महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष अजित पवार ने एक महीने से भी कम समय में दूसरी बार सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है कि लोकसभा चुनाव 2024 में उन्होंने बहन सुप्रिया सुले के ख़िलाफ़ अपनी पत्नी को चुनाव लड़ाकर ग़लती की थी.
लोकसभा चुनाव से पहले तक विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी की राह कठिन दिखाई दे रही थी, लेकिन नतीजों ने राज्य के राजनीतिक समीकरण बदल डाले. सदन में लगभग 20% विधायकों वाले एमवीए ने ‘इंडिया’ गठबंधन के तले क़रीब दो-तिहाई लोकसभा सीटें (30) जीतकर सत्तारूढ़ महायुति को चिंता में डाल दिया है.
महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता गणेश हेक ने भाजपा-एनसीपी (अजित पवार) गठबंधन को दुर्भाग्यपूर्ण और अपवित्र बताया है, वहीं राज्य के एक अन्य भाजपा नेता दिलीप देशमुख ने कहा है कि भाजपा और शिवसेना सगे भाई हैं जबकि एनसीपी सौतेला भाई है.
साल 2014 से केंद्रीय एजेंसी की जांच के दायरे में रहे विभिन्न दलों से जुड़े 25 नेता भाजपा में शामिल हुए हैं. इनमें से 23 को उन मामलों में राहत मिल चुकी है, जिनमें वे जांच का सामना कर रहे थे. जबकि तीन के ख़िलाफ़ दर्ज मामले पूरी तरह से बंद कर दिए गए हैं और अन्य 20 में जांच रुकी हुई है या ठंडे बस्ते में हैं.
2019 में मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश पर एनसीपी नेता अजित पवार के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज की थी, जिसमें आरोप था कि महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक घोटाले के चलते 1 जनवरी 2007 से 31 दिसंबर 2017 के बीच सरकारी खज़ाने को 25,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था.
बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) में निकाय चुनाव लंबित रहने के दौरान फरवरी 2023 में लाई गई एक नीति मुंबई के विधायकों को अपने-अपने क्षेत्र में विकास कार्य कराने के लिए बीएमसी से फंड मांगने की अनुमति देती है. एक पड़ताल के मुताबिक, मुंबई के 36 में से 21 सत्तारूढ़ विधायकों को तो फंड मिल रहा है, लेकिन 15 विपक्षी विधायकों के आवेदन महीनों से लंबित पड़े हैं.
ठाणे को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का गढ़ माना जाता है. यहां से वे विधायक और उनके बेटे सांसद हैं. एक रिपोर्ट बताती है कि पूर्व सांसद आनंद परांजपे के ख़िलाफ़ शुरू में एक ही अपराध में 11 एफ़आईआर दर्ज की गई थी, जो अंतत: बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा ठाणे पुलिस को फटकार लगाने के बाद घटाकर एक कर दी गई.
नवी मुंबई के खारघर में बीते 16 अप्रैल को महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार समारोह का आयोजन हुआ था, जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी शिरकत की थी. कार्यक्रम के दौरान कई घंटों तक भीषण धूप में बैठे रहने के चलते 13 लोगों की मौत हो गई थी.
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने राजनीतिक दलों के आयकर रिटर्न और भारतीय निर्वाचन आयोग के समक्ष दायर किए गए दान प्राप्ति के विवरणों के आधार पर किए गए विश्लेषण में पाया गया कि वित्त वर्ष 2004-05 और 2020-21 के बीच आठ राष्ट्रीय दलों ने 15,077.97 करोड़ रुपये अज्ञात स्रोतों से प्राप्त किए.
केंद्र द्वारा टाटा-एयरबस विमान परियोजना 22,000 करोड़ रुपये की लागत से महाराष्ट्र के विदर्भ में स्थापित की जानी थी, लेकिन अब वह गुजरात में स्थानांतरित कर दी गई है. विपक्ष का आरोप है कि यह चौथी परियोजना है, जो महाराष्ट्र से गुजरात चली गई, ऐसा इसलिए हो रहा है, ताकि आगामी गुजरात विधानसभा चुनावों में भाजपा की जीत सुनिश्चित की जा सके.
गुजरात के सूरत में एक होटल में कुछ विधायकों के साथ रह रहे मंत्री एकनाथ शिंदे को शिवसेना ने विधायक दल के नेता पद से हटा दिया है. वहीं, शिंदे ने बयान जारी करके कहा है कि वह कभी भी सत्ता के लिए धोखा नहीं देंगे और बाल ठाकरे से मिली सीख को नहीं छोड़ेंगे. इस बीच, महाराष्ट्र की एमवीए सरकार में सहयोगी एनसीपी के शरद पवार ने इसे भाजपा द्वारा सरकार गिराने की कोशिश क़रार दिया है.
बॉम्बे हाईकोर्ट राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार के बारे में आपत्तिजनक पोस्ट साझा करने को लेकर 14 मई से जेल में बंद 21 वर्षीय छात्र निखिल भामरे की याचिका पर सुनवाई कर रहा था. अदालत ने महाराष्ट्र सरकार पर टिप्पणी करते हुए कहा कि इस तरह की कार्रवाई उस व्यक्ति (पवार) के नाम को नुकसान पहुंचाती है, जिसे दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान मिला है.
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख ख़ान के बेटे आर्यन ख़ान को बीते वर्ष क्रूज़ शिप पर मादक पदार्थ मिलने के मामले में क्लीन चिट दे दी. एनसीबी ने कहा कि आर्यन से जुड़े मामले में गंभीर अनियमितताएं पाई गईं, जहां अनिवार्य मेडिकल जांच, छापेमारी की वीडियो रिकॉर्डिंग और वॉट्सऐप चैट के लिए सबूतों की पुष्टि जैसे नियमों का पालन नहीं किया गया.
महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख पर मुंबई के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने पिछले साल भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे. जिसकी जांच सेवानिवृत्त न्यायाधीश केयू चांदीवाल के एक सदस्यीय आयोग को सौंपी गई थी. आयोग ने मंगलवार को अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और गृह मंत्री दिलीप वालसे पाटिल को दी. गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सिंह ने अपने आरोपों को सिद्ध करने के लिए जांच के दौरान कोई सबूत पेश नहीं किया.