वाराणसी के उदय प्रताप कॉलेज परिसर में स्थित मस्जिद को लेकर विवाद गहरा रहा है. जहां मंगलवार को कुछ छात्रों ने मस्जिद में नमाज़ के समय हनुमान चालीसा पढ़ी थी,वहीं जुमे के रोज़ छात्रों ने बड़ी संख्या में एकत्र होकर मस्जिद को हटाने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया.
हाल ही में सामने आए एक वायरल वीडियो में दिल्ली पुलिस के सब-इंस्पेक्टर मनोज तोमर को शहर के इंद्रलोक इलाके में मक्की जामा मस्जिद के पास नमाज पढ़ने वालों को लात मारते देखा गया था. इस घटना से उपजे आक्रोश के बीच उन्हें निलंबित कर दिया गया था.
क्या वाकई सड़कों पर सभी प्रकार के धार्मिक आयोजनों पर रोक लगा सकते हैं? तब तो बीस मिनट की नमाज़ से ज़्यादा हिंदुओं के सैकड़ों धार्मिक आयोजन प्रभावित होने लग जाएंगे, जो कई दिनों तक चलते हैं. बैन करने की हूक सड़कों के प्रबंधन बेहतर करने की नहीं है, एक समुदाय के प्रति कुंठा और ज़हर उगलने की ज़िद है.
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मीरवाइज़ उमर फ़ारूक़ ने अपनी याचिका में कहा है कि सितंबर 2023 में उन्हें नज़रबंदी से रिहा कर दिया गया था. हालांकि अक्टूबर 2023 से उन्हें जामिया मस्जिद में शुक्रवार की नमाज़ का नेतृत्व करने की अनुमति नहीं दी गई है. जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट ने केंद्रशासित प्रशासन को इस संबंध में जवाब देने के लिए अंतिम अवसर दिया है.
गुजरात के अहमदाबाद शहर स्थित एक निजी स्कूल में जागरूकता कार्यक्रम के तहत हिंदू छात्रों को कथित तौर पर नमाज़ पढ़ने के लिए कहे जाने के बाद हिंदू दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया था. स्कूल ने माफी मांगते हुए कहा है कि कार्यक्रम का उद्देश्य केवल छात्रों को विभिन्न धर्मों की प्रथाओं के बारे में जागरूक करना था.
यह घटना 21 सितंबर की देर रात बीदर ज़िले के बसवाकल्याण तालुक के धन्नूर में हुई और शुक्रवार सुबह सामने आई. अधिकारियों ने बताया कि अज्ञात लोगों ने मस्जिद के ऊपर भगवा झंडा फहराकर शांति भंग करने की कोशिश की थी. पुलिस ने झंडा हटा दिया और एफआईआर दर्ज कर आरोपियों को तलाश रही है.
मैनपुरी के रहने वाले मोहित यादव यूपी रोडवेज़ में कंडक्टर का काम करते थे. बीते जून में दो बस यात्रियों को नमाज़ पढ़ने देने के लिए बस रोकने के दावे वाले एक वीडियो के सामने आने के बाद उन्हें और बस ड्राइवर को बर्ख़ास्त कर दिया गया था. परिजनों के अनुसार मोहित तनाव में थे. रविवार को उनका शव रेलवे ट्रैक पर मिला.
महाराष्ट्र में बीते जलगांव कलेक्टर द्वारा जून महीने में जारी एक आदेश के बाद एरंडोल तालुका स्थित 800 साल पुरानी जुम्मा मस्जिद में मुस्लिम समुदाय को नमाज़ अदा करने से रोक दिया गया था. एक संगठन द्वारा दावा किया गया था कि मस्जिद ‘अवैध रूप से’ एक हिंदू पूजा स्थल पर बनाई गई थी, जिसके बाद कलेक्टर ने यह आदेश पारित किया था.
पहला मामला उत्तर गुजरात के मेहसाणा ज़िले के एक प्री-स्कूल का है. विरोध प्रदर्शन के बाद स्कूल की निदेशक ने लिखित में माफ़ी मांगी है. वहीं कच्छ ज़िले के भुज स्थित एक स्कूल में बकरीद पर नाटक का मंचन किया गया था, जिसका भगवा संगठनों, अभिभावकों और नेताओं ने विरोध किया था. यहां के प्रिंसिपल को निलंबित कर दिया गया है.
कानपुर पुलिस का दावा है कि सड़क पर नमाज़ अदा करने की घटना इसके ख़िलाफ़ जारी सरकारी निर्देश कई बार दिए जाने के बावजूद हुई. बीते अप्रैल माह में ईद के अवसर पर सड़कों पर नमाज़ अदा करने को लेकर कानपुर में 2,000 से अधिक अज्ञात लोगों और एक ईदगाह समिति के ख़िलाफ़ तीन मामले दर्ज किए गए थे.
बीते 26 मई को मुस्लिम समुदाय के एक युवक सहित दो लोगों द्वारा एक हिंदू लड़की के कथित अपहरण के प्रयास के बाद से उत्तराखंड के पुरोला में तनाव व्याप्त हो गया था. उसके बाद कई मुस्लिम परिवारों ने शहर छोड़ दिया था. अब वापस लौटे परिवारों से कहा गया है कि वे घर के अंदर भी सभा में नमाज़ का आयोजन न करें, इससे शांति भंग हो सकती है.
मामला कानपुर का है. पिछले हफ्ते ईद पर ईदगाह के बाहर एक सड़क पर बिना इजाजत नमाज अदा करने के आरोप में बजरिया, बाबू पुरवा और जाजमऊ थाने में अलग-अलग एफ़आईआर दर्ज की गई हैं. इससे नाराज़ ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य ने कहा कि उन्हें धर्म के आधार पर निशाना बनाया जा रहा है.
उत्तर प्रदेश के हाथरस शहर का मामला. बीते 19 अप्रैल को स्थानीय हिंदुत्ववादी नेता के नेतृत्व में छात्रों के अभिभावकों ने विरोध प्रदर्शन किया था. स्कूल प्रबंधन में हालांकि प्रिसिंपल को निलंबित कर दिया, लेकिन इन आरोपों से इनकार किया है.
पुलिस ने बताया कि हरियाणा के सोनीपत ज़िले के संदल कलां गांव में रविवार रात लगभग नौ बजे हथियारबंद लोगों ने नमाज़ अदा कर रहे लोगों पर कथित तौर पर हमला कर मस्जिद में तोड़फोड़ की थी. इस मामले में तीन लोगों को गिरफ़्तार किया गया है, छह हिरासत में हैं.