बीते रविवार को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने सात हजार रुपये के निजी मुचलके और प्रदर्शन न करने की शर्त पर प्रदर्शनकारियों को जमानत दी थी.
कानून के छात्रों द्वारा इस संबंध में मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई को लिखे गए पत्र के बाद मामले की सुनवाई के लिए दो जजों की पीठ गठित की गई थी.
बढ़ते प्रदूषण के मद्देनज़र एनजीटी ने पश्चिमी दिल्ली के मायापुरी इलाके के कबाड़ के अवैध कारोबार को बंद करने का आदेश दिया था.
यह न्याय के बुनियादी सिद्धांतों के ख़िलाफ़ है. मामला सुप्रीम कोर्ट में था तो कैसे पेड़ काटे गए? नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में मामला था तो पेड़ कैसे काटे गए? क्या अब से फांसी की सज़ा हाईकोर्ट के बाद ही दे दी जाएगी. सुप्रीम कोर्ट में अपील का कोई मतलब नहीं रहेगा? वहां चल रही सुनवाई का इंतज़ार नहीं होगा?
मुंबई की आरे कॉलोनी में मेट्रो कार शेड बनाने के लिए तकरीबन 2700 पेड़ काटने की मंज़ूरी दे दी गई है, जिसका पर्यावरणविद् और स्थानीय लोग विरोध कर रहे हैं.
मुंबई की आरे कॉलोनी में मेट्रो कार शेड बनाने के लिए तकरीबन 2700 पेड़ काटने की मंज़ूरी दे दी गई है, जिसका पर्यावरणविद् विरोध कर रहे हैं. गिरफ्तार किए गए 29 प्रदर्शनकारियों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने मुंबई की आरे कॉलोनी को वन क्षेत्र घोषित करने की सभी याचिकाओं को ख़ारिज करते हुए कहा कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के समक्ष लंबित है, इसलिए हम इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते.
एनजीटी के कहा कि खराब टायरों के आयात पर रोक लगाया जाए ताकि भारत दूसरे देशों के खतरनाक कचरे का घर नहीं बन पाए.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पराली प्रदूषण से निपटने के लिए सात सूत्री कार्य योजना का उल्लेख किया. इसके तहत उन्होंने राजधानी दिल्ली में 4 से 15 नवंबर तक वाहनों के लिए ऑड-ईवन योजना लागू करने की घोषणा की.
एनजीटी में याचिका दायर कर कहा गया है कि पानी की बर्बादी रोकने के लिए कदम नहीं उठाए जा रहे हैं और पानी बर्बाद करने को दंडनीय अपराध की श्रेणी में रखा जाना चाहिए.
राजस्थान सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार प्रदेश के 33 ज़िलों को भूजल के हिसाब से कुल 295 ब्लॉक में बांटा गया है, जिनमें से 184 ब्लॉक अतिदोहित श्रेणी में आ गए हैं. इसका मतलब है कि आधे से ज़्यादा राज्य में ज़मीनी पानी कभी भी समाप्त हो सकता है.
एनजीटी ने यमुना नदी को साफ करने संबंधी कार्य पर असंतोष जताते हुए दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश सरकार को अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है.
पर्यावरण मंत्रालय ने संसद में बताया कि केंद्रीय भूजल बोर्ड ने विभिन्न राज्यों में फ्लोराइड, आर्सेनिक, नाइट्रेट और आयरन सहित अन्य हानिकारक धातुओं की भूजल में निर्धारित मानकों से अधिक मात्रा पाए जाने की पुष्टि की है.
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए एनजीटी ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को कचरा प्रबंधन नियमों के अब तक अमल में नहीं लाए जा रहे प्रावधानों का छह सप्ताह के भीतर पालन सुनिश्चित करने को कहा है.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के हालिया आंकड़ों के मुताबिक उत्तर प्रदेश से लेकर पश्चिम बंगाल तक गंगा नदी का पानी पीने एवं नहाने योग्य नहीं है. बोर्ड द्वारा जारी एक मानचित्र में नदी में ‘कोलीफॉर्म’ जीवाणु का स्तर बहुत बढ़ा हुआ दिखाया गया है.