वीडियो: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा राजधानी लखनऊ में लुलु मॉल का उद्घाटन करने के कुछ दिनों बाद से यहां कुल लोगों के नमाज़ पढ़ने के बाद विवाद खड़ा हो गया. इसके विरोध में कुछ अन्य के हनुमान चालीसा पढ़ने का मामला सामने आया. इस संबंध में अब तक कई लोगों को गिरफ़्तार किया जा चुका है.
अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने राजधानी लखनऊ में पिछले हफ्ते खुले लुलु मॉल में नमाज़ पढ़ने की कथित घटना को लेकर शिकायत दर्ज कराई है. मॉल के अधिकारियों ने भी नमाज़ पढ़ने वाले अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर करा दिया है. महासभा का आरोप है कि मॉल में पुरुष कर्मचारियों में 70 प्रतिशत मुस्लिम हैं और 30 प्रतिशत महिला कर्मचारी हिंदू समुदाय से है. ऐसा करके प्रबंधन लव जिहाद को बढ़ावा दे रहा है.
जम्मू कश्मीर में इस्लामिक विद्वानों और प्रचारकों की शीर्ष संस्था मुत्ताहिदा मजलिस-ए-उलेमा की ओर से कहा गया है शासकों तथा प्रशासन से संगठन दोबारा अपील करता है कि श्रीनगर की ऐतिहासिक जामा मस्जिद में शुक्रवार की नमाज़ के संबंध में बाधाएं नहीं डाली जाएं, ताकि मुसलमान बिना किसी रुकावट के यहां अल्लाह की इबादत कर सकें, यह कश्मीर में प्रार्थना का सबसे बड़ा स्थान है.
अखिल भारतीय हिंदू महासभा की राष्ट्रीय महासचिव पूजा शकुन पांडे ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को कथित तौर पर खून से पत्र लिखकर शुक्रवार की नमाज़ पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी. उनका कहना है कि जुमे की सामूहिक नमाज़ देश में शांति के लिए ख़तरा है.
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में अलीगढ़ के वार्ष्णेय डिग्री कॉलेज में सहायक प्रोफेसर एसआर ख़ालिद कॉलेज परिसर के बगीचे में नमाज़ पढ़ते दिख रहे हैं. कॉलेज प्रवक्ता ने बताया कि भाजयुमो द्वारा प्रोफेसर के ख़िलाफ़ अनुशासनहीनता और शांति भंग के आरोप लगाए जाने के बाद मामले की जांच शुरू की गई है.
क़ुतुब मीनार परिसर में हिंदू और जैन देवताओं की मूर्तियों की पुन: स्थापना करने की मांग के बीच दिल्ली वक्फ बोर्ड ने यह मांग की है. उसका दावा है कि परिसर की मस्जिद में नमाज़ पहले से होती रही है, लेकिन भारतीय पुरतत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने इसे रुकवा दिया था. इससे पहले एएसआई ने अदालत में उस याचिका का विरोध किया था, जिसमें देवताओं की मूर्तियों की परिसर में फिर से स्थापना की मांग की गई थी.
जामिया मस्जिद प्रबंधन समिति की ओर से कहा गया है पुलिस और नागरिक प्रशासन ने बताया है कि श्रीनगर स्थित ईदगाह और जामिया मस्जिद में अगर सुबह सात बजे से पहले नमाज़ नहीं की जाती है, तो इसके बाद नमाज़ की अनुमति नहीं दी जाएगी. समिति ने कहा कि अधिकारियों को हजरतबल दरगाह पर सुबह 10:30 बजे नमाज़ की अनुमति देने में कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन वे ईदगाह में शर्तें लगा रहे हैं.
मध्य प्रदेश के सागर स्थित डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय की घटना. विश्वविद्यालय प्रशासन ने भी नोटिस जारी करके अपने छात्रों को ऐसी किसी भी गतिविधि में शामिल न होने का सुझाव दिया है, जो शैक्षणिक गतिविधियों को प्रभावित करती हैं और परिसर के अंदर सांप्रदायिक तनाव पैदा करती हैं.
हिंदुत्ववादी समूहों के समर्थक और सदस्य पिछले कुछ महीने से अधिक समय से प्रत्येक शुक्रवार को हरियाणा के गुड़गांव में सार्वजनिक स्थानों पर होने वाले नमाज़ स्थलों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. पूर्व सांसद मोहम्मद अदीब ने पूर्व के फैसले का पालन नहीं करने के लिए हरियाणा के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की है.
पिछले सात साल में बार-बार मुसलमानों और ईसाइयों के ख़िलाफ़ हिंसा के इशारे किए गए और उनके लिए सर्वोच्च स्तर से तर्क दिया गया. जब आप जनसंख्या नियंत्रण के नाम पर, अपनी बेटियों की दूसरे धर्म में शादी रोकने के नाम पर, मुसलमान औरतों को उनके मर्दों से बचाने के नाम पर क़ानून बनाते हैं तो उनके ख़िलाफ़ हिंसा के लिए ज़मीन तैयार करते हैं.
हरियाणा के मनोहर लाल खट्टर ने यह भी कहा कि जिला प्रशासन के खुले स्थानों पर नमाज़ के लिए कुछ स्थानों को आरक्षित करने का पूर्व निर्णय वापस ले लिया गया है और राज्य सरकार अब इस मुद्दे का सौहार्दपूर्ण समाधान निकालेगी. गुड़गांव में पिछले कुछ महीनों में कुछ हिंदू संगठनों के सदस्य उन जगहों पर इकट्ठा हो जाते हैं, जहां मुस्लिम खुले स्थान पर नमाज़ अदा करते हैं और ‘भारत माता की जय’ और ‘जय श्री राम’ के नारे
गुड़गांव मुस्लिम काउंसिल ने कहा कि दो दशकों से अधिक समय से खुले स्थानों पर जुमे की नमाज़ अदा की जा रही है, क्योंकि समुदाय के पास पर्याप्त संख्या में मस्जिद नहीं हैं. मई 2018 के बाद शहर में पहली बार नमाज़ बाधित होने की सूचना मिली थी, जिसके बाद से मुसलमानों को प्रताड़ित करने के कई प्रयास हुए हैं.
गुड़गांव में सिख समुदाय के कुछ सदस्यों ने गुरुद्वारों में नमाज़ पढ़ने की अनुमति देने के धर्मस्थल प्रबंधन समिति के निर्णय का विरोध किया. गुड़गांव मुस्लिम काउंसिल के सदस्य अल्ताफ़ अहमद ने कहा कि गुरुपर्व के चलते इस बार किसी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए वहां न जाने का फ़ैसला किया गया था, अगले सप्ताह इस बारे में अंतिम निर्णय लिया जाएगा.
गुड़गांव में पिछले कुछ महीनों से दक्षिणपंथी समूह खुले में नमाज़ का विरोध कर रहे हैं. गुरुद्वारा कमेटी साथ ही अक्षय यादव नाम के एक दुकान मालिक ने भी नमाज़ के लिए अपना ख़ाली परिसर देने की पेशकश की है.
वीडियो: दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद बता रहे हैं कि किस तरह हिंदू त्योहारों का इस्तेमाल सांप्रदायिक नफ़रत फैलाने और अल्पसंख्यकों को अलग-थलग करने के लिए किया जा रहा है.