धर्मवीर भारती की ‘मुनादी’ कविता जब भी याद आती है तो याद आता है कि इस बीच उक्त इतिहास की ऐसी पुनरावृत्ति हो गई है कि इमरजेंसी की मुनादी बिना ही देश में इमरजेंसी से भी विकट हालात पैदा कर दिए गए हैं, मौलिक अधिकारों को छीनने की घोषणा किए बिना उन्हें सरकार की अनुकंपा का मोहताज बना दिया गया है.
अल-जज़ीरा की एक रिपोर्ट बताती है कि मोदी सरकार ने अडानी एंटरप्राइजेज़ लिमिटेड को भारत के सबसे घने वन क्षेत्रों में से एक में 450 मिलियन टन से अधिक के कोयला ब्लॉक से खनन की अनुमति दी, लेकिन क़ानून में बदलाव करके अन्य कंपनियों के लिए ऐसा नहीं किया गया.
‘नरेगा संघर्ष मोर्चा’ के बैनर तले महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना (मनरेगा) के श्रमिक विभिन्न मांगों को लेकर दिल्ली के जंतर मंतर पर पिछले दो हफ़्तों से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. विशेष रूप से अनिवार्य ऐप आधारित उपस्थिति प्रणाली को लेकर मज़दूरों में आक्रोश और असमंजस की स्थिति है.
वीडियो: बिहार की तमाम महिला मनरेगा मज़दूर अपनी मांगों को लेकर पिछले कई दिनों से दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना दे रही हैं. इन महिलाओं ने मनरेगा मज़दूरी, ऑनलाइन हाज़िरी में धांधली समेत कई समस्याओं के बारे में बताया.
पिछले साल 23 मार्च को ब्रिटेन के मानवविज्ञानी फिलिपो ओसेला को तिरुवनंतपुरम में एक सम्मेलन में भाग लेना था, हालांकि बिना कोई स्पष्ट कारण बताए हवाई अड्डे पर पहुंचने पर उन्हें वापस उनके देश भेज दिया गया था. केंद्र सरकार के निर्वासन आदेश को उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.
फैक्ट चेक: रेल मंत्रालय ने एक ट्वीट में कहा है कि वित्त वर्ष 2021-22 (10 जनवरी 2022 तक) में 2 अरब 64 करोड़ 99 लाख लोगों की तुलना में रेलवे ने वित्त वर्ष 2022-23 (10 जनवरी 2023 तक) में 5 अरब 32 करोड़ 16 लाख 90 हज़ार लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचा चुका है. मंत्रालय ने इसे यात्रियों की संख्या का ‘नया शिखर’ कहा है.
वीडियो: बीते दिनों बीबीसी डॉक्यूमेंट्री के प्रसारण के बाद संस्थान के दफ़्तर पहुंचे आयकर विभाग और उद्योगपति गौतम अडानी के कारोबार को लेकर सवाल उठाने वाली हिंडनबर्ग रिपोर्ट से जुड़े विवाद को लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद और द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन की बातचीत.
भारतीय मिथकीय संदर्भों में अमृत-विष की अवधारणा समुद्र मंथन से जुड़ती है, जहां मोहिनीरूपधारी विष्णु ने चालाकी से सारा अमृत देवताओं को पिला दिया था. आज मोदी सरकार ने आर्थिक संपदा व संसाधनों को प्रभुत्व वर्ग के हाथों में केंद्रित करते हुए मोहिनी की तरह अमृत का पूरा घड़ा ही उनके हाथ में दे दिया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में 2004 से 2014 के दशक को 'लॉस्ट डेकेड' कहा था. यह पद अर्थव्यवस्थाओं में प्रति व्यक्ति आय में न के बराबर बढ़ोतरी को लेकर चलन में रहा है. हालांकि प्रधानमंत्री ने भारत में जिस दशक के लिए इसे इस्तेमाल किया, उससे जुड़े आंकड़े इस अर्थ के विपरीत तस्वीर दिखाते हैं.
मोदी सरकार द्वारा मीडिया की आज़ादी और लोकतंत्र पर किए जा रहे हमलों के बारे में काफ़ी कुछ लिखा और कहा जा चुका है, लेकिन हालिया हमला दिखाता है कि प्रेस की स्वतंत्रता 'मोदी सेना' की मर्ज़ी की ग़ुलाम हो चुकी है.
बीबीसी-हिंडनबर्ग मामले को भारतीय मीडिया इस तरह पेश कर रहा है कि यह भारत के ट्विन टावरों पर किसी हमले से कम नहीं है. ये ट्विन टावर हैं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत के सबसे बड़े उद्योगपति गौतम अडानी. इन दोनों के ख़िलाफ़ लगाए गए आरोप हल्के नहीं हैं.
बीबीसी ने एक बयान जारी कर कहा है कि आयकर विभाग के सर्वे के दौरान कई घंटे तक उसके के पत्रकारों को काम नहीं करने दिया गया. कई पत्रकारों के साथ विभाग के कर्मचारियों और पुलिसकर्मियों ने दुर्व्यवहार भी किया.
समाचार वेबसाइट ‘द कश्मीर वाला’ के संपादक फ़हद शाह पिछले एक साल से जेल में हैं. उन पर गै़रक़ानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया गया है. उन्हें आतंकवाद का महिमामंडन करने, फ़र्ज़ी ख़बरें फैलाने और आम जनता को क़ानून व्यवस्था के ख़िलाफ़ भड़काने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था.
बीबीसी के दिल्ली और मुंबई के दफ़्तरों में आयकर विभाग की कार्रवाई की निंदा करते हुए कई मीडिया संगठनों ने इसे पत्रकारिता संस्थानों को डराने-धमकाने के लिए सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग बताया है.
देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने मार्च 2020 में राज्यसभा का सदस्य मनोनीत होने के बाद से सदन में कोई सवाल नहीं किया, न ही कोई प्राइवेट मेंबर बिल पेश किया. राज्यसभा की वेबसाइट के जिस हिस्से में सांसदों की ऑडियो और वीडियो रिकॉर्डिंग उपलब्ध है, वहां गोगोई संबंधी कोई रिकॉर्ड मौजूद नहीं है.