कृषि क़ानून: किसान ने कई मोर्चों पर जीत दर्ज की है, लेकिन मीडिया सब पर हारा है

तीनों कृषि क़ानूनों को इसलिए निरस्त नहीं किया गया क्योंकि प्रधानमंत्री 'कुछ किसानों को विश्वास दिलाने में विफल' रहे, बल्कि उन्हें इसलिए वापस लिया गया क्योंकि कई किसान दृढ़ता से खड़े रहे, जबकि कायर मीडिया उनके ख़िलाफ़ माहौल बनाकर उनके संघर्ष और ताक़त को कम आंकता रहा.

कृषि क़ानून: ‘हमने इस आंदोलन में कुछ नहीं पाया, सिर्फ खोया है’

वीडियो: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीन कृषि क़ानून वापस लेने के निर्णय की घोषणा के बाद दिल्ली के टिकरी बॉर्डर पर मौजूद ख़ुश तो नज़र आए लेकिन यह जीत और हार का मिलाजुला भाव था. किसानों ने कहा कि उन्होंने आंदोलन के दौरान बहुत कुछ खोया है. इन किसानों से बातचीत.

कंगना ने जो कहा वो उनका विचार है या वो महज़ ज़रिया हैं

कहते हैं कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की हज़ार भुजाएं और हज़ार-हज़ार मुंह हैं. इन 'हज़ार-हज़ार मुंहों' में भाजपा सांसद वरुण गांधी को छोड़ दें तो कंगना के मामले पर चुप्पी को लेकर गज़ब की सर्वानुमति है. फिर इस नतीजे तक क्यों नहीं पहुंचा जा सकता कि कंगना का मुंह भी उन हज़ार मुंहों में ही शामिल है?

सिंघू, टिकरी और ग़ाज़ीपुर सीमाएं भारतीय जनतंत्र की यात्रा के मील के पत्थर हैं

किसान आंदोलन इसका जीवित प्रमाण है कि यदि लक्ष्य की स्पष्टता हो तो विचार भिन्नता के बावजूद संयुक्त संघर्ष किया जा सकता है. संयुक्त किसान मोर्चा ने एक लंबे अरसे बाद संयुक्त संघर्ष की नीति को व्यावहारिकता में साबित करके दिखाया है.

कंगना रनौत के ‘2014 में मिली आज़ादी’ बयान पर विवाद, वरुण गांधी बोले- पागलपन कहें या देशद्रोह

कंगना रनौत ने एक चैनल के कार्यक्रम में कहा कि भारत को ‘1947 में आज़ादी नहीं, बल्कि भीख मिली थी’ और ‘आज़ादी 2014 में मिली है' जब नरेंद्र मोदी सरकार सत्ता में आई. भाजपा सांसद वरुण गांधी समेत कई नेताओं ने इसकी आलोचना की है. कई दलों ने कंगना के ख़िलाफ़ मामला दर्ज करने की मांग उठाई है.

बंगाल के मंत्री का दावा, मोदी सरकार में 2014-20 के बीच 35,000 उद्यमियों ने भारत छोड़ा

पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने तीन अलग-अलग अध्ययनों का हवाला देते हुए दावा किया कि मोदी सरकार के तहत उच्च नेटवर्थ वाले 35,000 भारतीय उद्यमियों ने 2014-2020 के बीच अप्रवासी भारतीयों/आव्रजकों के रूप में भारत छोड़ दिया. भारत दुनिया में पलायन में शीर्ष पर है. क्यों? क्या इसका कारण ‘भय की मनोवृति’ है?

मध्य प्रदेश: बरसों से उपेक्षित आदिवासी समुदाय अचानक राजनीति के केंद्र में क्यों आ गया है

हाल ही में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 15 नवंबर यानी बिरसा मुंडा जयंती को ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के रूप में मनाने और इस रोज़ भव्य आयोजन करने की घोषणा की थी. सरकार व भाजपा संगठन का कहना है कि 15 नवंबर तक वे प्रदेश भर में जनजातियों से जुड़े विभिन्न आयोजन करेंगे. विपक्षी कांग्रेस भी प्रदेश में ‘आदिवासी अधिकार यात्रा’ निकाल रही है.

सुप्रीम कोर्ट ने कोविड-19 मृतकों के परिजनों को पचास हज़ार रुपये मुआवज़ा देने को स्वीकृति दी

सुप्रीम कोर्ट ने बीते जुलाई में कहा था कि कोविड से जान गंवाने वाले लोगों के परिवार मुआवज़े के हक़दार हैं और इस बारे में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को दिशानिर्देश जारी करने चाहिए. प्राधिकरण ने ऐसे परिवारों को बतौर अनुग्रह राशि 50,000 रुपये देने की सिफ़ारिश की थी, जिसे शीर्ष अदालत ने मंज़ूरी दे दी है.

फ्रीडम हाउस रिपोर्ट में इंटरनेट पाबंदी, नए आईटी नियमों को लेकर भारत सरकार पर निशाना साधा

फ्रीडम ऑफ द नेट रिपोर्ट डिजिटल प्लेटफॉर्म मानवाधिकारों की स्थिति का वार्षिक विश्लेषण करती है. इस रिपोर्ट के 11वें संस्करण के तहत जून 2020 से मई 2021 के बीच 70 देशों में 88 फीसदी वैश्विक इंटरनेट यूज़र्स को शामिल किया गया है. रिपोर्ट कहती है कि लगातार ग्यारहवें वर्ष वैश्विक स्तर पर इंटरनेट स्वतंत्रता कम हुई है.

ट्विटर ने आईटी नियमों का अनुपालन करते हुए अधिकारियों की नियुक्ति की: केंद्र

केंद्र ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि ट्विटर ने नए आईटी नियमों का अनुपालन करते हुए मुख्य अनुपालन अधिकारी, निवासी शिकायत अधिकारी और नोडल संपर्क व्यक्ति की नियुक्ति कर दी है. हाईकोर्ट अमेरिका स्थित माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर द्वारा आईटी नियमों का अनुपालन न किए जाने का आरोप लगाने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही है.

हिमाचल प्रदेश: अडानी समूह पर सेब की कीमतें कम करने का आरोप, सेब उत्पादक निराश

इस बार अडानी समूह ने एक किलो ए-ग्रेड सेब की कीमत 72 रुपये तय की है, जो कि पिछले साल घोषित प्रति किलो 88 रुपये की तुलना में काफी कम है. इसके चलते राज्य के क़रीब 5ए000 करोड़ रुपये के सेब का कारोबार काफ़ी प्रभावित हुआ है. किसानों का आरोप है कि अन्य ख़रीददार भी अडानी समूह का अनुसरण कर कम कीमत पर सेब ख़रीद रहे हैं.

कोविड-19 मुआवज़ा: कोर्ट की केंद्र को फटकारा, कहा- दिशानिर्देश बनाने तक तीसरा चरण भी ख़त्म हो जाएगा

कोविड-19 से जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को चार लाख रुपये का मुआवज़ा देने संबंधी याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि हमने काफी पहले आदेश पारित किया था. हम एक बार समय अवधि में विस्तार कर चुके हैं. जब तक आप दिशानिर्देश बनाएंगे तब तक कोविड-19 का तीसरा चरण भी समाप्त हो जाएगा.

आरक्षण की वर्तमान प्रवृत्ति जाति व्यवस्था को मजबूत कर रही है: मद्रास हाईकोर्ट

मेडिकल कॉलेज की सीटों में ओबीसी के लिए 27 फीसदी आरक्षण की घोषणा को लेकर डीएमके द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि अब समय आ गया है कि देश के नागरिकों को इतना सशक्त किया जाए कि आरक्षण व्यवस्था की जगह ‘मेरिट’ के आधार पर एडमिशन, नियुक्ति और प्रमोशन हो.

मुंबई के ईपीएफओ ऑफिस में आंतरिक धोखाधड़ी से करोड़ों रुपये की चोरी: रिपोर्ट

इस धोखाधड़ी के मास्टरमाइंड 37 वर्षीय चंदन कुमार सिन्हा हैं, जो मुंबई के कांदिवली स्थित ईपीएफओ ऑफिस में क्लर्क हैं. आरोप है कि इन्होंने संगठन के पांच अन्य साथियों के साथ मिलकर पीएफ का 21 करोड़ रुपये चुराया है. जुलाई की शुरुआत में धोखाधड़ी का ये मामला सामने आने के बाद से सिन्हा फ़रार हैं.

मद्रास हाईकोर्ट ने कई दिशानिर्देश जारी किए, कहा- सरकार पिंजड़े में क़ैद तोते सीबीआई को रिहा करे

मद्रास हाईकोर्ट ने कहा है कि केवल संसद को रिपोर्ट करने वाले नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की तरह सीबीआई को भी एक स्वायत्त संस्था होना चाहिए. सीबीआई की स्वायत्तता सुनिश्चित करने के लिए इसे वैधानिक दर्जा दिया जाना चाहिए.

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