केरल ने एनसीईआरटी द्वारा 11वीं और 12वीं की किताबों से हटाए गए हिस्सों को फिर से शामिल किया

केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कक्षा 11वीं और 12वीं के छात्रों के लिए अतिरिक्त किताबें जारी कीं, जिनमें वे हिस्से भी शामिल हैं, जिन्हें हाल ही में एनसीईआरटी द्वारा हटा दिया गया था. उन्होंने कहा कि एनसीईआरटी ने ग़लत तरीके से किताबों से ज़रूरी हिस्से हटा दिए हैं, जिससे उनका इतिहास और समाज को देखने का नज़रिया बदल जाएगा.

33 शिक्षाविदों ने एनसीईआरटी से उनके नाम पाठ्यपुस्तकों से हटाने का अनुरोध किया

देश के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों से जुड़े 33 शिक्षाविदों और राजनीति विज्ञान के जानकार, जो एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकें तैयार करने की प्रक्रिया के विभिन्न स्तरों पर जुड़े रहे हैं, का कहना है कि परिषद द्वारा इन किताबों में किए गए बदलावों के बाद वे यह दावा नहीं कर सकते कि ये उनके द्वारा तैयार की गई किताबें हैं.

महात्मा गांधी की पहचान और विरासत ने भाजपा-आरएसएस को हमेशा परेशान किया है: तुषार गांधी

एनसीईआरटी ने महात्मा गांधी, उनके हत्यारे नाथूराम गोडसे और आरएसएस पर 1948 में लगे प्रतिबंध से संबंधित सामग्री को कक्षा 12 की राजनीति विज्ञान और इतिहास की किताबों से हटा दिया है. इस पर महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी ने कहा कि किताबों से ऐसी सामग्री हटाए जाने से ‘संघ परिवार के ग़लत सूचना के अभियान’ को अधिक स्वीकृति मिलेगी.

कोविड के बहाने एनसीईआरटी ने समाजशास्त्र की किताब से जातिगत भेदभाव से संबंधित सामग्री हटाई

एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों की सामग्री को 'व्यवस्थित करने' और कोविड महामारी के बाद छात्रों पर से पठन सामग्री का भार 'कम' करने का हवाला देते हुए एक विशेषज्ञ समिति ने पाठ्यपुस्तकों से जाति, जाति विरोधी आंदोलन, साहित्य और राजनीतिक परिघटनाओं से जुड़े कई मौलिक उल्लेखों को हटा दिया है.

उत्तर प्रदेश: एनसीईआरटी पाठ्यक्रम के बाद अब मदरसों में लागू होगा ड्रेस कोड

सरकार के अल्पसंख्यक मामलों के राज्यमंत्री मोहसिन रज़ा ने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि मदरसों को अन्य शैक्षणिक संस्थानों की ही तरह देखा जाए. नया ड्रेस कोड छात्रों को अलग दिखाने की बजाय अन्य स्कूली छात्रों की तरह ही पेश करेगा.

यूपी सरकार ने मदरसों में एनसीईआरटी की किताबें पढ़ाने के आदेश दे दिए, पर किताबें नहीं दीं

प्रदेश के 560 शासकीय सहायता प्राप्त मदरसों को सर्वशिक्षा अभियान के तहत कक्षा एक से आठ तक की किताबें मुफ्त उपलब्ध कराई जाती हैं. अप्रैल में शिक्षण सत्र शुरू हो चुका है, पर अब तक किताबें नहीं मिली हैं.