कोविड-19ः भारत में जॉनसन एंड जॉनसन के एक खुराक वाले टीके को आपात इस्तेमाल की मंज़ूरी

अमेरिकी दवा कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन का टीका भारत में कोविड-19 के ख़िलाफ़ इस्तेमाल होने वाली पांचवीं वैक्सीन है. कंपनी ने अपने टीके के आपात इस्तेमाल अधिकार के लिए छह अगस्त को आवेदन दिया था और भारत के औषधि महानियंत्रक ने उसी दिन उसे मंज़ूरी दे दी.

भारत के अनुरोध के बाद कोविशील्ड स्विट्जरलैंड और सात यूरोपीय देशों की ग्रीन पास सूची में शामिल

बुधवार को भारत ने यूरोपीय संघ के सदस्य देशों से कहा था कि वह परस्पर विनिमय की नीति अपनाएगा और ‘ग्रीन पास’ रखने वाले यूरोपीय नागरिकों को अपने देश में अनिवार्य क्वारंटीन से छूट देगा बशर्ते उसकी कोविशील्ड और कोवैक्सीन को मान्यता देने के अनुरोध को स्वीकार किया जाए.

भारत में आपात उपयोग के लिए सिप्ला को मॉडर्ना के कोविड टीके की मंज़ूरी मिली

अमेरिकी दवा कंपनी मॉडर्ना का टीका भारत में कोविड-19 के ख़िलाफ़ इस्तेमाल होने वाली चौथी वैक्सीन है. सिप्ला ने भारतीय औषधि नियामक से अमेरिकी फार्मा कंपनी की ओर से कोविड वैक्सीन के वितरण की वैश्विक पहल कोवैक्स के तहत इन टीकों के आयात और विपणन का अधिकार देने का अनुरोध किया था.

कोविशील्ड को ग्रीन पास दिलाने के लिए यूरोपीय संघ से अनुशंसा करे सरकार: सीरम इंस्टिट्यूट

ब्रिटेन और यूरोप में निर्मित ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की ‘वैक्सजेवरिया’ को यूरोपीय देशों में मंज़ूरी मिल गई है, लेकिन कोविशील्ड को ग्रीन पास के लिए अनुमति नहीं दी गई है, जबकि ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राज़ेनेका ने भारत में सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया के साथ मिलकर अपनी वैक्सीन को कोविशील्ड का नाम दिया है.

भारत में निर्मित कोविशील्ड को ‘ग्रीन पास’ के लिए यूरोपीय संघ से अब तक नहीं मिली मंज़ूरी

ब्रिटेन और यूरोप में निर्मित ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की ‘वैक्सजेवरिया’ को यूरोपीय देशों में मंज़ूरी मिल गई है, लेकिन कोविशील्ड को ग्रीन पास के लिए अनुमति नहीं दी गई है, जबकि ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राज़ेनेका ने भारत में सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया के साथ मिलकर अपनी वैक्सीन को कोविशील्ड का नाम दिया है. इसकी वजह से कई भारतीयों को इन देशों में यात्रा के दौरान परेशानी आ रही है.

कोविड: सरकारी वादों के बावजूद निकट भविष्य में वैक्सीन की किल्लत का समाधान नज़र नहीं आता

केंद्र ने अगस्त से दिसंबर के बीच 2.2 अरब टीके उपलब्ध करवाने की बात कही है, पर यह नहीं बताया कि इनमें से कितने देश में बनेंगे और कितने आयात होंगे. इस बात में कोई संदेह नहीं है कि टीकों की मौजूदा कमी नवंबर 2020 से जनवरी 2021 के बीच उत्पादकों को वैक्सीन का प्री-ऑर्डर देने में मोदी सरकार की नाकामी का नतीजा है.

कोविड-19: टीकों की कमी के बीच विदेशी कंपनियों का राज्यों को वैक्सीन आपूर्ति से इनकार

राज्यों को स्वतंत्र तौर पर विदेशी कंपनियों से कोविड के टीकों की ख़रीद की अनुमति मिलने के बाद मॉडर्ना और फाइजर ने पंजाब और दिल्ली सरकारों के प्रस्ताव यह कहकर नामंज़ूर कर दिए कि वे सिर्फ केंद्र सरकार से क़रार करेंगी. इसके बाद केंद्र की ओर से कहा गया है कि वे वैक्सीन विनिर्माताओं से बात करेगा.