शादी की क़ानूनी उम्र बढ़ जाने मात्र से महिलाओं का सशक्तिकरण नहीं होगा

भारतीय समाज में शादी-ब्याह के मामले पेचीदा विरोधाभासों और विडंबनाओं में उलझे हुए हैं. इन्हें किसी क़ानूनी करतब से सुलझाना नामुमकिन है. जब युवा महिलाओं को स्तरीय शिक्षा के साथ वाजिब वेतन पर रोज़गार मिलेगा तब वे सही मायने में स्वावलंबी और सशक्त बन सकेंगी. फिर वे ख़ुद तय करेंगी कि शादी करनी भी है या नहीं, और अगर करनी है तो कब, किससे और कैसे.

चंडीगढ़ निकाय चुनाव: कृषि क़ानून रद्द होने के बाद हुए पहले चुनाव में भाजपा की बड़ी हार

चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव में पहली बार उतरी आम आदमी पार्टी 35 में से 14 सीटों पर जीत दर्ज करने में कामयाब रही. 2016 से निगम में दो-तिहाई बहुमत के साथ अगुवा रही भाजपा की स्थिति का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि दो पूर्व मेयर और निवर्तमान मेयर रविकांत शर्मा को भी हार का सामना करना पड़ा.

कोविड-19: बच्चों के लिए टीके और बूस्टर डोज़ पर सरकार को इन 10 सवालों के जवाब देने चाहिए

चूंकि सरकार ने किसी ऐसे अधिकारी को उपलब्ध नहीं कराया, जो केंद्र इस फ़ैसले पर प्रेस के सवालों का जवाब दे सके, इसलिए यहां वो दस सवाल हैं, जिनका स्वास्थ्य मंत्रालय और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जवाब देना चाहिए.

कोविड-19: एम्स के वरिष्ठ महामारी रोग विशेषज्ञ ने कहा- बच्चों के टीकाकरण का निर्णय ‘अवैज्ञानिक’

एम्स के वरिष्ठ महामारी रोग विशेषज्ञ व वयस्कों और बच्चों पर कोवैक्सीन टीके के परीक्षणों के प्रधान जांचकर्ता डॉक्टर संजय के. राय ने कहा कि किशोरों के वैक्सीनेशन के निर्णय पर अमल से पहले बच्चों का टीकाकरण शुरू कर चुके देशों के आंकड़ों का विश्लेषण करना चाहिए.

तीन जनवरी से 15 साल से 18 साल के किशोरों का टीकाकरण अभियान शुरू होगा: मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह भी घोषणा की कि 10 जनवरी से स्वास्थ्य व अग्रिम मोर्चे पर तैनात कर्मचारियों, अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित 60 वर्ष की आयु से ऊपर के लोगों को डॉक्टरों की सलाह पर एहतियात के तौर पर टीकों की खुराक दिए जाने की शुरुआत की जाएगी. हालांकि इस दौरान उन्होंने बूस्टर डोज़ का जिक्र न करते हुए इसे प्रीकॉशन डोज़ का नाम दिया.

मोदी और उनका हिंदुत्व ब्रिटिश राज और उसकी नीतियों के साक्षात वंशज हैं…

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अनेक नीतियां अंग्रेजों के साम्राज्यवादी शासन से निकली हैं और उनसे असंतोष ज़ाहिर करने वालों को एक ख़तरे के तौर पर देखती हैं, ठीक वैसे ही जैसे अंग्रेज़ देखा करते थे.

परिसीमन आयोग की सिफ़ारिशों के ख़िलाफ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस सुप्रीम कोर्ट जाएगी: फ़ारूक़ अब्दुल्ला

परिसीमन आयोग ने 16 सीट अनुसूचित जाति व जनजाति के लिए आरक्षित करते हुए जम्मू क्षेत्र में छह और कश्मीर में एक अतिरिक्त सीट का प्रस्ताव रखा है. नेशनल कॉन्फ्रेंस अध्यक्ष और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फ़ारूक़ अब्दुल्ला ने कहा कि पार्टी का मानना है कि परिसीमन की क़वायद का मूल आधार ही अवैध है. 

कोविड-19: इलाहाबाद हाईकोर्ट जज ने पीएम मोदी से कहा- यूपी चुनाव रोकने पर विचार करें

इस बीच उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने देश के विभिन्‍न राज्‍यों में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी को देखते हुए 25 दिसंबर से प्रदेशव्यापी रात्रिकालीन कोरोना कर्फ्यू लागू किए जाने के निर्देश दिए हैं. रात्रिकालीन कोरोना कर्फ्यू प्रदेश में रात्रि 11 बजे से सुबह पांच बजे तक प्रभावी रहेगा.

उत्तर प्रदेश: दलित-ओबीसी समुदायों की बेरुख़ी क्या भाजपा के लिए मुश्किल का सबब बन सकती है

दलित, पिछड़ी और कमज़ोर मानी जाने वाली जातियां, जिन्होंने 2014 के बाद 2017 और 2019 में भाजपा की हिंदुत्व की लहर में बहकर उसे समर्थन दिया, 2022 के विधानसभा चुनाव के पहले ही उनका पार्टी से मोहभंग हो गया है. मुस्लिम आबादी के साथ इन समुदायों का गठजोड़ भाजपा के लिए बड़ा संकट खड़ा कर सकता है.

क्या ‘भव्य-काशी’ के रास्ते उत्तर प्रदेश चुनाव की मंज़िल फिर पाने को तैयार है भाजपा

भाजपा उम्मीद कर रही है कि अयोध्या में बहुप्रतीक्षित मंदिर निर्माण आरंभ करने के बाद अब काशी विश्वनाथ को अभूतपूर्व भव्य स्वरूप दे देने से उन्होंने आम हिंदू वोटर के दिल को छू लेने में सफलता प्राप्त कर ली है.

हां, हम आंदोलनजीवी हैं, आपने हमने मज़बूर किया है: मेधा पाटकर

एक कार्यक्रम में जनांदोलनों की ज़रूरत रेखांकित करते हुए मानवाधिकार कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने कहा कि आज केंद्र की नीतियों की वजह से वंचित समुदाय हाशिए पर धकेल दिए गए हैं, ग़रीबों के सभी विकल्प उनसे छीन लिए गए हैं, इस वजह से उन्हें सड़कों पर निकलना पड़ रहा है.

मतदाताओं को लुभाने की होड़ में राजनीतिक दलों के बीच कोई ख़ास वैचारिक अंतर नहीं है

वर्तमान भारतीय राजनीति में प्रत्येक दल ख़ुद का सफल फॉर्मूला ईजाद करने की कवायद में दूसरे दल से कुछ न कुछ उधार लेने की कोशिश कर रहा है. आज भारतीय लोकतंत्र कम हो रहे राजनीतिक विकल्पों और इन विकल्पों के अभाव में अपने आप को ही विकल्प समझ लेने वालों से भरा पड़ा है.

अरुणाचल प्रदेश: छात्रसंघ ने चकमा-हाजोंग शरणार्थियों की गणना के लिए दो हफ्ते का अल्टीमेटम दिया

अखिल अरुणाचल प्रदेश छात्रसंघ ने कहा कि चकमा और हाजोंग की जनगणना स्वदेशी लोगों की सुरक्षा के लिए आवश्यक डेटा को बनाए रखने के लिए एक नियमित प्रशासनिक अभ्यास है. इस महीने की शुरुआत में प्रधानमंत्री कार्यालय से राज्य सरकार को एक पत्र मिलने के बाद यह प्रक्रिया ठप हो गई.

संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन कॉन्फ्रेंस के लक्ष्य कृषि में सुधार के बिना संभव नहीं

वीडियो: बीते नवंबर महीने में स्कॉटलैंड के ग्लासगो शहर में हुए संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन कॉन्फ्रेंस जिसे ‘सीओपी26’ (COP26) भी कहा जाता है, को लेकर दो पर्यावरणविदों- वंदना शिवा और श्याम शरण (पूर्व विदेश सचिव और भारतीय सीओपी वार्ताकार) से द वायर के इंद्र शेखर सिंह से बातचीत.

केंद्रीय सूचना आयोग ने चुनावी बॉन्ड पर एसबीआई की रिपोर्ट का खुलासा करने से इनकार किया

आरटीआई कार्यकर्ता वेंकटेश नायक ने भारतीय स्टेट बैंक द्वारा चुनावी बॉन्ड की बिक्री और उन्हें भुनाने के संबंध में भारतीय रिज़र्व बैंक और केंद्र को साल 2018 में सौंपी गई रिपोर्ट का खुलासा करने की मांग की थी.

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