लखीमपुर खीरी हिंसा के दौरान चार किसानों की हत्या के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को 10 फरवरी को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज़मानत दी थी. इसे रद्द करने के अनुरोध वाली याचिका में कहा गया है कि यह निर्णय क़ानून के लिहाज से टिकाऊ नहीं है क्योंकि इस पर ठीक तरह से विचार नहीं किया गया है और प्रत्यक्ष साक्ष्य के समर्थन के बिना ‘हो सकता है’ का सहारा लिया.
लखीमपुर खीरी हिंसा के दौरान चार किसानों की हत्या के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को 10 फरवरी को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज़मानत दी थी. ज़मानत आदेश में धारा 302 (हत्या) और 120बी (साज़िश रचने) की धाराओं का उल्लेख छूट गया था, जिन्हें कोर्ट द्वारा जोड़ने का आदेश दिए जाने के बाद आशीष को रिहा कर दिया गया.
लखीमपुर खीरी हिंसा के दौरान चार किसानों की हत्या के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को बीते 10 फरवरी को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज़मानत दी थी. आशीष द्वारा दाख़िल याचिका में कहा गया है कि अदालत ने उनकी ज़मानत के आदेश में धारा 302 (हत्या) और 120बी (साज़िश रचने) की धाराओं का जिक्र नहीं किया था. इसके बिना उनकी जेल से रिहाई संभव नहीं है.
लखीमपुर खीरी हिंसा के दौरान चार किसानों की हत्या के मुख्य अभियुक्त आशीष मिश्रा को ज़मानत मिलने पर कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन का नेतृत्व करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि राजनीतिक रूप से शक्तिशाली आरोपी के गवाहों को प्रभावित करने की पक्की संभावना पर विचार किए बिना अदालत का ज़मानत देना बेहद निराशाजनक है.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के बेटे आशीष मिश्रा पिछले साल उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी ज़िले में हुई हिंसा के दौरान चार किसानों और एक पत्रकार की एसयूवी से कुचलकर हत्या करने के आरोपी है. इस हिंसा के दौरान कुल आठ लोगों की मौत हुई थी. तीन अन्य मृतकों में भाजपा के दो कार्यकर्ता और केंद्रीय मंत्री की एसयूवी के चालक शामिल हैं.
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी ज़िले में बीते तीन अक्टूबर 2021 को हुई हिंसा मामले केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के संबंधी वीरेंद्र शुक्ला को ज़मानत चार किसानों और एक पत्रकार की मौत के मामले में मिली है, जिनकी मौत कथित तौर पर गाड़ियों के काफ़िले से कुचल दिए जाने की वजह से हुई थी.
लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच कर रही एसआईटी ने बीते सोमवार को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के बेटे आशीष मिश्रा समेत 14 आरोपियों के ख़िलाफ़ चार्जशीट दाख़िल किया है. इस हिंसा में चार किसानों सहित आठ लोगों की मौत हो गई थी. एसआईटी ने आशीष को घटना के लिए ज़िम्मेदार ठहराते हुए मुख्य आरोपी बनाया है.
उत्तर प्रदेश पुलिस के एसआईटी ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के बेटे आशीष समेत सभी 14 अभियुक्तों के ख़िलाफ़ अदालत में 5,000 पन्नों आरोप-पत्र दाख़िल किया है. यह पिछले साल तीन अक्टूबर को हिंसा के दौरान गाड़ियों से कुचलकर चार किसानों और एक पत्रकार की कथित रूप से हत्या किए के मामले से संबंधित है.
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी ज़िले में पिछले वर्ष तीन अक्टूबर को हुई हिंसा की जांच कर रहा विशेष जांच दल भाजपा कार्यकर्ताओं की तरफ़ से दर्ज कराई गई प्राथमिकी के संबंध में कुल छह लोगों को गिरफ़्तार कर चुका है. इस हिंसा में चार किसानों की भी मौत हुई थी, जिसमें केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे मुख्य आरोपी है.
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में सशस्त्र सीमा बल के 58वें स्थापना दिवस परेड में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा के मुख्य अतिथि थे. अब उनकी जगह उनके सहयोगी गृह राज्य मंत्री नीसिथ प्रमाणिक को मुख्य अतिथि बनाया गया. लखीमपुर हिंसा के दौरान किसानों की मौत के मामले में अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा आरोपी हैं.
लखीमपुर खीरी में बीते अक्टूबर माह में किसानों के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा की जांच कर रही एसआईटी ने अब तक की छानबीन और साक्ष्यों के आधार पर दावा किया था कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा और उसके सहयोगियों ने इस घटना को जान-बूझकर, सुनियोजित साजिश के तहत अंजाम दिया था. इस घटना में चार किसानों और एक पत्रकार की मौत गाड़ी से कुचल दिए जाने से हो गई थी.
वीडियो: बीते अक्टूबर माह में उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी ज़िले में किसानों के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा की जांच कर रही एसआईटी ने अहम खुलासा करते हुए कहा है कि किसानों की मौत दुर्घटना से नहीं बल्कि साज़िश का स्पष्ट मामला है. आरोप है कि केंद्रीय मंत्री गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा ने प्रदर्शन के दौरान किसानों को अपनी गाड़ी से कुचल दिया था, जिससे चार किसानों और एक पत्रकार की मौत हो गई थी.
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी ज़िले में बीते तीन अक्टूबर को हुई हिंसा मामले में आरोप है कि केंद्रीय मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा ने इस दौरान किसानों को अपनी गाड़ी से कुचल दिया था, जिससे उनकी मौत हो गई थी. मामले की जांच कर रही एसआईटी ने आशीष मिश्रा समेत 13 आरोपियों के ख़िलाफ़ हत्या के प्रयास और शस्त्र अधिनियम के तहत चार और आपराधिक आरोप लगाने की मांग करते हुए अदालत में याचिका दायर की है.
बीते अक्टूबर को लखीमपुर खीरी ज़िले में हुई हिंसा में जान गंवाने वाले आठ लोगों में निजी टीवी चैनल के लिए काम करने वाले पत्रकार रमन कश्यप भी शामिल थे. रमन के भाई ने एक याचिका में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा, उनके बेटे आशीष व अन्य के ख़िलाफ़ अलग से प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की थी.
सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले की जांच की निगरानी के लिए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश राकेश कुमार जैन को नियुक्त किया. पीठ ने कहा कि जांच के परिणाम में पारदर्शिता और पूर्ण निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए जैन की नियुक्ति की गई है.