भाजपा के पूर्व विधायक सुखपाल सिंह नान्नू के अनुसार, भाजपा का झंडा हमेशा उनके घर के ऊपर लगा रहता था, लेकिन अब उन्होंने इसे भारी मन से हटा दिया है और किसानों के मुद्दों को अब तक हल नहीं कर पाने वाली केंद्र सरकार के प्रति अपना गुस्सा व्यक्त करने के लिए इसकी जगह काला झंडा लगा दिया है.
तीन कृषि क़ानूनों को पूरी तरह से समझने पर ज़ोर देते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि विरोध का माहौल बनाया जा रहा है और किसानों को इसे समझना चाहिए. न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर भ्रम भी पैदा किया गया. किसानों ने सच जानना शुरू कर दिया है और उन्होंने अपने लाभ तथा हानि की गणना करनी शुरू कर दी है.
75वें स्वतंत्रता दिवस पर नरेंद्र मोदी ने सौ लाख करोड़ रुपये वाली महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना का ऐलान कर विकास और रोजगार के संकट के समाधान का सब्ज़बाग दिखाया, तो भूल गए कि वे देश के सालाना बजट से भी बड़ी ऐसी ही योजना इससे पहले के स्वतंत्रता दिवस संदेशों में भी घोषित कर चुके हैं.
रसोई गैस के दाम बीते नौ महीने में 265 रुपये बढ़े हैं. कांग्रेस ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार हर महीने रसोई गैस के दाम बढ़ाकर ‘उगाही योजना’ चला रही है. वहीं सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने तंज़ किया कि भाजपा सरकार को उज्ज्वला योजना का नाम बदलकर ‘बुझव्वला योजना’ कर देना चाहिए.
तृणमूल कांग्रेस सांसद शांता छेत्री ने इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट के लोकतंत्र सूचकांक में भारत की स्थिति पर सवाल उठाया था. इस सूचकांक ने भारत को ‘त्रुटिपूर्ण लोकतंत्र’ की श्रेणी में रखा गया था. केंद्रीय कानून मंत्रालय ने इसे लेकर तर्क दिया था कि ये सवाल ‘बेहद संवेदनशील प्रकृति’ का है, इसलिए इसे अस्वीकार किया जाए. इससे पहले सरकार ने राज्यसभा में पेगासस को लेकर पूछे गए एक सवाल को अस्वीकार करने के लिए कहा था.
सुप्रीम कोर्ट में एक हलफ़नामा दाख़िल कर नरेंद्र मोदी सरकार ने कहा कि कुछ निहित स्वार्थों द्वारा दिए गए किसी भी ग़लत विमर्श को दूर करने और उठाए गए मुद्दों की जांच करने के उद्देश्य से विशेषज्ञों की एक समिति का गठन किया जाएगा. हालांकि, सरकार ने यह नहीं बताया कि वह ऐसा कब करेगी, समिति में कौन होगा या समिति जांच में कितना समय लेगी.
आरएसएस के पूर्व विचारक केएन गोविंदाचार्य ने अपनी ताज़ा याचिका में भारत में पेगासस के उपयोग का दायरा और इसके लिए ज़िम्मेदार संस्थाओं का पता लगाने के लिए निष्पक्ष जांच की मांग की है. उन्होंने जासूसी के कथित आरोपों पर फेसबुक, वॉट्सऐप और एनएसओ समूह के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज कराने और एनआईए जांच की भी मांग की हैं.
अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल में प्रवेश के साथ ही तालिबान के प्रवक्ता ने कहा कि वो शांतिपूर्ण हस्तांतरण का इंतज़ार कर रहे हैं. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि अगर अफ़ग़ानिस्तान की सेना अपने देश पर नियंत्रण बनाए नहीं रख सकती या नहीं रखती है, तो भले ही एक और साल हो या पांच और साल, अमेरिकी सेना की उपस्थिति से कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता.
पुस्तक समीक्षा: जेएनयू स्टोरीज़- द फर्स्ट फिफ्टी ईयर्स इस संस्थान से ताल्लुक़ रखने वाले कई लेखकों के लघु निबंधों का संग्रह है, जिसे पढ़ने पर साफ पता चलेगा कि विश्वविद्यालय भी सांस लेते जीवंत संस्थान हैं और उनका भी गला घोंटा जा सकता है.
गृह मंत्रालय में एक आरटीआई आवेदन दायर कर संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने से जुड़े सभी दस्तावेज़, पत्राचार, फाइल नोटिंग्स, रिकॉर्ड इत्यादि की प्रतियां मांगी गई थीं.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि लोकतंत्र में असहमति का होना महत्वपूर्ण है. राज्य में सुशासन के लिए देश में जनसेवा में जुटे लोगों की स्वस्थ्य आलोचना/समीक्षा होनी चाहिए, ताकि ढांचागत विकास हो सके, लेकिन नए नियमों के लागू होने के बाद किसी को भी ऐसे किसी व्यक्ति की आलोचना करने से पहले दोबार सोचना पढ़ेगा, फिर चाहे किसी लेखक/संपादक/प्रकाशक के पास इसके लिए उचित कारण ही क्यों न हो.
अफगानिस्तान से अमेरिका की पूरी वापसी में तीन सप्ताह से भी कम समय शेष बचा है और ऐसे में तालिबान ने उत्तर, पश्चिम और दक्षिण अफगानिस्तान के अधिकतर हिस्सों पर कब्जा कर लिया है. भारत सहित 12 देशों ने कहा है कि वे ऐसी किसी भी सरकार को मान्यता नहीं देंगे जो सैन्य बल के माध्यम से थोपी जाएगी.
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार विशेषज्ञों के एक पैनल ने कहा कि यह रोक तब तक लगाई जानी चाहिए जब तक कि विभिन्न सरकारें ऐसे स्पायवेयर के इस्तेमाल को लेकर अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार मानकों के पालन की मज़बूत व्यवस्था न बना लें. विशेषज्ञों ने कहा कि वे चिंता में हैं कि मानवाधिकार रक्षकों, पत्रकारों और राजनीतिक विरोधियों पर नज़र रखने, उन्हें डराने एवं चुप कराने के लिए निगरानी उपकरणों का इस्तेमाल किया जा रहा है.
पूर्व पत्रकार उदय महुरकर की बिना आवेदन किए ही केंद्रीय सूचना आयोग में नियुक्ति हुई थी. उन्होंने मोदी मॉडल पर किताबें भी लिखी हैं. उनकी नियुक्ति को लेकर भी विवाद हुआ था. हाल के दिनों में महुरकर ने अपने कुछ ट्वीट्स में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा की नीतियों के प्रति समर्थन जताया है.
केंद्र सरकार ने कहा है कि आंध्र प्रदेश को छोड़कर किसी भी राज्य ने विशेष रूप से ऑक्सीजन की आपूर्ति की कमी के कारण कोविड-19 मरीज़ों की मौत की सूचना नहीं दी है. इससे पहले केंद्र सरकार ने राज्यसभा में कहा था कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान किसी भी राज्य या केंद्रशासित प्रदेश से ऑक्सीजन के अभाव में किसी भी मरीज़ की मौत की ख़बर नहीं मिली है.