनवरी 2017 से लेकर अब तक राज्य में जादू-टोना करने के शक के आधार पर हुई भीड़ की हिंसा में 90 से अधिक लोगों की मौत हुई है.
बुलंदशहर में तीन दिसंबर 2018 को कथित गोकशी को लेकर भड़की हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या कर दी गई थी. हिंसा में सुमित की भी मौत हो गई थी, जिसे बाद में पुलिस ने सुबोध कुमार सिंह की हत्या का आरोपी बनाया था.
उत्तर प्रदेश के एटा ज़िले में भी एक युवक की कथित तौर पर नशे में धुत उसके साथियों ने सरिया से पीट-पीटकर हत्या कर दी.
साल 2017 में गो-तस्करी के आरोप में 55 वर्षीय पहलू खान को राजस्थान के अलवर में भीड़ ने पीट-पीटकर मार दिया था. इस साल अगस्त महीने में निचली अदालत ने मामले में सभी छह आरोपियों को बरी कर दिया.
महाराष्ट्र के वर्धा स्थित महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के छह छात्रों को बिना अनुमति सामूहिक धरने के आयोजन कर चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने के आरोप में निष्कासित कर दिया गया था.
मॉब लिंचिंग की बढ़ती घटनाओं को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुला पत्र लिखने वाली 49 हस्तियों के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज करने की निंदा करने वाले साहित्य और कला क्षेत्र की 180 से अधिक हस्तियों में अभिनेता नसीरूद्दीन शाह भी शामिल थे.
महाराष्ट्र के वर्धा स्थित महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय ने कहा कि छात्रों ने सामूहिक धरने का आयोजन करके 2019 विधानसभा चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन किया और न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप किया.
माना जाता है कि जब भी एनडीए सत्ता में आती है, इसकी डोर आरएसएस के हाथों में होती है. लेकिन 2019 के विजयादशमी भाषण के अधिकांश हिस्से में संघ प्रमुख मोहन भागवत का मोदी सरकार के बचाव में बोलना उनके घटते महत्व की ओर इशारा करता है.