भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने कहा कि बीजगणित, समय की अवधारणा, ब्रह्मांड की संरचना, धातु विज्ञान और विमानन जैसी वैज्ञानिक अवधारणाएं सबसे पहले वेदों में पाई गई थीं. ये भारतीय खोजें अरब देशों के माध्यम से यूरोप पहुंचीं और फिर पश्चिमी अवधारणाओं के रूप में सामने आईं.
आंध्र प्रदेश के गुंटूर ज़िले में जन्मीं सिरिशा बैंडला अमेरिका के ह्यूस्टन शहर में पली बढ़ी हैं. अमेरिका की निजी अंतरिक्ष एजेंसी वर्जिन गैलेक्टिक के ‘यूनिट 22’ के छह सदस्य का एक दल 11 जुलाई को अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरेगा. सिरिशा इस दल का हिस्सा हैं.
भाजपा सांसद गणेश सिंह ने लोकसभा में संस्कृत केंद्रीय विश्वविद्यालय विधेयक 2019 पर चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि अमेरिका आधारित एक शिक्षण संस्थान के अनुसंधान के अनुसार रोजाना संस्कृत भाषा बोलने से तंत्रिका तंत्र मजबूत होता है.
18 मार्च 1965 को एलेक्सी लियोनोव ने वोस्कोड-2 मिशन के दौरान यान से बाहर निकलकर 12 मिनट नौ सेंकेंड तक अंतरिक्ष में चहलकदमी कर इतिहास रचा था.
इसरो ने कहा कि ‘चंद्रयान-2’ का लैंडर ‘विक्रम’ चांद की सतह पर साबुत अवस्था में है और यह टूटा नहीं है. हालांकि, ‘हार्ड लैंडिंग’ की वजह से यह झुक गया है तथा इससे पुन: संपर्क स्थापित करने की हरसंभव कोशिश की जा रही है.
एचआरडी मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने आईआईटी खड़गपुर के 65वें दीक्षांत समारोह में कहा कि हिमालय ‘नीलकंठ’ की तरह सारा विष पीकर विकसित देशों के प्रदूषण से पर्यावरण को बचा रहा है. इससे पहले आईआईटी बॉम्बे के दीक्षांत समारोह में निशंक ने कहा था कि परमाणु और अणु की खोज चरक ऋषि ने की थी.
मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने आईआईटी-बॉम्बे के 57वें दीक्षांत समारोह में कहा कि नासा कह रहा है कि अगर निकट भविष्य में बोलते हुए कंप्यूटर हकीकत बन पाए तो यह संस्कृत के कारण ही संभव होगा.
नासा के एडमिनिस्ट्रेटर जिम ब्राइडेंस्टाइन ने कहा कि भारत द्वारा मार गिराए गए उपग्रह से अंतरिक्ष में 400 टुकड़ों का मलबा फैल गया, जिससे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर ख़तरा 44 फीसदी तक बढ़ गया है.
मिशन के लिए पूरे विश्व से कुल 2,429,807 आवेदन मिले हैं. इन नामों को एक माइक्रोचिप पर उकेरा जाएगा. ये चिप हमेशा के लिए मंगल पर रहेगा.
यह नया जीव सिर्फ अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में ही मिलता है. एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर इस बैक्टीरिया को सोलीबैकिलस कलामी नाम दिया गया है.
इसरो ने आज श्रीहरिकोटा से एक बार में 104 सैटैलाइट लॉन्च करके एक नई उपलब्धि हासिल की है. रूस के एक साथ 37 उपग्रहों के सफल लॉन्च के मुकाबले भारत एक साथ 104 उपग्रह लॉन्च करने वाला पहला देश बन गया है. इन 104 उपग्रहों में देश के पहले दो नैनो सैटैलाइट, कार्टोसैट 2 श्रेणी के चौथे सैटैलाइट शामिल हैं. एक साथ इतने उपग्रह लॉन्च करने के बारे में इसरो प्रमुख एएस किरण कुमार का कहना है कि इसरो का
रूस के एक साथ 37 उपग्रहों के सफल प्रक्षेपण के मुकाबले भारत एक साथ 104 उपग्रह प्रक्षेपित करने वाला पहला देश बन गया है.