देश में एचआईवी प्रभावित बच्चों की जीवन-रक्षक दवा का टोटा

सरकार द्वारा बकाया न चुकाए जाने के चलते प्रसिद्ध दवा निर्माता कंपनी सिप्ला ने एचआईवी प्रभावित बच्चों के लिए बेहद ज़रूरी दवा को बनाना बंद कर दिया है.

बनारस में मोदी: ट्विटर पर ट्रेंड करता रहा, #मोदी_की_हवा_टाइट_है

अब चुनाव सिर्फ़ जनता के बीच नहीं लड़े जाते, सभी पार्टियों के सोशल मीडिया वार रूम अब ट्विटर और फेेसबुक पर भी चुनाव लड़ते हैं. इसी कड़ी में रविवार शाम से रातभर ट्विटर पर ट्रेंड करता रहा #मोदी_की_हवा_टाइट_है.

देखौ गुरु! ई बनारस है, मोदी हों या अखिलेश, इहां सबको मत्था टेकना पड़ता है…

ग्राउंड रिपोर्ट: होली के पहले बनारस में चुनाव का रंग चढ़ा हुआ है और यहां का माहौल देखकर लगता है कि इस बार की होली कुछ ज़्यादा ही लाजवाब होने वाली है.

‘आधार को अनिवार्य बनाना मिड डे मील जैसी योजनाओं में बाधक’

मिड डे मील योजना में बच्चों के लिए आधार कार्ड अनिवार्य बनाने के केंद्र सरकार के कदम को रोज़ी रोटी अधिकार अभियान नाम के संगठन ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन बताया है.

यूपी चुनाव: छठे चरण में दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर, विकास का मुद्दा गायब

इस चरण में भाजपा के हिंदुत्ववादी नेता सांसद महंत आदित्यनाथ के संसदीय क्षेत्र गोरखपुर और माफिया-राजनेता मुख्तार अंसारी के क्षेत्र मऊ तथा केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र के संसदीय क्षेत्र देवरिया में चुनाव पर खास नजर रहेगी.

विकास योजनाओं में अदूरदर्शिता का विनाशकारी मॉडल है फरक्का बैराज

विशेषज्ञों का मानना है कि फरक्का बैराज परियोजना से जितना फायदा हुआ उससे कई गुना ज़्यादा नुकसान हो चुका है. इसका कोई समाधान न निकाला गया तो व्यापक तबाही के लिए तैयार रहना होगा.

गुजरात दंगा: 15 साल बाद भी अमानवीय ज़िंदगी जीने को मज़बूर पीड़ित

2002 के गुजरात दंगों में विस्थापित हुए लोगों की सुध लेने वाला कोई नहीं है. दंगों के 15 साल बाद भी उनके पास न ज़मीन है न आधारभूत सुविधाएं.

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ और फिर उसे चुप कराओ!

अच्छा होता केंद्र सरकार शैक्षिक परिसरों में खुलापन क़ायम करने का प्रयास करती. गुंडा तत्वों, उत्पात मचाने वालों और गुरमेहर को हत्या व रेप आदि की धमकी देने वालों की मुस्तैदी से धरपकड़ की जाती.

क्या भाजपा को लगता है कि यूपी में ‘सांप्रदायिकता’ ही आख़िरी सहारा है?

राज्य में चार चरण के मतदान के बाद नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने सांप्रदायिकता का नारा बुलंद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी, पर यह तो वक़्त ही बताएगा कि उनकी विभिन्न जातियों के हिंदुओं को साथ लाने की ये कोशिश कामयाब होगी या नहीं.

ग्राउंड रिपोर्ट: हमारे लोकतंत्र में घुमंतू समुदाय को कब मिलेगा हक़?

घुमंतू समुदाय गांव के सार्वजनिक और सांस्कृतिक जीवन में घुले-मिले हैं. वे विकसित हो रहे जनतंत्र में अपना स्पष्ट हिस्सा मांग रहे हैं.

गोंडा से ग्राउंड रिपोर्ट: जाति, धर्म, धन और धुरंधर लोकतंत्र की शान

यूपी के गोंडा का जायज़ा लेने से पता चला कि पार्टियां भले ही कालाधन लाने, परिवारवाद मिटाने की बातें करें लेकिन चुनाव में जीत धन बल और बाहुबल से ही मिलती है.

‘जानवर समाज का हिस्सा हैं इसलिए वे हमारी राजनीति का हिस्सा बने रहेंगे’

जिन्हें मायावती पसंद नहीं हैं. वे उनके चुनाव चिह्न को ‘पागल हाथी’ कहते हैं. इस तरह वे एक ही बार में ‘पागल’ और ‘हाथी’ के लिए असंवेदनशील टिप्पणी कर बैठते है.