पत्र में पूर्व नौकरशाहों की ओर से कहा गया है कि सीएए, एनपीआर और एनआरसी व्यर्थ की कवायद है, जिससे बड़े पैमाने पर लोगों को दिक्कतें होंगी, सार्वजनिक व्यय होगा. बेहतर होगा कि उसे गरीबों और समाज के वंचित वर्गों की लाभकारी योजनाओं पर ख़र्च किया जाए.
हिंसा के सबसे ज्यादा, सबसे ताकतवर और कारगर हथियार किसके पास हैं? किसके पास एक संगठित शक्ति है जो हिंसा कर सकती है? उत्तर प्रदेश में किसने आम शहरियों के घर-घर घुसकर तबाही की? किसने कैमरे तोड़कर चेहरे ढंककर लोगों को मारा? गोलियां कहां से चलीं? अदालत से यह कौन पूछे और कैसे? जब उसके पास ये सवाल लेकर जाते हैं तो वह हिंसा से रूठ जाती है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कि इंटरनेट का अधिकार संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत बोलने एवं अभिव्यक्ति की आजादी का हिस्सा है. इंटरनेट पर प्रतिबंध लगाने का कोई भी आदेश न्यायिक जांच के दायरे में होगा.
नागरिकता संशोधन कानून को संवैधानिक घोषित करने की मांग वाली एक याचिका पर सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने कहा, 'देश कठिन दौर से गुजर रहा है. हमारी कोशिश शांति बहाल करने की होनी चाहिए.'
स्वेच्छा से खुद के चुने हुए लोगों से मिलने की इच्छा रखने के कारण यूरोपीय संघ के राजनयिकों ने जम्मू कश्मीर का यह दौरा टाल दिया. वे राज्य के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों फारुक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती से भी मुलाकात करना चाहते हैं, जो 5 अगस्त को राज्य का विशेष दर्जा समाप्त होने के बाद से ही हिरासत में हैं.
दस ट्रेड यूनियनों ने बुधवार को सार्वजनिक कंपनियों की बिक्री, रेलवे, रक्षा, कोयला समेत अन्य क्षेत्रों में 100 प्रतिशत एफडीआई के ख़िलाफ़ जैसी मांगों के ख़िलाफ़ देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों पर कैबिनेट समिति ने नीलाचल इस्पात निगम लिमिटेड को बेचने का फैसला किया है.
जम्मू कश्मीर में साल 2018 में पत्थर फेंकने की 1458 और 2017 में 1412 घटनाएं दर्ज की गईं. पिछले साल पांच अगस्त को विशेष राज्य का दर्जा हटाने के बाद से यहां 1193 घटनाएं दर्ज की गई हैं. अगस्त 2019 में राज्य में पत्थरबाज़ी की कुल 658 घटनाएं सामने आईं, जबकि उससे पहले जुलाई में सिर्फ़ 26 घटनाएं हुई थीं.
जदयू अध्यक्ष एवं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पार्टी महासचिव पवन वर्मा ने रविवार को लिखे खुले पत्र में कहा कि थोड़े समय के राजनीतिक लाभ के लिए सिद्धांत की राजनीति को बलि नहीं चढ़ाया जा सकता.
शनिवार को नागरिकता संशोधन कानून को समर्थन देने के लिए भाजपा द्वारा जारी टोल फ्री नंबर को नेटफ्लिक्स और विभिन्न ऑफर देने के लिए इस्तेमाल किए जाने की बात सामने आई थी.
केंद्रीय गृह मंत्री एवं भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि केजरीवाल बताएं कि उन्होंने कौन सा काम पूरा कर लिया है. जनता को झांसा सिर्फ एक बार दिया जा सकता है, बार-बार नहीं.
बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और केरल के मुख्यमंत्रियों पी. विजयन को चुनौती दी कि वे सीएए और एनपीआर लागू नहीं करें, यदि वे ऐसा कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि कोई भी मुख्यमंत्री सीएए और एनपीआर लागू करने से इनकार नहीं कर सकता, चाहे वह इनके विरोध में क्यों न हो.
भाजपा द्वारा नागरिकता संशोधन क़ानून को मिस्ड कॉल के ज़रिये समर्थन देने के लिए गुरुवार को एक मोबाइल नंबर जारी किया गया था, जिसे गृह मंत्री अमित शाह समेत पार्टी के विभिन्न नेताओं ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट से साझा किया था. सामने आया है कि विभिन्न एकाउंट्स द्वारा लड़कियों से बात करवाने, मुफ़्त उपहार और ढेरों ऑफर पाने का दावा करते हुए इसी नंबर का इस्तेमाल किया गया है.
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने 11 गैर-भाजपाई मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर कहा है कि वे सीएए को रद्द करने की मांग से जुड़ा विधेयक पारित करने के लिए उनके राज्य की विधानसभा का अनुकरण करें. दूसरी ओर भाजपा नागरिकता संशोधन क़ानून के समर्थन में जनजागरण अभियान शुरू कर दिया है.
कश्मीर प्रेस क्लब ने मीडिया के लिए इंटरनेट सेवाओं को तुरंत बहाल करने की मांग करते हुए कहा कि सरकार ने जानबूझकर ऐसी रोक लगाई है, ताकि सूचना के प्रवाह पर रोक लगाई जा सके.
वार्षिक मानवाधिकार रिपोर्ट कहती है कि 662 लोगों ने जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट में हैबियस कॉर्पस याचिका दाखिल की और अपने खिलाफ लगाए गए पीएसए को रद्द करने की मांग की.