संघ परिवार में नई तकरार?

वीडियो: मोहन भागवत की संघ परिवार में वर्तमान हैसियत क्या है? क्या संघ भाजपा पर नैतिक लगाम लगाता है या सत्ता के लोभ में मोदी-शाह के पीछे चुपचाप चलता है? वरिष्ठ पत्रकारों- राहुल देव और धीरेंद्र झा से आशुतोष भारद्वाज की बातचीत.

विपक्ष की भूमिका हथियाने का प्रयोग क्यों दोहरा रहा है आरएसएस?

अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्रित्वकाल में ताकतवर विपक्ष द्वारा उनके और उनकी सरकार के विरुद्ध किए जाने वाले विकट हमलों की धार कुंद करने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने वाजपेयी पर अपनी ओर से हमले प्रायोजित किए थे. आज नरेंद्र मोदी के सामने भी मजबूत विपक्ष है, और संघ प्रमुख मोहन भागवत फिर से वही प्रयोग करने का प्रयास कर रहे हैं.

नरेंद्र मोदी आरएसएस के असली ‘सपूत’ हैं और संघ मोदी का सबसे बड़ा लाभार्थी

मोहन भागवत ने अपने हालिया प्रवचन में कहा कि चुनाव में क्या होता है इसमें आरएसएस के लोग नहीं पड़ते पर प्रचार के दौरान वे लोगों का मत-परिष्कार करते हैं. तो इस बार जब उनके पूर्व प्रचारक नरेंद्र मोदी और भाजपा घृणा का परनाला बहा रहे थे तो संघ किस क़िस्म का परिष्कार कर रहा था?

एनडीए सरकार बनने के बाद संघ प्रमुख ने कहा- चुनाव के दौरान मर्यादा का ख़याल नहीं रखा गया

लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद पहली बार दिए भाषण में आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि चुनावी मुक़ाबला झूठ पर आधारित नहीं होना चाहिए. उन्होंने साल भर से हिंसा से जूझ रहे मणिपुर की स्थिति को लेकर सवाल किया कि राज्य आज भी जल रहा है, इस पर कौन ध्यान देगा.

संघ और भाजपा: कितने दूर, कितने पास?

क्या स्वयंसेवक उस सामाजिक स्वीकार्यता की अनदेखी कर पाएंगे जो मोदी सरकार के कारण उन्हें मिली है? क्या नाराज़ स्वयंसेवक अपने प्रचारक प्रधानमंत्री से दूरी बना पाएंगे? या वे आख़िरकार सामंजस्य कर लेंगे, यह सोचकर कि 2025 के अपने शताब्दी वर्ष में सत्ता से बाहर रहने का जोखिम उठाना बुद्धिमानी नहीं?

क्या संघ आरक्षण का समर्थन करता है? मोहन भागवत के दावे का सच

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत का कहना है कि आरएसएस ने हमेशा आरक्षण का समर्थन किया है. लेकिन भागवत समेत संघ के कई पदाधिकारी आरक्षण व्यवस्था की ख़िलाफ़त करते रहे हैं.

संघ परिवार एक बार में पूरा एजेंडा सामने नहीं लाता: मोहन भागवत

एक कार्यक्रम के दौरान आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि जब 1925 में आरएसएस का गठन हुआ था, तब कोई नहीं जानता था कि असली एजेंडा क्या है. सभी को बताया गया कि इसका गठन हिंदुओं को एक छत के नीचे एकजुट करने के इरादे से किया गया था. रामजन्मभूमि जैसे मुद्दे हमारे पर्याप्त ताक़त हासिल करने के बाद ही सामने आए.

जाति जनगणना के विरोध में आरएसएस, कहा- इससे असमानता बढ़ेगी

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने कहा कि देश में जाति के नाम पर फूट पड़ती है. यदि जाति समाज में असमानता की जड़ है, तो आरएसएस का मानना ​​है कि जाति-आधारित जनगणना जैसे कार्यों से इसे और अधिक नहीं बढ़ाया जाना चाहिए.

आरएसएस ने कभी हिंसा को स्वीकार नहीं किया: मोहन भागवत

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि हिंदुओं को संगठित करना मुसलमानों और ईसाइयों का विरोध नहीं है. कभी-कभी किसी क्रिया पर प्रतिक्रिया होती है. कभी-कभी जैसे को तैसा जैसी प्रतिक्रिया होती है, लेकिन सही मायने में शांति और सहिष्णुता हिंदुत्व के मूल्य हैं.

बजरंग दल के साथ अन्याय कांग्रेस ने नहीं, भाजपा ने किया है

बजरंग दल के पहले ग्लोबल लीडर नरेंद्र मोदी ने दल का गुणगान क्यों नहीं किया? वे बजरंग दल के काम क्यों नहीं गिना सके? बजरंग दल के विरोधी उसे बुरा-बुरा कहते हैं, तो मोदी और भागवत उसे अच्छा-अच्छा क्यों नहीं कह सके?

यह देश जितना प्रधानमंत्री मोदी और आरएसएस प्रमुख का है, उतना मेरा भी है: मौलाना महमूद मदनी

जमीयत उलेमा-ए-हिंद (एमएम समूह) के प्रमुख मौलाना महमूद मदनी ने संगठन के 34वें महा अधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा कि भारत इस्लाम की जन्मस्थली और मुसलमानों का पहला वतन है. भारत हिंदी-मुसलमानों के लिए वतनी और दीनी, दोनों लिहाज़ से सबसे अच्छी जगह है.

क्या आरएसएस किसी दलित स्वयंसेवक को सरसंघचालक बनाएगा?

आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत ने बीते दिनों कहा था कि ईश्वर की दृष्टि में हर कोई समान है और उसके सामने कोई जाति या संप्रदाय नहीं है. यह सब पंडितों ने बनाया, जो ग़लत है.

सरकारी नौकरियों के पीछे न भागें, सभी तरह के काम का सम्मान करें: मोहन भागवत

आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा कि श्रम के प्रति सम्मान की भावना की कमी देश में बेरोज़गारी के मुख्य कारणों में से एक है. उन्होंने यह भी कहा कि ईश्वर की दृष्टि में हर कोई समान है और उसके सामने कोई जाति या संप्रदाय नहीं है. यह सब पंडितों ने बनाया, जो ग़लत है.

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