इस साल 21 जून को उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकरोधी दस्ते ने दिल्ली से दो मौलवियों को गिरफ़्तार किया था और धर्मांतरण में कथित रूप से शामिल एक बड़े धर्मांतरण रैकेट का भंडाफोड़ करने का दावा किया था. बाद में पुलिस ने आठ अन्य लोगों को गिरफ़्तार किया था और दावा किया था कि आरोपियों ने बड़े पैमाने पर धर्मांतरण को अंजाम दिया.
इस्लाम के तमाम विचारक मानते हैं कि ज़माने और समाज में होने वाले बदलावों के साथ शरीयत के क़ानून में भी मुनासिब और ज़रूरी तब्दीलियां होती रहें और वो अपने आस-पास के हालात से भी प्रभावित होते रहें. हालांकि तालिबान ने इस्लाम और शरीयत के नाम पर उनकी सहूलियत के हिसाब से नए अर्थ निकाल लिए हैं.
लगभग साल भर से दिल्ली दंगों से संबंधित मामले में जेल में बंद उमर ख़ालिद की मां कहती हैं कि उसे बाहर आने पर हिंदुस्तान छोड़ देना चाहिए, लेकिन कुछ पलों बाद वो बदल-सी जाती हैं.
बीते 4 अगस्त को फ़ैसल अहमद ख़ान नाम के शिक्षक ने धुर दक्षिणपंथी नेताओं यति नरसिंहानंद और सूरज पाल अमू द्वारा अलग-अलग मौकों पर मुस्लिम विरोधी भाषण दिए जाने पर जामिया नगर पुलिस स्टेशन में शिकायतें दी थी. कोई कार्रवाई न होने पर 7 अगस्त को उन्होंने ने साकेत ज़िला अदालत से पुलिस को एफ़आईआर दर्ज करने का निर्देश देने की मांग की.
गुजरात के गांधीनगर में विश्व हिंदू परिषद द्वारा आयोजित भारत माता के मंदिर में मूर्ति स्थापना समारोह को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने कहा कि अगर अगले 1,000-2,000 वर्षों में हिंदुओं की संख्या कम हो जाती है और दूसरे धर्म के लोगों की संख्या बढ़ जाती है, तो कोई अदालत नहीं होगी, लोकसभा, संविधान, धर्मनिरपेक्षता, ये सब कुछ हवाहवाई हो जाएगा, कुछ भी नहीं रहेगा.
रघुवीर सहाय की 'अधिकार हमारा है' एक नागरिक के देश से संबंध की बुनियादी शर्त की कविता है. यह मेरा देश है, यह ठीक है लेकिन यह मुझे अपना मानता है, इसका सबूत यही हो सकता है कि यह इसके 'प्रधानमंत्री' पद पर मेरा हक़ कबूल करता है या नहीं. मैं मात्र मतदाता हूं या इस देश का प्रतिनिधि भी हो सकता हूं?
पहचान की अवधारणा खालिस इंसानी ईजाद है. पहचान के लिए ख़ून की नदियां बह जाती हैं. पहचान का प्रश्न आर्थिक प्रश्नों के कहीं ऊपर है. उस पहचान को अगर कोई भूमिगत कर दे, तो उसकी मजबूरी समझी जा सकती है और इससे उसके समाज की स्थिति का अंदाज़ा भी मिलता है.
गुजरात सरकार की ओर से पेश हुए वकील ने कहा था कि यह क़ानून अंतरधार्मिक विवाह पर प्रतिबंध नहीं लगाता है. इस पर न्यायालय ने कहा कि संशोधित क़ानून की भाषा स्पष्ट नहीं है, नतीजतन अंतरधार्मिक विवाह करने वालों पर हमेशा तलवार लटकती रहेगी. जमीयत उलेमा-ए-हिंद की गुजरात शाखा ने पिछले महीने एक याचिका में कहा था कि क़ानून की कुछ संशोधित धाराएं असंवैधानिक हैं.
पिछले साल दंगों के दौरान एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें घायल अवस्था में पांच युवक ज़मीन पर पड़े हुए नज़र आते हैं. कम से कम सात पुलिसकर्मी युवकों को घेरकर राष्ट्रगान गाने के लिए मजबूर करने के अलावा उन्हें लाठियों से पीटते हुए नज़र आते हैं. इनमें से एक युवक की मौत हो गई थी, जिसकी पहचान 23 साल के फ़ैज़ान के रूप में होती है. उनकी मां का कहना था कि पुलिस कस्टडी में बेरहमी से पीटे जाने
उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर के बर्रा इलाके का मामला. सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में कुछ लोग एक मुस्लिम रिक्शा चालक की पिटाई करते हुए नज़र आ रहे हैं और उससे कथित रूप से ‘जय श्रीराम’ का नारा लगाने को कह रहे हैं. पुलिस सूत्रों ने बताया कि पीड़ित रिक्शा चालक के एक रिश्तेदार का उसके पड़ोसियों के ख़िलाफ़ ज़मीन को लेकर मुक़दमा चल रहा है और जुलाई में इस मामले में दोनों पक्षों ने एक दूसरे के
ये मामला दिल्ली के आदर्श नगर में एक फ्लाईओवर पर बने मज़ार से जुड़ा हुआ है. बीते दिनों हिंदुत्ववादी संगठन से जुड़े कुछ युवक वहां पहुंचते हैं और मौलवी से सवाल-जवाब करते हुए बहसबाज़ी पर उतर आते हैं. तब बीचबचाव के लिए एसएचओ आ जाते हैं. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. दिल्ली पुलिस का दावा है कि ड्यूटी में लापरवाही बरतने के मद्देनज़र उन्हें निलंबित किया गया है, लेकिन कार्रवाई को इस घटना से जोड़कर
वीडियो: बीते आठ अगस्त को दिल्ली के जंतर मंतर पर ‘भारत जोड़ो आंदोलन’ नामक संगठन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में प्रत्यक्ष तौर पर मुस्लिमों के खिलाफ हिंसा का आह्वान किया गया था. सोशल मीडिया पर वायरल कार्यक्रम के एक कथित वीडियो में मुस्लिमों की हत्या का आह्वान किया गया था. इस मुद्दे पर केरल के पूर्व डीआईजी एनसी अस्थाना, द वायर के रिपोर्टर याक़ूत अली, नेशनल दस्तक के रिपोर्टर अनमोल प्रीतम और आलीशान जाफ़री से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा
कोरोना वायरस महामारी के मद्देनज़र उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा मुहर्रम के जुलूस पर प्रतिबंध लगा दिया है. मजलिस-ए-उलमा-ए-हिंद के महासचिव शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद ने उत्तर प्रदेश डीजीपी मुकुल गोयल द्वारा सभी जिला पुलिस प्रमुखों को जारी परिपत्र में कही गईं बातों पर कड़ी आपत्ति जताई और कहा कि पुलिस प्रशासन ने इसमें बेहद अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल कर मुहर्रम और शिया मुसलमानों की छवि ख़राब करने की कोशिश की गई है.
मामला उत्तर प्रदेश के एटा ज़िले का है. एक व्यक्ति पर आरोप है कि शादीशुदा होने के बावजूद उन्होंने हिंदू युवती का अपहरण कर जबरन धर्म परिवर्तन कराया है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि भारत के संविधान का अनुच्छेद 15 धर्म परिवर्तन की अनुमति देता है, लेकिन यह बलपूर्वक नहीं होना चाहिए. हमारे देश में धार्मिक कट्टरता, लालच और भय के लिए कोई जगह नहीं है.
घटना 15 जुलाई को मेरठ के पल्लवपुरम इलाके में राष्ट्रीय युवा हिंदू वाहिनी की स्वघोषित महिला नेता के घर पर हुई. पीड़िता का आरोप है कि उन्हें कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ मिलाकर पिलाया गया और फिर बेहोशी की हालत में महिला नेता के इशारे पर उनके बेटे और एक रिश्तेदार ने उनसे बलात्कार किया.