केरल ने एनसीईआरटी द्वारा 11वीं और 12वीं की किताबों से हटाए गए हिस्सों को फिर से शामिल किया

केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कक्षा 11वीं और 12वीं के छात्रों के लिए अतिरिक्त किताबें जारी कीं, जिनमें वे हिस्से भी शामिल हैं, जिन्हें हाल ही में एनसीईआरटी द्वारा हटा दिया गया था. उन्होंने कहा कि एनसीईआरटी ने ग़लत तरीके से किताबों से ज़रूरी हिस्से हटा दिए हैं, जिससे उनका इतिहास और समाज को देखने का नज़रिया बदल जाएगा.

/

केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कक्षा 11वीं और 12वीं के छात्रों के लिए अतिरिक्त किताबें जारी कीं, जिनमें वे हिस्से भी शामिल हैं, जिन्हें हाल ही में एनसीईआरटी द्वारा हटा दिया गया था. उन्होंने कहा कि एनसीईआरटी ने ग़लत तरीके से किताबों से ज़रूरी हिस्से हटा दिए हैं, जिससे उनका इतिहास और समाज को देखने का नज़रिया बदल जाएगा.

तिरुवनंतपुरम में एक कार्यक्रम के दौरान केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कक्षा 11 और 12 के छात्रों के लिए किताबें जारी कीं. (फोटो साभार: ट्विटर/@pinarayivijayan)

नई दिल्ली: केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने बुधवार (23 अगस्त) को कक्षा 11वीं और 12वीं के छात्रों के लिए अतिरिक्त पाठ्यपुस्तकें जारी कीं, जिनमें वे हिस्से भी शामिल हैं. जिन्हें हाल ही में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) द्वारा हटा दिया गया था.

केरल सरकार ने कहा है एनसीईआरटी ने गलत तरीके से किताबों से जरूरी हिस्से हटा दिए हैं, जिसका छात्रों पर बुरा असर पड़ेगा. उनका इतिहास और समाज को देखने का नजरिया बदल जाएगा, उनमें मानवता की भावना कम हो जाएगी.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने तिरुवनंतपुरम के एक सरकारी स्कूल में हुए कार्यक्रम के दौरान कुछ छात्रों को इतिहास, राजनीति विज्ञान, अर्थशास्त्र और समाजशास्त्र की नई किताबें देकर इन्हें जारी किया.

उन्होंने कहा, ‘2023-24 शैक्षणिक वर्ष के लिए एनसीईआरटी ने जो किताबें तैयार की हैं, उन्हें तर्कसंगत बनाने के नाम पर कुछ बदलाव किए गए थे. कुछ हिस्सों को पूरी तरह से हटा दिया गया है. हमारी सरकार इसे बहुत गंभीरता से लेती है, क्योंकि जो पाठ हटाए गए हैं, वे ऐसे पाठ हैं, जिन्हें नहीं हटाया जाना चाहिए था.’

उन्होंने आगे कहा, ‘हमने इतिहास, राजनीति विज्ञान, अर्थशास्त्र और समाजशास्त्र विषयों के लिए उन हिस्सों को शामिल करके अतिरिक्त किताबें तैयार की हैं, जिन्हें हटाया नहीं जाना चाहिए था. शैक्षणिक सुधारों के नाम पर एनसीईआरटी राष्ट्रीय स्तर पर एकतरफा हस्तक्षेप कर रही है.’

मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि कक्षा 11वीं और 12वीं के छात्रों के लिए एनसीईआरटी की 12 विषयों की 44 किताबें पढ़ने के लिए उपलब्ध हैं, जिनमें कुछ पाठ विशेष स्वार्थ के साथ तैयार किए गए हैं.

उन्होंने कहा, ‘ऐसे पाठ छात्रों के सामाजिक और ऐतिहासिक दृष्टिकोण को बदल देंगे. खतरा यह है कि एक पीढ़ी मानवीय मूल्यों के अभाव में बड़ी होगी. यह हमारे समाज को खतरे में डाल देगा, जो भाईचारा है और जो धर्मनिरपेक्ष दिमाग से सोचता है. इसीलिए राज्य सरकार यह वैकल्पिक प्रस्ताव लेकर आई है.’

मुख्यमंत्री ने कहा कि एनसीईआरटी द्वारा किताबों से हटाए गए अंशों में से एक हिस्सा महात्मा गांधी की हत्या से संबंधित था.

उन्होंने कहा, ‘जो लोग गांधी की हत्या में शामिल थे, वे किस संगठन का हिस्सा थे और किन सिद्धांतों ने उन्हें निर्देशित किया, हम अच्छी तरह से जानते हैं. किताबों से ऐसे विवरणों को हटाना उनका बोझ कम करने के लिए नहीं, बल्कि कुछ राजनीतिक हितों के लिए है. ऐसे सुधारों का उद्देश्य गांधी हत्या में शामिल व्यक्तियों और संगठनों को बेदाग बनाना है. इसमें कोई संदेह नहीं है कि ऐसे संगठनों पर पर्दा डालने वाले कल को गोडसे को महान व्यक्ति बता सकते हैं. हमें कल्पना करनी चाहिए कि यह स्थिति कितनी खतरनाक है.’

उन्होंने दावा किया कि किताबों से मुगल इतिहास से जुड़े पाठों को हटाकर यह भावना पैदा करने की कोशिश की जा रही है कि यह देश समाज के एक विशेष वर्ग का है.

कथित तौर पर एनसीईआरटी द्वारा हटाए गए और बाद में केरल सरकार द्वारा बनाए रखे गए कुछ हिस्सों में मुगल इतिहास, औद्योगिक क्रांति, भारत का विभाजन, महात्मा गांधी की हत्या, पांच साल की आर्थिक योजनाएं और अमेरिकी पूंजीवाद शामिल हैं.

मालूम हो कि पिछले कुछ सालों में एनसीईआरटी ने शै​क्षणिक सुधार और पाठ्यक्रम को तर्कसंगत बनाने के नाम पर 9 से 12 तक की कक्षाओं में पढ़ाई जाने वाली किताबों में व्यापक बदलाव किए है.

एनसीईआरटी ने बीते मई महीने में कक्षा 12 के राजनीति विज्ञान की किताब से ‘एक अलग सिख राष्ट्र’ और ‘खालिस्तान’ के संदर्भों को हटाने की घोषणा की थी.

बीते अप्रैल माह में 12वीं कक्षा की इतिहास की किताबों से मुगलों और 2002 के गुजरात दंगों पर सामग्री और महात्मा गांधी पर कुछ अंश हटा दिए गए थे.

अप्रैल 2023 में ही एनसीईआरटी की कक्षा 11 की राजनीति विज्ञान की किताब ‘इंडियन कॉन्स्टिट्यूशन ऐट वर्क’ के पहले अध्याय से देश के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद के संदर्भ और इसी किताब के अध्याय 10 में उल्लिखित जम्मू कश्मीर के भारत में विलय से जुड़ी वह शर्त हटा दी गई है, जिसमें इसे संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत स्वायत्त बनाए रखने की बात कही गई थी.

इसी महीने में एनसीईआरटी ने किताबों से कुछ हिस्सों को हटाने को लेकर विवाद के बीच भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के लोकप्रिय किसान आंदोलन से संबंधित हिस्से को भी हटा दिया था.

आंदोलन का उल्लेख कक्षा 12वीं की राजनीति विज्ञान की किताब में ‘राइज़ ऑफ पॉपुलर मूवमेंट्स’ नामक अध्याय में किया गया था.  हटाए गए हिस्से में बताया गया था कि यूनियन 80 के दशक के किसान आंदोलन में अग्रणी संगठनों में से एक था.

इससे पहले जून 2022 में एनसीईआरटी ने समाजशास्त्र की किताब से कोविड के समय जातिगत भेदभाव से संबंधित सामग्री हटा दी थी. जुलाई 2020 में कक्षा 12 की एनसीईआरटी की राजनीतिक विज्ञान की किताब में जम्मू कश्मीर संबंधी पाठ में बदलाव किया था.

वहीं, अप्रैल 2019 में कक्षा 10 की इतिहास की किताब से राष्ट्रवाद समेत तीन अध्याय हटाए थे. उसके पहले मार्च 2019 में 9वीं कक्षा की किताबों से त्रावणकोर की महिलाओं के जातीय संघर्ष समेत तीन अध्याय हटाए गए थे.