मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में बीते मई माह में पुलिस ने फैज़ान नामक युवक को 'पाकिस्तान जिंदाबाद, हिंदुस्तान मुर्दाबाद' नारा लगाने के आरोप में गिरफ़्तार किया था. तब से वह हिरासत में है. एमपी हाईकोर्ट ने फैज़ान को जमानत देते हुए कहा कि वह महीने के पहले और चौथे मंगलवार को स्थानीय पुलिस थाने के राष्ट्रीय ध्वज को 21 बार सलामी देंगे और 'भारत माता की जय' का नारा देंगे.
जम्मू कश्मीर के प्रशासन द्वारा जारी वर्तमान आदेश की तरह ही पिछले वर्ष भी यहां स्वतंत्रता दिवस पर लोगों को अपने घरों में तिरंगा फहराने के लिए कहा गया था, जिसके बाद बड़ा विवाद खड़ा हो गया था.
बीते रविवार को दुबई में एशिया कप क्रिकेट मैच में भारत के जीतने के बाद बीसीसीआई के सचिव जय शाह का तिरंगा नहीं पकड़ने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. इसे लेकर विपक्ष ने उन पर निशाना साधते हुए कहा है कि प्रोटोकॉल के तहत तटस्थ रहने का अर्थ किसी ध्वज का अनादर करना नहीं होता.
पीडीपी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि जम्मू कश्मीर प्रशासन बेशर्मी से कश्मीरियों के भारतीय झंडा फहराने की झूठी तारीफ़ कर रहा है. सच तो यह है कि उन्हें ऐसा करने के लिए धमकाया गया और परिणाम भुगतने की धमकी दी गई.
कट्टर हिंदुत्ववादी नेता यति नरसिंहानंद सोशल मीडिया पर सामने आए एक वीडियो में सत्तारूढ़ भाजपा के ‘हर घर तिरंगा’ अभियान पर सवाल उठाते हुए और हिंदुओं से भाजपा के इस अभियान का बहिष्कार करने की अपील करते हुए नज़र आ रहे हैं. पुलिस ने कहा कि वीडियो की छानबीन कर क़ानून की उपयुक्त धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी.
कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि करोड़ों लोगों के पास अपने रोज़ाना के भोजन का प्रबंधन करना एक बड़ा सवाल है. ये लोग झंडे के लिए पैसे की व्यवस्था कैसे कर सकते हैं. उत्तराखंड भाजपा के प्रमुख महेंद्र भट्ट ने कहा था कि भारत उन लोगों पर भरोसा नहीं कर सकता, जो राष्ट्रीय ध्वज नहीं फहराते हैं.
सोशल मीडिया पर सामने आए करनाल ज़िले के एक वीडियो में कुछ राशनकार्ड धारक शिकायत करते दिख रहे थे कि उन्हें 20 रुपये में तिरंगा खरीदने को मजबूर किया जा रहा है. अब एक बयान में मुख्यमंत्री के हवाले से कहा गया है कि कोई अगर राष्ट्रध्वज नहीं खरीदना चाहता है तब भी उसे किसी सेवा से वंचित नहीं किया जाएगा.
भारत की स्वतंत्रता के 75 साल का जश्न मनाने के लिए चल रहे 'आज़ादी के अमृत महोत्सव' के आधिकारिक पत्राचार में देश के वर्तमान और एकमात्र 'प्रिय नेता' का ही ज़िक्र और तस्वीरें दिखाई दे रहे हैं.
हरियाणा के करनाल ज़िले में ये मामला सामने आने के बाद राहुल गांधी ने एक वीडियो साझा किया, जिसमें कुछ राशनकार्ड धारकों को यह शिकायत करते हुए देखा जा सकता है कि उन्हें 20 रुपये में तिरंगा खरीदने को मजबूर किया जा रहा है. भाजपा सांसद वरुण गांधी ने कहा कि तिरंगे की कीमत ग़रीब का निवाला छीनकर वसूलना शर्मनाक है. वहीं केंद्र ने कहा है कि उसने ऐसा कोई निर्देश नहीं दिया है.
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को ‘उच्च जातियों का संघ’ क़रार देते हुए केंद्र सरकार के ‘हर घर तिरंगा’ अभियान को नाटक बताया. उन्होंने कहा कि उनके वैचारिक नेताओं जैसे वीडी सावरकर, एमएस गोलवलकर और आरएसएस के मुखपत्र ‘ऑर्गेनाइज़र’ ने तिरंगे का विरोध किया था, उन्हें बेनक़ाब करना चाहिए.
अक्सर गिरफ़्तारी हो या ज़मानत, पुलिस और अदालत सत्ता से सहमति रखने वालों के मामले में 'बेल नियम है, जेल अपवाद' का सिद्धांत का हवाला देते दिखते हैं पर मुसलमानों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं या पत्रकारों का नाम आते ही इस नियम को उलट दिया जाता है.
इससे पहले तिरंगे को केवल सूर्योदय से सूर्यास्त तक फहराने की अनुमति थी. स्वतंत्र भारत के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य पर आज़ादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है. इसके तहत सरकार 13 से 15 अगस्त तक ‘हर घर तिरंगा’ कार्यक्रम की शुरुआत करने जा रही है, जिसके मद्देनज़र लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए यह क़दम उठाया गया है.
फिल्मकार अविनाश दास अपने सोशल मीडिया एकाउंट से दो तस्वीरें साझा की थीं. इनमें से एक तस्वीर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ झारखंड की गिरफ़्तार आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल की थी, जबकि दूसरी तस्वीर में एक महिला नज़र आ रही थी, जिसके शरीर पर राष्ट्रीय ध्वज चित्रित किया गया था.
कर्नाटक के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ नेता कल्लडका प्रभाकर भट्ट ने मेंगलुरु के बाहरी इलाके कुट्टर में विश्व हिंदू परिषद की कर्णिका कोरगज्जा धर्मस्थल द्वारा हिंदू एकता के लिए आयोजित विशाल पदयात्रा के दौरान कहा कि अगर हिंदू समाज एक साथ आता है तो ऐसा हो सकता है.
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाल विधानसभा चुनावों के तहत बाराबंकी में आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे. औवेसी और कार्यक्रम आयोजकों के ख़िलाफ़ कोविड-19 दिशानिर्देशों का उल्लंघन तथा सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के आरोप में मामला दर्ज करने के कुछ ही घंटों बाद राष्ट्रीय ध्वज के अपमान को लेकर एक और मामला दर्ज किया गया है.