महबूबा मुफ्ती की छोटी बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने गृहमंत्री अमित शाह को लिखे पत्र में कहा कि मैं यह समझने में असफल हूं कि मुझे कश्मीरियों की आवाज़ बुलंद करने के लिए क्यों सज़ा दी जा रही है. क्या कश्मीरियों के दर्द, यातना और रोष को व्यक्त करना अपराध है?
250 से अधिक शिक्षाविदों, कलाकारों और कार्यकर्ताओं ने बयान जारी कर कहा कि जम्मू कश्मीर में भारत सरकार के फैसले दिखाते हैं कि उनके मन में संविधान, धर्मनिरपेक्षता और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति कोई सम्मान नहीं है.
सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ कश्मीर टाइम्स की कार्यकारी संपादक अनुराधा भसीन की राज्य में संचार माध्यमों से पाबंदी हटाने संबंधी याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जहां केंद्र ने अदालत से कहा कि राज्य में किसी भी प्रकाशन पर कोई रोक नहीं है.
सुरक्षाबलों ने बुधवार रात लगभग 11 बजे ग्रेटर कश्मीर अखबार के पत्रकार इरफान अमीन मलिक के पुलवामा के त्राल स्थित घर पर छापा मारने के बाद उन्हें हिरासत में ले लिया. अनुच्छेद 370 हटने के बाद हिरासत में लिए गए मलिक पहले पत्रकार हैं.
एक सोची-समझी साज़िश के तहत जनता को एक बिना सोच-समझ वाली भीड़ में बदल दिया गया है. अब ऐसी भीड़ देश के हर क़स्बे -गांव में घूम रही है, जो एक इशारे पर किसी को भी पीट-पीटकर मार डालने को तैयार है.
संयुक्त राष्ट्र राजनयिक ने बताया कि चीन ने सुरक्षा परिषद की कार्यसूची में शामिल ‘भारत-पाकिस्तान सवाल' पर चर्चा की मांग की है. यह मांग पाकिस्तान की ओर से सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष को लिखे पत्र के संदर्भ में की गई है.
जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा ख़त्म होने के बाद राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने पहले स्वतंत्रता दिवस पर शेर-ए-कश्मीर स्टेडियम में समारोह को संबोधित किया. इस समारोह में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल भी शामिल हुए.
क्या भगवा झंडे के समर्थक संघ और संघ से जुड़े किसी भी व्यक्ति या दल की तिरंगे के प्रति ईमानदारी पर विश्वास किया जा सकता है?
साक्षात्कार: जम्मू कश्मीर में मीडिया की स्वतंत्रता को बहाल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने वाली कश्मीर टाइम्स की कार्यकारी संपादक अनुराधा भसीन से विशाल जायसवाल की बातचीत.
कश्मीर मुद्दे पर हो रही प्रोपगेंडा पत्रकारिता पर द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी का नज़रिया.
एक तरफ कहा जाता है कि कश्मीर हमारा अभिन्न अंग है, उस लिहाज़ से कश्मीरी भी अभिन्न होने चाहिए थे. तो फिर इस बदलाव की प्रक्रिया में उनसे बात क्यों नहीं की गई? उनकी राय क्यों नहीं पूछी गई?
पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फैसल को वापस श्रीनगर भेज दिया गया, जहां उन्हें जम्मू कश्मीर जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत हिरासत में लिया गया.
जम्मू कश्मीर के हालात पर चिंता जताए जाने पर राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने राहुल गांधी को राज्य में आने के लिए विमान भेजने की बात की थी. इस पर राहुल गांधी ने कुछ शर्तों के साथ आमंत्रण स्वीकार कर लिया था. हालांकि, पूर्व शर्त लगाए जाने पर मलिक ने राहुल गांधी की आलोचना की थी.
गृह मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि 9 अगस्त को श्रीनगर के बाहर ‘शरारती तत्वों’ ने व्यापक पैमाने पर अशांति पैदा करने के लिए सुरक्षा बलों पर अकारण पथराव किया लेकिन प्रदर्शनकारियों पर गोलियां नहीं चलाई गईं.
फोन और इंटरनेट सेवाएं बंद किए जाने के एक सप्ताह से अधिक समय बीत जाने के बाद लोगों में निराशा बढ़ती जा रही है. कुछ अधिकारी यह स्वीकार कर रहे हैं कि फोन लाइनों के बंद रहने से जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है.