रंजन गोगोई की किताब ‘जस्टिस फॉर द जज’ उनके द्वारा की गई नाइंसाफ़ियों का सबूत है

सीजेआई के तौर पर जस्टिस रंजन गोगोई के कार्यकाल में तीन गुनाह हुए थे. रिटायर होने के बाद उन्होंने इसमें एक चौथा भी जोड़ दिया. पिछले दिनों आई उनकी किताब का मक़सद इन सभी का  बचाव करना है, लेकिन हर मामले में यह ख़राब ही साबित हुआ है.

पोलैंड के 2019 संसदीय चुनाव के दौरान विपक्षी नेता का फोन 33 बार पेगासस के ज़रिये हैक हुआ

पेगासस प्रोजेक्ट के तहत द वायर सहित 17 अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थानों ने जुलाई में बताया था कि विपक्षी नेताओं, सरकार से असहमति जताने वालों और सरकारी अधिकारियों को संभवतः पेगासस के ज़रिये निशाना बनाया गया.

मोदी और उनका हिंदुत्व ब्रिटिश राज और उसकी नीतियों के साक्षात वंशज हैं…

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अनेक नीतियां अंग्रेजों के साम्राज्यवादी शासन से निकली हैं और उनसे असंतोष ज़ाहिर करने वालों को एक ख़तरे के तौर पर देखती हैं, ठीक वैसे ही जैसे अंग्रेज़ देखा करते थे.

राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देकर संसद की प्रश्नसूची से हटाए गए भारत-चीन सीमा संबंधी 17 सवाल

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने एक ट्वीट में बताया कि सितंबर 2020 से लेकर अब तक लोकसभा सचिवालय ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर पूछे गए सत्रह सवालों का जवाब देने से इनकार कर दिया है. उन्होंने कहा कि ऐसे और भी कई सवाल हैं, जिनका जवाब सरकार नहीं दे रही है.

हैदरपोरा मुठभेड़: परिजनों, अधिकार कार्यकर्ताओं की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग

बीते 15 नवंबर को श्रीनगर के हैदरपोरा इलाके में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान तीन व्यक्तियों मौत हुई थी. इनमें से एक व्यापारी मोहम्मद अल्ताफ़ भट, दंत चिकित्सक डॉ. मुदस्सिर गुल और अमीर मागरे शामिल हैं. परिजनों का कहना है कि सरकार को फ़र्ज़ी मुठभेड़ में मारे गए व्यक्तियों के मामले की मजिस्ट्रेट जांच का आदेश दिए एक महीने से अधिक समय हो गया है. हमें परिणाम जानने का अधिकार है.

क्या सरकार की ख़राब नीति के चलते हुआ 4600 करोड़ रुपये का दाल घोटाला?

वीडियो: हाल ही में दाल मिल मालिकों द्वारा 4600 करोड़ रुपये का घोटाला किए जाने का मामला सामने आया है. ये ख़ुलासा दो पत्रकारों नितिन सेठी और श्रीगिरीश ने किया है. इनकी रिपोर्ट के अनुसार मिल मालिक सरकार को घटिया गुणवत्ता की दाल की आपूर्ति करने के लिए ज़िम्मेदार थे. इस मामले पर दोनों पत्रकारों से द वायर के इंद्र शेखर सिंह की बातचीत.

विपक्षी सांसदों का आरोप- सरकार संसद में जवाब नहीं देती, प्रश्नकाल का मज़ाक बना दिया है

संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान कई विपक्षी नेताओं ने शिकायत की है कि केंद्र सरकार या तो संतोषजनक जवाब नहीं दे रही है या फिर राष्ट्रीय सुरक्षा जैसी वजहों का हवाला देते हुए सवालों को ही हटा दिया जा रहा है.

एसएसबी स्थापना दिवस परेड से बतौर मुख्य अतिथि हटाए गए केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा: रिपोर्ट

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में सशस्त्र सीमा बल के 58वें स्थापना दिवस परेड में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा के मुख्य अतिथि थे. अब उनकी जगह उनके सहयोगी गृह राज्य मंत्री नीसिथ प्रमाणिक को मुख्य अतिथि बनाया गया. लखीमपुर हिंसा के दौरान किसानों की मौत के मामले में अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा आरोपी हैं.

देश में श्रम भागीदारी दर में आई गिरावट को नीति-निर्माता नज़रअंदाज़ नहीं कर सकते

रोज़गार दर या श्रम भागीदारी अनुपात इस बात का मापक है कि अर्थव्यवस्था में कितने नौकरी लायक सक्षम लोग वास्तव में नौकरी की तलाश कर रहे हैं. सीएमआईई के मुताबिक, भारत का श्रम भागीदारी अनुपात मार्च 2021 में 41.38 फीसदी था (जो अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के बिल्कुल क़रीब है) लेकिन पिछले महीने यह गिरकर 40.15 फीसदी रह गया.

जामिया में पुलिसिया हिंसा के दो साल: ‘आंदोलनकारी विक्टिम नहीं, फाइटर थे’

वीडियो: बीते 15 दिसंबर 2019 को दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों पर पुलिस द्वारा हिंसा की गई थी. विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा सीएए और एनआरसी का विरोध किया जा रहा था. छात्रों को लाइब्रेरी में पीटा गया और लाइब्रेरी में भी तोड़-फोड़ की गई थी. इस हिंसा के दो साल पूरे होने पर प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में उस दिन को अभिव्यक्ति, आंदोलन और लोकतंत्र पर हमले के तौर पर याद किया गया.

पीएमओ बैठक विवाद: क़ानून मंत्रालय ने कहा, वह पत्र सचिव या सीईसी के प्रतिनिधि के लिए था

चुनाव आयोग को बीते 15 नवंबर को कानून मंत्रालय की ओर से एक पत्र मिला था, जिसमें कहा गया था कि प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा मतदाता सूची को लेकर एक बैठक लेने वाले हैं और चाहते हैं कि इसमें ‘मुख्य चुनाव आयुक्त’ मौजूद रहें. इस ‘असामान्य’ पत्र को लेकर विवाद खड़ा हो गया था, क्योंकि चुनाव आयोग आमतौर पर अपने कामकाज की स्वायत्तता सुनिश्चित करने के लिए सरकार से दूरी बनाए रखता है.

पेगासस जासूसी रिपोर्ट के लिए द वायर को ‘एमएक्सएम इंडिया मीडियापर्सन ऑफ द ईयर अवॉर्ड’ मिला

द वायर ने अपनी कई रिपोर्ट्स में बताया था कि किस तरह इज़राइल स्थित एनएसओ ग्रुप द्वारा निर्मित मिलिट्री ग्रेड स्पायवेयर पेगासस का इस्तेमाल कर भारत के पत्रकारों, कार्यकर्ताओं, राजनेताओं और सिविल समाज के सदस्यों को निशाना बनाया गया है.

केंद्र से बैठक में शामिल होने का पत्र मिलने पर चुनाव आयुक्त ने पीएमओ से बातचीत की थीः रिपोर्ट

चुनाव आयोग को बीते 15 नवंबर को कानून मंत्रालय की ओर से एक पत्र मिला था, जिसमें कहा गया था कि प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा एकल मतदाता सूची को लेकर एक बैठक लेने वाले हैं और चाहते हैं कि इसमें ‘मुख्य चुनाव आयुक्त’ मौजूद रहें. यह पत्र बहुत ही असामान्य था, क्योंकि चुनाव आयोग आमतौर पर अपने कामकाज की स्वायत्तता सुनिश्चित करने के लिए सरकार से दूरी बनाए रखता है.

पीएमओ की बैठक में चुनाव आयुक्तों को बुलाने वाले पत्र पर पूर्व सीईसी ने कहा- यह उचित नहीं

बीते 15 नवंबर को चुनाव आयोग को क़ानून मंत्रालय का एक पत्र मिला था, जिसमें कहा गया था कि प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा एकल मतदाता सूची को लेकर एक बैठक की अध्यक्षता करने वाले हैं और चाहते हैं कि इसमें ‘मुख्य चुनाव आयुक्त’ मौजूद रहें. इस पत्र को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. कहा जा रहा है कि चुनाव आयोग अपने कामकाज की स्वायत्तता सुनिश्चित करने के लिए सरकार से दूरी बनाए रखता है.

पीएमओ के चुनाव सुधारों पर चुनावों आयुक्तों के साथ बातचीत पर विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा

चुनाव आयोग को बीते 15 नवंबर को क़ानून मंत्रालय की ओर से एक पत्र मिला था, जिसमें कहा गया था कि प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा एकल मतदाता सूची को लेकर एक बैठक लेने वाले हैं और चाहते हैं कि इसमें ‘मुख्य चुनाव आयुक्त’ मौजूद रहें. यह पत्र बहुत ही असामान्य था, क्योंकि चुनाव आयोग आमतौर पर अपने कामकाज की स्वायत्तता सुनिश्चित करने के लिए सरकार से दूरी बनाए रखता है.

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