जन की बात की 20वीं कड़ी में वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ तमिलनाडु के सूखा पीड़ित किसान और देशभक्ति की आड़ में मुद्दों को भटकाने की राजनीति पर चर्चा कर रहे हैं.
मोदी के हर क़दम ने हमें अचंभित किया है. यहां तक कि जब वे ज़हर उगलते रहे, तब भी हमारी प्रतिक्रिया ऐसी ही रही. योगी की ताजपोशी उनकी नयी पेशकश है. जो किया जा चुका है उसमें ख़ूबी तलाशना ही अब हमारा कर्तव्य रह गया है.
एक गैर सरकारी संगठन ने अपने सर्वेक्षण में दावा किया है कि इस बार उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में नोट के बदले वोट लेेने के लिए उम्मीदवारों ने तकरीबन एक हज़ार करोड़ रुपये खर्च किए.
रायबरेली के रहने वाले मनफीक ख़ान कहते हैं, ‘कोउ नृप होय हमें का हानि. मुख्यमंत्री कोई भी बने कमाकर ही खाना है तो मुख्यमंत्री कोई राजा बने, योगी बने, शर्मा बने या ख़ान बने कुछ भी फ़र्क नहीं पड़ता है. भाजपा जीती है, उसका मन जिसे करे उसे मुख्यमंत्री बनाए.’
पूर्वांचल में गहरी पैठ रखने वाले और हिंदू युवा वाहिनी के संस्थापक योगी आदित्यनाथ रविवार को उत्तर प्रदेश के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे
साक्षात्कार: उत्तर प्रदेश में भाजपा को भारी बहुमत मिला है. केंद्र और राज्य में अब भाजपा की सरकार है. अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण भाजपा का बुनियादी मुद्दा रहा है. अयोध्या से पांच बार विधायक रहे और अभी फैजाबाद के सांसद लल्लू सिंह से राम मंदिर समेत तमाम दूसरे मुद्दों पर बातचीत.
अलग-अलग चरणों में पार्टी के चुनावी प्रदर्शन में असमानता इस बात का सबूत है कि ‘अच्छी खबर’ चुनावी पासे को पलटने में मदद कर सकती है.
पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने कहा कि बिहार की तरह महागठबंधन हो तो 2019 के चुनाव में मोदी को सत्ता से बाहर किया जा सकता है.
राहुल गांधी के उपाध्यक्ष बनने के बाद से कांग्रेस को 24 चुनावों में हार का सामना करना पड़ा है. पार्टी की हालत यह हो गई है कि इसके साथ गठबंधन करने वाले दलों की भी लुटिया डूब जा रही है.
जन की बात की 17वीं कड़ी में वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ मोदी सरकार के वादों और पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार की तानाशाही पर चर्चा कर रहे हैं.
उत्तर प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड, पंजाब और बिहार में ठगी का मामला सामने आने के बाद मामले की सीबीआई जांच करवाने की मांग महिला और बाल विकास मंत्रालय ने की है.
विपक्ष को एक नए भारत का सपना बुनना होगा जो भाजपा के हिंदूवादी, आर्थिक आधार पर खड़े विचार को चुनौती दे सके. एक ऐसा भारत जिसमें अस्मिता और देशभक्ति भी शामिल हो, विकास और सम्पन्नता की सोच भी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘नैतिक शुद्धिकरण’ प्रोजेक्ट ने जाति की दीवारों को तोड़ने और एक व्यापक सामाजिक गठजोड़ तैयार करने में बड़ी भूमिका निभाई है.
सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करके राजनीतिक समर्थन हासिल करने में मिली भाजपा की कामयाबी को अगर शासन के आदर्श के तौर पर स्वीकार कर लिया जाता है, तो आनेवाला समय देश के लिए अंधकारमय हो सकता है.
लोकतंत्र में हर पल अपने समाज और वोटरों के बारे में सोचते रहना पड़ता है, लेकिन दुखद यह है कि उत्तर भारत के सामाजिक न्याय के सभी बड़े नेता सिर्फ अपने परिवार और रिश्तेदार के बारे में सोचते हैं, उन जनता के बारे में नहीं जिनके वोट से ये मसीहा बने थे.